घटिया निर्माण की भेंट चढा स्कूलों में बनने वाले पानी के प्याऊ
सिलवानी । सरकारी स्कूलों में बच्चों को परेशानी ना हो इसलिए सरकार द्वारा प्रत्येक स्कूल में पेयजल व्यवस्था के लिए प्याऊ बनवाया जा रहा है, जिसकी लागत छात्रों की संख्या के अनुसार एक से डेढ़ लाख रुपए तक है। उक्त कार्य शिक्षा विभाग द्वारा पीएचई विभाग के माध्यम से करवाया जा रहा है। इसके लिए निविदाएं भी बुलाई गई थी। मगर सिलवानी विकासखंड में यह योजना मात्र दिखावा और ठेकेदारों के लिए कमाई का जरिया मात्र बनकर रह गई है। एस्टीमेट के हिसाब से इसमें प्रत्येक प्याऊ पर टीन शेड, टंकी मोटर, वॉश बेसिन का पक्का शेड सहित नल फिटिंग कार्य भी किया जाना है। मगर ठेकेदार द्वारा प्याऊ के ऊपर घटिया टीन शेड लगाया जा रहा है प्याऊ के लिए बनने वॉश बेसिन का स्ट्रक्चर भी घटिया बनाया गया।
कहीं-कहीं तो इसे स्कूल की दीवार का सहारा लेकर बना दिया और ठेकेदार ने अपने रुपए बचा लिए। कहीं पर बिना फाउंडेशन भरे निर्माण किया गया, जहां न तो कालम और बीम नहीं डाले। इस तरह बिन आरसीसी स्ट्रक्चर के शेड और यूनिट का निर्माण किया जा रहा है, जिससे उक्त निर्माण कितना मजबूत और टिकाऊ होगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। वहीं जिम्मेदार विभाग के उपयंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारी कभी यहां आकर निर्माण कार्य की निगरानी करना जरुरी नहीं समझते। पानी की लाइन भी जमीन पर ही बिछा दी गई।
लोगों ने बताया कि हमारे गांव के स्कूल में पेयजल के लिए यूनिट बनाई है, मगर काफी घटिया निर्माण की है जो अभी से टूटने दरकने लगी है ।
इस संबंध में शैलेन्द्र यादव , बीआरसीसी सिलवानी का कहना है कि गुणवत्ताहीन काम होने की सूचना मुझे मिली थी फोटो भी आए थे। इस संबंध में एसडीएम और पीएचई को पत्र से गुणवत्ताहीन कार्य की सूचना दी गई है। साथ ही प्रधान अध्यापकों को भी निर्देशित किया है कि गुणवत्ता पूर्ण कार्य होने पर ही हैंड ओवर लें।