ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग बुधवार, 24 मई 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
जय श्री हरि
🧾 आज का पंचांग 🧾
बुधवार 24 मई 2023

ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
☄️ दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।
बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर ग्रीष्म ऋतु
🌤️ मास – ज्येष्ठ मास
🌖 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि 03:01 AM तक उपरांत षष्ठी
📝 तिथि के स्वामी :- पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता जी और षष्टी तिथि के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी है।
💫 नक्षत्र- पुनर्वसु 03:06 PM तक उपरांत पुष्य
🪐 नक्षत्र स्वामी – पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति है। तथा नक्षत्र स्वामी बुध और चंद्रमा।
📢 योग – गण्ड योग 05:19 PM तक, उसके बाद वृद्धि योग
प्रथम करण : बव – 01:56 पी एम तक
द्वितीय करण – बालव – 03:00 ए एम, मई 25 तक
🔥 गुलिक काल : – बुधवार को (शुभ गुलिक) 10:30 से 12 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक । राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:19:00 A.M
🌅 सूर्यास्तः- सायं 06:41:00 PM
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:04 ए एम से 04:45 ए एम
🌆 प्रातः सन्ध्या : 04:25 ए एम से 05:26 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : कोई नहीं
✡️ विजय मुहूर्त : 02:35 पी एम से 03:30 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:09 पी एम से 07:29 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 07:10 पी एम से 08:12 पी एम
💧 अमृत काल : 12:28 पी एम से 02:13 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:57 पी एम से 12:38 ए एम, मई 25
❄️ रवि योग : 03:06 पी एम से 05:26 ए एम, मई 25
🚓 यात्रा शकुन-हरे फ़ल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-किसी बटुक को हरे फ़ल भेंट करें।
🌴 वनस्पति तंत्र उपाय-अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – अन्नप्राशन/ महादेव विवाह (उड़ीसा), आयरलैण्ड की महारानी विक्टोरिया जन्म दिवस, विश्व उत्पाद दिवस, राष्ट्रीय स्कैवेंजर हंट डे, ब्रदर्स डे, नेशनल एस्केरगोट डे, इंटरनेशनल टियारा डे, प्रसिद्ध नेता प्रतापचंद्र मज़ूमदार स्मृति दिवस, इरिट्रिया स्वतंत्रता दिवस, अलीगढ़ मुस्‍ल‍िम व‍िश्‍वव‍िद्यालय, एएमयू स्‍थापना दिवस, ‘भारतीय विदेश सचिव’ रंजन मथाई जन्म दिवस, क्रान्तिकारी करतार सिंह सराभा जन्म दिवस, राष्ट्रमंडल दिवस
✍🏼 विशेष – पञ्चमी तिथि को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। पञ्चमी तिथि को खट्टी वस्तुओं का दान और भक्षण दोनों ही त्याज्य है। पञ्चमी तिथि धनप्रद अर्थात धन देनेवाली तिथि मानी जाती है। यह पञ्चमी तिथि अत्यंत शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस पञ्चमी तिथि के स्वामी नागराज वासुकी हैं। यह पञ्चमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह पञ्चमी तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ और कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायीनी मानी जाती है।
🌹 Vastu Tips 🌸
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य श्री गोपी राम से जानिए पूजा करने की सही दिशा के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा के दौरान अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। इनमें से भी पूर्व दिशा में मुख करके पूजा-अर्चना करना श्रेष्ठ रहता है। क्योंकि पूर्व दिशा शक्ति व शौर्य की प्रतीक है। वास्तु शास्त्र में पूजा के लिए पश्चिम की तरफ पीठ करके यानी पूर्वाभिमुख होकर बैठना ज्ञान प्राप्ति के लिए अच्छा माना जाता है।
इस दिशा में उपासना करने से हमारे भीतर क्षमता और सामर्थ्य का संचार होता है। जिससे हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने में आसानी होती है। इस दिशा में पूजा स्थल होने से घर में रहने वालों को शांति, सुकून, धन, प्रसन्नता और स्वास्थ लाभ मिलता है।
इस दिशा में बनाएं पूजा स्थल
घर में पूजा स्थल हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में बनाना चाहिए। वास्तु इस दिशा को शुभ माना जाता है। वहीं घर के अंदर रखने वाले मंदिर की ऊंचाई उसकी चौड़ाई से दुगुनी होनी चाहिए। घर के भीतर पूजा घर बनवाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि इसके नीचे या ऊपर या फिर अगल-बगल शौचालय नहीं होना चाहिए। इसते साथ ही भूलकर भी घर की सीढ़ी के नीचे पूजाघर नहीं बनाना चाहिए।
✳️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
