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स्वावलंबी बनाने भारत सरकार के सर्टिफिकेट कोर्स में नि:शुल्क पंजीयन

रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान । नौकरी की तलाश कर रहे युवा एवं छात्रों को स्वावलंबी बनाने स्थानीय संसाधन तथा उनकी अभिरुचि के अनुसार उन्हें स्वयं के उद्यम का मालिक बनाने के लिए एक अत्याधुनिक सर्टिफिकेट कोर्स में निशुल्क पंजीयन प्रारंभ है। यह सर्टिफिकेट इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) के अंतर्गत संचालित इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार की परियोजना के अंतर्गत पूर्णतः नि:शुल्क है। छात्र-युवाओं को नौकरी पाने वाला नहीं अपितु नौकरी देने वाला उद्यमी बनने के लिए उद्यमिता-क्षमता- निर्माण का ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए प्रवेश लिंक: bit.ly/3X8wZTL पर क्लिक कर पंजीयन करा सकते है।
प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी देते हुए परियोजना की प्रोफेशनल इंस्ट्रक्टर सुश्री खुशबू तिवारी ने बताया कि युवाओं को नौकरी कर नौकर बनने की मानसिकता से बाहर निकालकर उन्हें अपना स्वयं का उद्यम शुरू कर मालिक बनने उनके क्षमता निर्माण करने के लिए उधमिता के अनेक आयाम पर प्रशिक्षित किया जायेगा। 64-कलाओं आधारित सांस्कृतिक स्टार्टअप, सोलह सिंगार स्टार्टअप, हर्बल ब्यूटी – डेकोरेटिव प्रोडक्ट्स फैशन एसेसरीज आधारित मातृशक्ति उधमिता, 108 जड़ी-बूटी आधारित हर्बल स्टार्टअप, मोटाअनाज आधारित 1008 भारतीय व्यंजनों का रेडी टू ईट स्टार्टअप, छप्पन-भोग खानपान उधमिता, 108 भारतीय मसाला स्टार्टअप, वनौषधि- आयुष स्टार्टअप, ट्रेडिंग, जनजातीय उधमिता, हथकरघा-बुटीक गारमेंट्स स्टार्टअप, हस्तशिल्प, गोबर उत्पाद, पूजन सामग्री स्टार्टअप, फूड प्रोसेसिंग स्टार्टअप, शिल्प एवं हथकरघा, डेयरी स्टार्टअप, बेकरी स्टार्टअप, महुआ स्टार्टअप, जैव उर्वरक स्टार्टअप, घरेलू / दैनिक उपयोग की वस्तुओं का स्टार्टअप, फुटवियर, बायोप्लास्टिक स्टार्टअप, स्पोर्ट्स आइटम स्टार्टअप्स, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक स्टार्टअप, सेमीकंडक्टर – मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक स्टार्टअप, नेचुरोपैथी एक्यूप्रेशर स्टार्टअप, संगीत एवं मनोरंजन उपकरण स्टार्टअप, रियल स्टेट सामग्री आधारित स्टार्टअप, रोबोटिक – 3डी प्रिंटिंग, सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन, बैटरी इलेक्ट्रिकल वाहन स्टार्टअप सहित युवाओं के अभिरुचि के अनुसार 21 हजार एमएसएमई/ स्टार्टअप को महाकौशल प्रांत के विभिन्न जिलों कटनी, जबलपुर, उमरिया, शहडोल, अनुपपुर, पन्ना, छतरपुर, नेवाड़ी, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, छिन्दवाड़ा, सागर, शिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, दमोह इत्यादि में शुरू करवाने का लक्ष्य है। इससे महाकौशल प्रांत में लगभग 12 लाख करोड़ का व्यापार शुरू हो सकेगा। पंजीयन कर प्रशिक्षण लेने वालों को “सर्टिफिकेट इन स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट” प्रदान किया जायेगा, इस सर्टिफिकेट का उपयोग विभिन्न शासकीय योजनाओं के अंतर्गत वित्तीय सहायता / लोन, औद्योगिक भूमि या क्लस्टर के आवंटन के लिए युवा कर सकेंगे। इलेक्ट्रोनिकी मंत्रालय भारत सरकार के इस प्रोजेक्ट के मुख्य अन्वेषक तथा अधिष्ठाता प्रो (डॉ) विकास कुमार सिंह है, जिन्होंने स्वावलंबी पाठ्यक्रम को डिजाईन तथा डेवेलप किया है। सुश्री खुशबू तिवारी ने आगे बताया कि कटनी के युवाओं को स्वावलंबी बनाने के इस अभियान में शासन-प्रशासन तथा समाज के गणमान्य व्यक्तियों तथा समाज के चौथे स्तंभ को सम्मिलित किया जा रहा है तथा युवाओं तक विषय पहुंचाने के संदर्भ में जिले के शैक्षणिक संस्थानों, समाज के प्रबुद्धजनों से सहयोग लिया जा रहा है।

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