दंडवत करते हुए नर्मदा मैया को प्रसन्न करते हैं ग्राम साईखेड़ा के श्रद्धालु
रिपोर्टर : शिवकुमार साहू
सिलवानी । निरंतर 18 वर्षों से ग्राम सांईखेड़ा के श्रद्धालुओं में यह परंपरा बरकरार बनी हुई है कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा। जी हां जब व्यक्ति हताश हो जाता है परेशानियां चारों तरफ से घेर लेती हैं जब ही ईश्वर उन परिस्थितियों में मनुष्य को याद आता है लेकिन अगर समय रहते सुख जीवन में ही प्रभु को याद कर लिया जाए तो दुख आपके नजदीक नहीं आ सकता ऐसा ग्राम सांईखेड़ा के श्रद्धालुओं का मानना है जो कि सत्य है जिसके चलते ग्राम साईखेडा में निरंतर 18 वर्षों से 21लोगों का जत्था मां नर्मदा मैया को प्रसन्न करने बोरास घाट दंडवत करते हुए पहुंच रहे हैं श्रद्धालुओं का जत्था ग्राम सांईखेड़ा के श्री लक्ष्मीनारायण बड़ा मंदिर से 21 श्रद्धालु दंडवत करते हुए धूमधाम के साथ बुधवार को प्रातः 9 बजे निकले श्रद्धालुओ को उनके परिजनों, मित्रो, शुभचिंतको ने श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंच कर उन्हें नरियल श्रीफल भेंट कर श्री माला अर्पण कर उनकी यात्रा मंगलमय रहे शुभ कामना के साथ उन्हें विदा किया । साथ ही ग्राम में बैंड बाजों के साथ आगे चल रहे ध्वज को ग्रामीणों ने प्रणाम किया, ग्रामीणों ने जगह-जगह उनका फूल श्री फल से स्वागत किया ।
यह यात्रा लगभग 45 किलोमीटर कि रहेगी जो मकर सक्रांति के दिन यह यात्रा बोरास घाट पहुंचकर पूजा अर्चना कर समापन होगी, वही बड़ी संख्या में ग्राम वासियों ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी हैं इस यात्रा से ग्राम में भक्तिमय माहौल बना हुआ है।
