ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग शुक्रवार, 26 मई 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
शुक्रवार 26 म ई 2023

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
🌌 दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।
शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।
शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर ग्रीष्म ऋतु
🌤️ मास – ज्येष्ठ मास
🌘 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📅 तिथि – ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष षष्ठी 05:19 AM तक उसके बाद सप्तमी है ।
📝 तिथि के स्वामी – सप्तमी के स्वामी भगवान सूर्य देव हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र आश्लेषा 08:50 PM तक उपरांत मघा
🪐 नक्षत्र स्वामी – नक्षत्र का स्वामी बुध है। तथा अश्लेषा नक्षत्र के देवता नागों के राजा शेषनाग को माना गया है।
🔕 योग – ध्रुव योग 07:03 PM तक, उसके बाद व्याघात योग
प्रथम करण : गर – 06:31 पी एम तक
द्वितीय करण – वणिज – पूर्ण रात्रि तक
🔥 गुलिक काल : – शुक्रवार को शुभ गुलिक प्रात: 7:30 से 9:00 तक ।
⚜️ दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही में चीनी या मिश्री डालकर उसे खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -दिन – 10:30 से 12:00 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:18:00 AM
🌅 सूर्यास्तः- सायं 06:42:00 PM
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:03 ए एम से 04:44 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:24 ए एम से 05:25 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:51 ए एम से 12:46 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:36 पी एम से 03:31 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:10 पी एम से 07:30 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 07:11 पी एम से 08:12 पी एम
💧 अमृत काल : 07:02 पी एम से 08:50 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:58 पी एम से 12:39 ए एम, मई 27
❄️ रवि योग : 05:25 ए एम से 08:50 पी एम
🚓 यात्रा शकुन-शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-लक्ष्मी मंदिर में श्रंगार सामग्री चढ़ाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – रवियोग/ शाबुओथ (ज्यू-यहुदी), झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पुण्यतिथि, पण्डित गुरु दत्त विद्यार्थी जन्म दिवस, .पी.एस.गिल स्मृति दिवस, 2014 में शानदार चुनावी जीत के बाद नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने आज ही के दिन देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी, नेशनल ब्लूबेरी चीज़केक डे, वर्ल्ड लिंडी हॉप डे, डोंट फ्राई डे, नेशनल रोड ट्रिप डे, वर्ल्ड ड्रैकुला डे, हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कथाकार – श्रीकांत वर्मा पुण्य तिथि, प्रसिद्ध क्रांतिकारी छगनराज चौपासनी वाला जन्म दिवस, गुयाना स्वतंत्रता दिवस, जॉर्जिया स्वतंत्रता दिवस, राष्ट्रीय धातु दिवस
✍🏼 विशेष – सप्तमी तिथि को आँवला त्याज्य बताया गया है। सप्तमी तिथि मित्रप्रद तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह सप्तमी तिथि एक शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देवता हैं। यह सप्तमी तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह सप्तमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि को सुबह सर्वप्रथम स्नान करके भगवान सूर्य को सूर्यार्घ देकर उनका पूजन करना चाहिये। उसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये। इससे जीवन में सुख, समृद्धि, हर्ष, उल्लास एवं पारिवारिक सुखों कि सतत वृद्धि होती है। सप्तमी तिथि में भगवान सूर्य की पुजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
