ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग शुक्रवार, 28 जुलाई 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
शुक्रवार 28 जुलाई 2023

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
🌌 दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।
शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।
शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – दक्षिणायन
☀️ ऋतु – सौर वर्षा ऋतु
⛈️ मास – श्रावण मास
🌖 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि : श्रावण मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि 02:51 PM तक उपरांत एकादशी
✏️ तिथि स्वामी – दशमी तिथि के देवता हैं यमराज। इस तिथि में यम की पूजा करने से नरक और मृत्यु का भय नहीं रहता है।
💫 नक्षत्र : नक्षत्र अनुराधा 12:55 AM तक उपरांत ज्येष्ठा
🪐 नक्षत्र स्वामी : अनुराधा नक्षत्र का स्वामी शनि है, जो राशि स्वामी मंगल का शत्रु है।
🔔 योग – शुक्ल 11:56 AM तक उपरान्त ब्रह्मा योग है।
प्रथम करण : गर – 02:51 पी एम तक
द्वितीय करण : वणिज – 02:04 ए एम, जुलाई 29 तक
🔥 गुलिक काल : – शुक्रवार को शुभ गुलिक प्रात: 7:30 से 9:00 तक ।
⚜️ दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही में चीनी या मिश्री डालकर उसे खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -दिन – 10:30 से 12:00 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदय – प्रातः 06:12:55 AM
🌅 सूर्यास्त – सायं 19:15:55 PM
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:17 ए एम से 04:58 ए एम
🌌 प्रातः सन्ध्या : 04:38 ए एम से 05:40 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:00 पी एम से 12:55 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:43 पी एम से 03:38 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:15 पी एम से 07:36 पी एम
🌃 सायाह्न सन्ध्या : 07:15 पी एम से 08:18 पी एम
💧 अमृत काल : 02:45 पी एम से 04:19 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:07 ए एम, जुलाई 29 से 12:49 ए एम, जुलाई 29
सर्वार्थ सिद्धि योग : 05:40 ए एम से 12:55 ए एम, जुलाई 29
❄️ रवि योग : 05:40 ए एम से 12:55 ए एम, जुलाई 29
🚓 यात्रा शकुन-शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-लक्ष्मी मंदिर में बताशे चढ़ाएं।
🌳 वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – भद्रा/ मूल प्रारंभ/ भूतपूर्व राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर जयन्ती, विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस, अर्थ ओवरशूट डे अंतरराष्ट्रीय दिवस, विश्व लीवर (यकृत) दिवस, पेरू का पैट्रियस पर्व, वर महोत्सव दिवस, भारतीय कलाकार सुविज्ञ शर्मा जन्म दिवस, लेखिका महाश्वेता देवी स्मृति दिवस, विश्व हेपेटाइटिस दिवस
✍🏼 विशेष – दशमी तिथि को कलम्बी एवं परवल का सेवन वर्जित है। दशमी तिथि धर्मिणी और धनदायक तिथि मानी जाती है। यह दशमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह दशमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है। दशमी को धन देनेवाली अर्थात धनदायक तिथि माना जाता है। इस दिन आप धन प्राप्ति हेतु उद्योग करते हैं तो सफलता कि उम्मीदें बढ़ जाती हैं। यह दशमी तिथि धर्म प्रदान करने वाली तिथि भी माना जाता है। अर्थात इस दिन धर्म से संबन्धित कोई बड़े अनुष्ठान वगैरह करने-करवाने से सिद्धि अवश्य मिलती है। इस दशमी तिथि में वाहन खरीदना उत्तम माना जाता है। इस दशमी तिथि को सरकारी कार्यालयों से सम्बन्धित कार्यों को आरम्भ करने के लिये भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
🗺️ Vastu Tips 🗽
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य श्री गोपी राम से जानिए होटल में सुरक्षा गार्ड के कमरे व पार्किंग की दिशा के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि उत्तरी दिशा में सुरक्षा गार्ड का कमरा बनवाना चाहते हैं तो उसका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए, पूर्व दिशा में बनावाना चाहते हैं तो दरवाजा उत्तर मुखी होना चाहिए, दक्षिण दिशा में बनवाना है तो पूर्व दिशा की तरफ मुख करके कमरे का निर्माण करवाना ठीक रहता है।
इसके अलावा पार्किंग के लिए वायव्य कोण, यानि की उत्तर-पश्चिम दिशा या फिर पूर्व व उत्तर दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है। वास्तु शास्त्र में होटल के बाहर पेड़-पौधे लगाने के लिए भी सही दिशा के बारे में बताया गया है। भारी व बड़े पेड़-पौधे लगाने के लिए दक्षिण दिशा, पश्चिम दिशा या फिर नैऋत्य कोण का चुनाव करना चाहिए। जबकि छोटे पौधों व गमलों के लिए उत्तर, पूर्व या ईशान कोण का चुनाव करना ठीक रहता है।
