पाटन अस्पताल का नया कारनामा, मृतकों के शव को प्रबंधन रखवा रहे जनरेटर रूम में

जवाबदार बने मौन, बीएमओ के प्रति ग्रामीणों में दिखी नाराजगी
ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
जबलपुर । जबलपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मानवता हुई शर्मसार जब पोस्टमार्टम के लिये लाया गया मानव शरीर को मर्चुरी की जगह न रख कर रखवा दिया जनरेटर रुम में । क्षेत्रीय विधायक के भतीजे का एक और कारनामा दिखा सामने । पीड़ित परिवार के सदस्यों ने मीडिया को बताई आप बीती । पीड़ित परिवार के लोगों ने बताया कि पाटन सरकारी अस्पताल में आय दिन कुछ न कुछ नया देखने सुनने को मिल जाता है। ऐसा प्रतीत होता है कि बीएमओ डॉक्टर आदर्श विश्नोई के संरक्षण में अस्पताल के कर्मचारी भी हमेशा ही कुछ ना कुछ तूफानी करने की फिराक में रहते हैं। ऐसा ही सनसनी खेज मामला मंगलवार को सुबह अस्पताल में देखने को मिला । यहाँ जब मड़वा गांव निवासी मृतक बहादुर सिंह लोधी का शव अस्पताल के मर्चरी में ना रखकर अस्पताल परिसर में बने जनरेटर रूम बने हुये ऑक्सीजन सिलेंडर के अलावा कुछ स्क्रैप का सामान हमेशा पड़ा रहता है। वही शव को लावारिस हालत में रख दिया जाता है। अस्पताल के लापरवाह डॉक्टरों के द्वारा इलाज कराने आय ग्रामीणों को जीते जी तो सम्मान नहीं दिया जाता हैं लेकिन मरने के बाद भी उनके मृत शरीर के साथ ऐसी घिनौनी हकीकत मरे हुए जमीर वाला व्यक्ति ही कर सकता हैं । डॉक्टर जब अस्पताल में पड़ताल की गई तो लोगों ने बताया कि अस्पताल में अधिकतर शव एक्सीडेंट के आते है। और रक्तरंजित शव को जनरेटर रूम में लावारिस हालत में रख दिया जाता है। लोगों ने बताया कि लहूलुहान शव रखने की वजह से जनरेटर रूम के आस पास कुत्ते, बिल्लियों का जमावड़ा भी बना रहता है। कर्मचारियों के द्वारा भूलवश कभी कभार यदि रूम का दरवाजा खुला छोडा गया तो जनरेटर रूम में रखे शव को जानवरो नोचते खरोंच के द्वारा क्षति भी पहुंचाते हैं । ऐसी घटना होने का विषय हमेशा बना रहता है। आखिर क्या वजह है जिला स्वास्थ्य विभाग का जो क्षेत्रीय विधायक के भतीजे बीएमओ डॉक्टर आदर्श बिश्नोई पर मेहरबान है । यह समझ से परे है यही वजह है कि पाटन सरकारी अस्पताल को डॉक्टर आर्दश विश्नोई प्राइवेट कंपनी बनकर चला रहे है यहां हर काम बीएमओ की मनमर्जी से होते है। जब तो मरने के बाद भी ग्रामीणों के शव लावारिस हालत में जनरेटर रूम में देखें जा रहें है ।
विगत कुछ दिनो पहलें भी अस्पतालों में मशीनों को लेकर जाँच करने की मांग उठी थी । पर किसी की मेहर बानी से यथा वत रह गई ।
