धार्मिक

10 सितंबर से शुरु हो रहा पितृपक्ष, जानें इस बार की श्राद्ध तिथियां, 17 को न करें श्राद्ध

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
10 सितंबर से शुरु हो रहा पितृपक्ष जानें इस बार की श्राद्ध तिथियां 17 को न करें श्राद्ध
शनिवार 10 सितंबर से पितृपक्ष शुरु हो रहा है। यह 25 सितंबर तक चलेगा। इस वर्ष पूर्णिमा से सप्तमी तक के श्राद्ध सूर्योदय व्यपिनी तिथि से एक दिन पूर्व रहेंगे।
✍🏽 (आचार्य श्री गोपी राम)
इस माह 10 सितम्बर से 25 सितम्बर 2022 तक श्राद्ध पक्ष रहेगा। श्राद्ध पक्ष आश्विन कृष्णपक्ष क़ी प्रतिपदा से आश्विन अमावस्या तक होता है। भाद्रशुक्ल पूर्णिमा पर पूर्णिमा एवं पौष्ठपदी का श्राद्ध होने से इसे भी महालय पर्व में सम्मिलित किया जाता है। इस वर्ष पूर्णिमा से सप्तमी तक के श्राद्ध सूर्योदय व्यपिनी तिथि से एक दिन पूर्व रहेंगे। पावर्ण श्राद्ध अपराह्न व्यपिनी पुण्य तिथि पर ही सम्पन्न किये जाते हैं। इसलिए 10 सितम्बर को पूर्णिमा एवं प्रतिपदा का श्राद्ध संपन्न किया जायेगा।
👉🏼 1.प्रोष्ठपदी (पूर्णिमा) श्राद्ध (भाद्र शुक्ल पूर्णिमा) /प्रतिपदा का महालय श्राद्ध
📆 दिनाँक 10 सितंबर 2022, शनिवार को ही मान्य होगा, क्योंकि यह पार्वण श्राद्ध है, पूर्णिमा का श्राद्ध पूर्णिमा को ही होना चाहिए। शास्त्र नियम के अनुसार सभी पावर्ण- महालय श्राद्ध अपराह्न व्यापिनी भाद्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के दिन इसे करने का विधान है परन्तु इस वर्ष आश्विन कृष्ण प्रतिपदा 11 सितंबर 2022, रविवार को अपराह्न प्रारम्भ होने से पूर्व ही समाप्त हो रही है जिससे यह इस दिन अपराह्न व्यपिनी नहीं है। यह तिथि 10 सितम्बर 2022 को ही अपराह्न व्यपिनी है अतः इस तिथि पर (प्रतिपदा ) का यह श्राद्ध 10 सितम्बर 2022 शनिवार (पूर्णिमा श्राद्ध वाले दिन ) को ही संपन्न किया जाना चाहिए क्योंकि प्रतिपदा तिथि अपराह्न 3:29 बज़े से सांय 4:06 बज़े तक अपराह्न व्यपिनी होगी। इस दिन सन्यासियों का चातुर्मास समाप्त होगा।–आश्विन कृष्ण पक्ष आरम्भ, पितृ पक्ष आरम्भ- -2. द्वितीया का महालय श्राद्ध (11 सितम्बर 2022, रविवार :– आश्विन कृष्ण पक्ष (पितृ-पक्ष) में आत्मीय मृत व्यक्ति की जो तिथि आये, उस तिथि में पार्वण श्राद्ध करने का विधान है। पार्वण श्राद्ध में पिता, पितामह, प्रपितामह, सपत्नीक अर्थात माता, दादा और परदादी सहित छ: जनों का श्राद्ध होता है इन्हें अपराह्न-व्यापिनी मृत्यु तिथि के दिन ही करना चाहिए। शास्त्र के अनुसार यदि मृत्यु तिथि अपराह्न काल को दो दिन असमान रूप से व्याप्त हो अर्थात एक दिन अधिक दूसरे दिन कम समय के लिए व्याप्त करे तो वहां अधिक अपराह्न काल-व्याप्ति वाले दिन श्राद्ध किया जाता है द्वितीया का श्राद्ध इस वर्ष 11 सितंबर 2022, रविवार को ही मान्य होगा क्योंकि इस वर्ष कृष्ण द्वितिया 11 सितम्बर रविवार को सम्पूर्ण अपराह्न काल को स्पर्श कर रही है जबकि 12 सितम्बर 2022, सोमवार को माध्यन्ह से भी पहले पूर्वाहन 11:36 बज़े समाप्त हो रही है अतः द्वितिया तिथि का पावर्ण श्राद्ध 11 सितम्बर 2022, रविवार को होगा। इस दिन 11 सितम्बर 2022, को अपराह्न काल लगभग अपराह्न 1:38 बज़े से सांय 4:06 बज़े तक होग l तृतीया का श्राद्ध:– तृतीया का श्राद्ध दिनाँक 12 सिंतबर 2022, सोमवार को शास्त्र सम्मत मान्य होगा 4.चतुर्थी का महालय श्राद्ध:–13 सितंबर 2022, मंगलवार को मान्य होगा।

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