सूरन में फाइबर और रफेज की अच्छी मात्रा होती है जो कि बवासीर के मरीजों के लिए फायदेमंद है। दरअसल, बवासीर की मरीजों की सबसे दिक्कत है कब्ज और सूरन का सेवन इस समस्या को कम करने में मददगार है। ये मल में थोक जोड़ता है और मल को मुलायम बनाता है और इस तरह ये सूरन की सब्जी कब्ज की समस्या को दूर करने में मददगार है।
सूरन की सब्जी खाना शरीर का मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है। जब आप इसे खाते हैं तो ये पानी सोख लेता है और पेट के काम काज को तेज करता है और इस तरह ये पेट का मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है। इससे भी बवासीर में होने वाली कब्ज की समस्या दूर होती है।
सूरन की सब्जी बनाने के लिए पहले आप सूरन को काट कर उबाल लें। अब एक कड़ाही में तेल, सरसों और करी पत्ते का तड़का लगाएं। उसके बाद इस सब्जी में टमाटर और प्याज मिलाएं। ऊपर से हल्का सा हल्दी और धनिया पाउडर मिलाएं। थोड़ी देर भूनें और उसके बाद पानी मिलाएं। नमक मिलाएं और इसका सेवन करें। तो, आपको बवासीर की समस्या है तो सूरन की सब्जी जरूर खाएं।
💉 आरोग्य संजीवनी 🩸
उभरी हुई आंखें जो अलग से दिखे उभरी हुई आंखें थायराइड के कुछ गंभीर लक्षणों में है। इसे एक्सोफ्थाल्मोस भी कहते हैं जो कि हाइपरथायरायडिज्म के कारण होता है। इसमें हमारा इम्यून सिस्टम आंखों के आसपास की मांसपेशियों और अन्य टिशूज पर हमला कर देते हैं। इससे आंखों के सॉकेट के पीछे सूजन आ जाती है, जिससे आंखें बाहर निकल आती हैं।
पपड़ीदार त्वचा दर्द रहित गांठ और पपड़ीदार त्वचा के धब्बे थायराइड के लक्षणों में से एक है। असल में ये थायराइड ग्लैंड के ज्यादा प्रोडक्शन के कारण मेलानिन के बढ़ने की वजह से होता है। इससे त्वचा का रंग गहरा हो जाता है और कोलेजन की कमी होने लगती है। इससे स्किन फट कर पपड़ीदार हो जाती है पित्ती की समस्या पित्ती की समस्या जिसमें आपकी स्किन में आप अचानक से खुजली महसूस करने लगे तो ये थायराइड के लक्षणों में से एक है। नॉर्मली अगर ये समस्या होती है तो जल्दी ठीक हो जाती है लेकिन, थायराइड हार्मोन के कारण ये समस्या रह रहकर होती रहती है।
🌷 गुरु भक्ति योग 🌸
आचार्य श्री गोपी राम ने अपनी नीति शास्त्र में बताया है कि कुछ मामलों में महिलाएं, पुरुषों से हमेशा आगे क्यों रहती हैं। शास्त्र के अनुसार पुरुष कभी भी महिलाओं को कुछ मामलों में मात नहीं दे सकते। पुरुषों को ना चाहते हुए भी महिलाओं के इन गुणों के आगे सिर झुकाना ही पड़ता है। चलिए आपको बताते हैं किन बातों में पुरुष, महिलाओं से कभी जीत नहीं पाते।
दया की भावना आचार्य श्री गोपी राम कहते हैं, महिलाओं ने पुरुषों की अपेक्षा दया की भावना और ममत्व बहुत ज़्यादा होती है। स्त्रियां बहुत आसानी से लोगों को माफ़ कर देती हैं। धार्मिक ग्रंथों और पौराणिक कथाओं में भी महिला को दया-करुणा, वात्सल्य और ममता का रूप कहा गया है। पुरुष कितनी भी कोशिश कर लें, वो दया और करुणा के मामले में स्त्रियों को कभी पीछे नहीं छोड़ पाएंगे। आचार्य ने कहा है कि महिलाओं के इन गुणों से कभी उन्हें कमजोर समझने की भूल नहीं करना चाहिए।
समझदारी और धैर्य महिलाएं, पुरुषों के मुकाबले बहुत ज़्यादा धैर्यवान और समझदार होती हैं। महिलाओं में ये गुण कूट कूट कर भरा होता है। किसी भी छोटी या बड़ी समस्या को देखकर वो घबराती नहीं है, बल्कि उसका डटकर मुकाबला करती हैं। जबकि पुरुष बहुत जल्द अपना आपा खो देते हैं और अपने हाथों ही अपना नुकसान करवा लेते हैं।
पुरुषों को नहीं लगती स्त्रियों जितनी भूख आचार्य के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की ज्यादा भूख लगती है। हालांकि भूख सहने की क्षमता भी महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ज्यादा होती है। लेकिन खाने में भी वो पुरुषो को पछाड़ देती हैं।
●●●●●★᭄ॐ नमः श्री हरि नम: ★᭄●●●●●
⚜️ पञ्चमी तिथि में शिव जी का पूजन सभी कामनाओं की पूर्ति करता है। आज पञ्चमी तिथि में नाग देवता का पूजन करके उन्हें बहती नदी में प्रवाहित करने से भय और कष्ट आदि की सहज ही निवृत्ति हो जाती है। ऐसा करने से यहाँ तक की कालसर्प दोष तक की शान्ति हो जाती है। अगर भूतकाल में किसी की मृत्यु सर्पदंश से हुई हो तो उसके नाम से सर्प पूजन से उसकी भी मुक्ति तक हो जाती है।
पञ्चमी तिथि बहुत ही शुभ मानी जाती है। इस तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति गुणवान होता है। इस तिथि में जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह माता पिता की सेवा को ही सर्वश्रेष्ठ धर्म समझता है। इनके व्यवहार में उत्तम श्रेणी का एक सामाजिक व्यक्ति दिखाई देता है। इनके स्वभाव में उदारता और दानशीलता स्पष्ट दिखाई देती है। ये हर प्रकार के सांसारिक भोग का आनन्द लेते हैं और धन धान्य से परिपूर्ण जीवन का आनंद उठाते हैं।

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