मध्य प्रदेश

देशी दीयों का क्रेज बरकरार, कुम्हार तैयारी में जुटे

सिलवानी। दीपों उत्सव का पर्व दीपावली नजदीक आ चुकी है इस पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए दीपों का अपना महत्व है आधुनिकता के युग में बिना तेल डालने वाले अनेक दीपक बाजार में विक्रय के लिए आ गए है। आधुनिक दीपों की तुलना में देशी दिए का अपना ही महत्व होता है। इसीलिए इन देशी दिए की मांग होने पर कुम्हार जाति के सदस्य देशी दिए को तैयार करते है जिसमें लोग तेल और बाती डाल कर दीपावली के दिन दीपों को अधिक उपयोग करते है। दीपावली पर पूजा स्थल पर मोम बाती के दिए की अपेक्षा देशी दियों में तिली का तेल डाल कर बाती के साथ दीप प्रज्जवलित का महत्व होता है। यही कारण है कि कुम्हार समाज के सदस्यों को देशी दिए तैयार करके अपनी खाली हाथ को काम देते है। उनका कहना है कि देशी दिए तैयार करने में सबसे पहले मिट्टी को तैयार करने में मेहनत करना पड़ती है यदि मिट्टी में छोटा भी पत्थर रहता है तो दिया खराब हो जाता है।

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