🗺️ Vastu Tips 🗽
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य श्री गोपी राम से जानिए पूजा करने की सही दिशा के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा के दौरान अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। इनमें से भी पूर्व दिशा में मुख करके पूजा-अर्चना करना श्रेष्ठ रहता है। क्योंकि पूर्व दिशा शक्ति व शौर्य की प्रतीक है। वास्तु शास्त्र में पूजा के लिए पश्चिम की तरफ पीठ करके यानी पूर्वाभिमुख होकर बैठना ज्ञान प्राप्ति के लिए अच्छा माना जाता है।
इस दिशा में उपासना करने से हमारे भीतर क्षमता और सामर्थ्य का संचार होता है। जिससे हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने में आसानी होती है। इस दिशा में पूजा स्थल होने से घर में रहने वालों को शांति, सुकून, धन, प्रसन्नता और स्वास्थ लाभ मिलता है।
घर में पूजा स्थल हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में बनाना चाहिए। वास्तु इस दिशा को शुभ माना जाता है। वहीं घर के अंदर रखने वाले मंदिर की ऊंचाई उसकी चौड़ाई से दुगुनी होनी चाहिए। घर के भीतर पूजा घर बनवाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि इसके नीचे या ऊपर या फिर अगल-बगल शौचालय नहीं होना चाहिए। इसते साथ ही भूलकर भी घर की सीढ़ी के नीचे पूजा घर नहीं बनाना चाहिए।
🔰 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
पैर धोकर सोने क्यों जाना चाहिए
सॉफ्ट होती है स्किन कई लोगों के पैरों की स्किन सूखी और फटी रहती है. बाहर काम करते समय पसीने की वजह से पैरों में बैक्टीरिया पैदा हो जाता है. इसकी वजह से बदबू और इंफेक्शन हो सकता है. इससे बचने के लिए पैरों को साबुन से अच्छी तरह धोकर ही सोने जाएं. इससे डेड स्किन सेल्स हट जाती हैं और स्किन सॉफ्ट बनती हैं.
बॉडी टेम्परेचर नॉर्मल बाहर से आने के बाद अगर आप नहा नहीं पा रहे हैं तो सिर्फ पैरों को धोकर ही बॉडी के टेंपरेचर को मेंटेन रख सकते हैं. इससे चैन की नींद आती है. पैर धोने से आराम मिलता है और मूड भी बेहतर बनता है.
दर्द से छुटकारा पूरे दिन काम के बाद पैरों में तेज दर्द से भी पैर धोना आराम दिलाता है. आधा बाल्टी पानी में एप्सम सॉल्ट डालकर पैरों को थोड़ी देर उसमें रखकर बैठ जाएं. इससे बॉडी के साथ काफी आराम मिलता है.
पैरों की हर समस्या का समाधान
पैरों को धोकर सोने से पैरों का दर्द, ऐंठन, अकड़न भी खत्म होता है. आधी बाल्टी गुनगुने पानी में पैरों को डालकर बैठने से पैरों की मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं. इससे पैरों की जुड़ी कई समस्याएं दूर हो जाती हैं.
पैरों की बदबू दूर होती है गर्मी के दिनों में देर तक जूते पहनने से पैरों से स्मैल आने लगती है. इससे पैरों में खुजली की समस्या भी होती है. इससे बचने के लिए पैरों को अच्छी तरह धोकर साफ कपड़े सो पोछें और इसके बाद ही बिस्तर पर जाएं।
🍃 आरोग्य संजीवनी ☘️
प्रेग्नेंसी में बार-बार पेशाब आने की वजह कहते हैं कि प्रेगनेंसी में बार-बार पेशाब आना बहुत ही आम सी बात है, हार्मोनल चेंजेस की वजह से ऐसा हो सकता है. आपको बता दें कि बार-बार पेशाब आने के कारण एचसीजी हार्मोन का स्तर बढ़ना सबसे ज्यादा जिम्मेदार होता है. जब शरीर में यह हार्मोन का स्तर बढ़ता है तो गर्भवती महिला की किडनी में ब्लड सरकुलेशन बढ़ जाता है यही वजह है कि बार-बार यूरिनेट करना पड़ता है.