✴️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
भगवान के आगे पैर फैलाकर बैठने से क्या होता है?
शास्त्रों के अनुसार, भगवान के सामने पैर फैलाकर बैठने से या पैर फैलाकर बैठने से धन की देवी मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। खासतौर पर शाम के समय तो कभी भी पैरों को क्रॉस करके नहीं बैठना चाहिए। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि जो व्यक्ति क्रॉस लेग करके बैठता है वह कभी पैसा नहीं कमा पाता है। उसे हमेशा आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। बैठने के अलावा पैर पर पैर रखकर सोना भी नहीं चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति की उम्र भी कम हो जाती है।
🩸 आरोग्य संजीवनी 💊
कई बार सोते वक्त अचानक से पैर की नस चढ़ जाती है, जिसका दर्द झेला नहीं जाता है. यह समस्या ज्यादातर पैर की नसों पर होती है हालांकि शरीर के किसी भी हिस्से की नस पर नस चढ़ सकती है. इसके अलावा रात में सोते समय कंधे, गर्दन और हाथ में भी अचानक नस चढ़ जाती है, जो हमारी अगली सुबह को खराब कर देती है. नस पर नस चढ़ने की स्थिति दो तरह की हो सकती है. पहली स्थिति में आपको तत्काल दर्द होग और ठीक हो जाएगा. जबकि दूसरी स्थिति गंभीर और दर्दनाक हो सकती है जो आपको लाचार भी बना सकती है. कुछ लोगों को ये समस्या ज्यादा रहती है. ऐसे में समझ नहीं आता कि आखिर ऐसा क्यों होता है. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह.
📚 गुरु भक्ति योग 🕯️
हिंदू धर्म में मंदिर जाकर पूजा-पाठ करना और परिक्रमा का विशेष महत्व है। अधिकतर लोग जब भी कोई मंदिर जाते हैं तो मंदिर परिसर की परिक्रमा जरूर करते हैं। कहते हैं कि ऐसा करने से कई गुना अधिक पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। वहीं मंदिर परिसर के अलावा देवी-देवताओं की परिक्रमा या प्रदक्षिणा करने का भी विधान है। मान्यताओं के मुताबिक, ऐसा करने से ईश्वर की अपार कृपा प्राप्त होती है और सभी अधूरी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। तो आज हम परिक्रमा से जुड़ी जरूरी महत्वपूर्ण बातें और नियमों के बारे में जानेंगे।
🛕 मंदिर में परिक्रमा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, परिक्रमा करने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि बरसता है। आपको बता दें कि अलग-अलग देवी-देवताओं के लिए परिक्रमा की अलग संख्या निर्धारित की गई है। भगवान की मूर्ति और मंदिर की परिक्रमा हमेशा दाहिने हाथ की ओर से शुरू करनी चाहिए। कहते हैं कि इससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
💁🏻‍♀️ किस देवी-देवता की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए?
मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों की चार, सूर्य देव की सात, गणेश जी की चार, बजरंगबली की तीन, देवी दुर्गा की एक और देवों के देव महादेव की आधी परिक्रमा लगानी चाहिए। मान्यताओं के मुताबिक, शिवलिंग की परिक्रमा करते समय जलधारी को लांघना नहीं चाहिए। जलधारी तक पंहुचकर परिक्रमा को पूर्ण मान लिया जाता है। इसलिए शिवलिंग की आधी परिक्रमा करके वापस उसी स्थान ओर आ जाएं जहां से परिक्रमा शुरू की गई थी।
👉🏽 मंदिर में परिक्रमा से जुड़ी जरूर बातें
परिक्रमा को बीच में कभी नहीं रोकना चाहिए, इसलिए ध्यान रखें कि परिक्रमा जहां से शुरू करें वहीं खत्म करें।
बाएं हाथ की तरफ से परिक्रमा भूलकर भी शुरू नहीं करना चाहिए। वरना परिक्रमा का फल नहीं मिलेगा।
जिस देवी-देवता की परिक्रमा कर रहे हैं मन में उनका ही ध्यान करें।
मंदिर या देवी-देवता की प्रतिमा की परिक्रमा लगाते समय मन में किसी के लिए बुरे विचार न लाएं।
जिस देवी-देवता की प्रतिमा की परिक्रमा कर रहे हैं उनके मंत्र का जाप करते रहें।
●●●●●★᭄ॐ नमः श्री हरि नम: ★᭄●●●●●
⚜️ दशमी तिथि के देवता यमराज जी बताये जाते हैं। यमराज दक्षिण दिशा के स्वामी माने जाते हैं। इस दशमी तिथि में यमराज के पूजन करने से जीव अपने समस्त पापों से छुट जाता है। पूजन के उपरान्त क्षमा याचना (प्रार्थना) से जीव नरक कि यातना एवं जीवन के सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। इस दशमी तिथि को यम के निमित्ति घर के बाहर दीपदान करना चाहिये, इससे अकाल मृत्यु के योग भी टल जाते हैं।
दशमी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है, वो लोग देशभक्ति तथा परोपकार के मामले में बड़े तत्पर एवं श्रेष्ठ होते हैं। देश एवं दूसरों के हितों के लिए ये सर्वस्व न्यौछावर करने को भी तत्पर रहते हैं। इस तिथि में जन्म लेनेवाले जातक धर्म-अधर्म के बीच के अन्तर को अच्छी तरह समझते हैं और हमेशा धर्म पर चलने वाले होते हैं।

Related Articles

Back to top button