वहीं प्रेगनेंसी के आखिरी महीनों में गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है जिसकी वजह से वो ब्लैडर की क्षमता को कम कर देता है और ये महसूस होता है कि ब्लैडर भर गया है और आपको पेशाब करने की जाने की जरूरत है. प्रेगनेंसी में बार-बार पेशाब आने के पीछे आपका खान-पान भी जिम्मेदार हो सकता है. अक्सर प्रेग्नेंसी में हम बहुत ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करने लगते हैं. इस वजह से भी बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है.इसके अलावा प्रेगनेंसी के छठे हफ्ते में और ,24 वें हफ्ते में यूटीआई का खतरा काफी रहता है.इस वजह से भी आपको बार-बार पेशाब का एहसास हो सकता है।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
आचार्य श्री गोपी राम की कही हुई बात लोग आज भी अमल करते हैं।उनके उपदेश और नीतियां आज भी व्यक्ति को जीवन में सही राह दिखाती हैं। सुख और दुख जीवन में धूप और छांव की तरह होते हैं। ये समय के साथ आते-जाते रहते हैं। जीवन में सुख-दुख का आना जाना लगा रहता है, लेकिन कुछ दुख ऐसे होते हैं जो व्यक्ति को अंदर तक तोड़ कर रख देते हैं। कई बार इंसान के जीवन में ऐसी घटना घटती है जिसे वो ताउम्र भूल नहीं पात। ये दुख व्यक्ति के जीवन में इतना गहरा प्रभाव डालते हैं कि लाख कोशिशों के बाद भी उन दुखों से बाहर निकलपाना आसान नहीं होता है। आइए जानते हैं कौन सी वो परिस्थितियां हैं जो मनुष्य को अंदर से बेदम कर के रख देती हैं।
पुत्री को विधवा देखना बेटी के लिए वर की तलाश कर उसका विवाह करना पिता का सबसे खूबसूरत ख्वाब होता है। बेटी का विवाह करके पिता अत्यंत सुख का अनुभव करता है। लेकिन यदि बेटी विधवा हो जाए तो माता-पिता के लिए ये जीवन का सबसे बड़ा दुख होता है। आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार, ये दुख माता-पिता को तोड़कर रख देता है और वे जीवनभर इस दुख से निकल नहीं पाते।
शक्की और झगड़ालू जीवनसाथी कहा जाता है कि जब दो लोगों की शादी होती है तो वो अपनी सुन्दर दुनिया बसाते हैं।लेकिन अगर शादी में स्त्री हो या पुरुष किसी का स्वभाव अच्छा नहीं है। वो झगड़ालू प्रवृत्ति का है, तो उसके जीवनसाथी की ज़िंदगी नर्क के सामान बन जाती है। इस दुख से बाहर निकल पाना स्त्री या पुरुष दोनों के लिए मुश्किल होता है।
शराबी व्यक्ति किसी का सगा नहीं होता। ऐसा व्यक्ति ना ही अपने माँ बाप की सेवा करता है और न ही अपने परिवार का ध्यान रख पाता है।यदि कोई व्यक्ति शराबी है और काम धाम नहीं करता तो उसकी पत्नी और बच्चों का जीवन नर्क के समान हो जाता है। बाद में परिस्थितियां भले ही सही हो जाएं, लेकिन वो दुख व्यक्ति को जीवन भर सताता रहता है।
निकम्मा पुत्र, पिता की बुढ़ापे की लाठी होता है, लेकिन यदि पुत्र मूर्ख और निकम्मा हो तो वो जीवन भर माता-पिता पर बोझ के समान बन जाता है। ऐसे पुत्र जिनकी बुढ़ापे में भी माता पिता को चिंता करनी पड़े, उसका धरती पर होना अभिशाप की तरह है।
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⚜️ सप्तमी तिथि को सुबह सर्वप्रथम स्नान करके भगवान सूर्य को सूर्यार्घ देकर उनका पूजन करना चाहिये। उसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये। इससे जीवन में सुख, समृद्धि, हर्ष, उल्लास एवं पारिवारिक सुखों कि सतत वृद्धि होती है। सप्तमी तिथि में भगवान सूर्य की पुजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
सोमवार और शुक्रवार कि सप्तमी विशेष रूप से शुभ फलदायी नहीं मानी जाती बाकी दिनों कि सप्तमी सभी कार्यों के लिये शुभ फलदायी मानी जाती है। सप्तमी को भूलकर भी नीला वस्त्र धारण नहीं करना चाहिये तथा ताम्बे के पात्र में भोजन भी नहीं करना चाहिये। सप्तमी को फलाहार अथवा मीठा भोजन विशेष रूप से नमक के परित्याग करने से भगवान सूर्यदेव कि कृपा सदैव बनी रहती है।

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