योगेश्वर श्रीकृष्ण का चरित्र युवाओं के लिए प्रेरणा : ब्रह्माकुमारी मोहिनी बहन
ब्रह्माकुमारीज संस्थान में सजाया गया श्रीराधे-कृष्ण का चैतन्य दरबार
सिलवानी । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र सिलवानी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में सेवा केन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मोहिनी बहन ने श्रीकृष्ण की बाललीला का आध्यात्मिक चरित्र बताते हुए कहा कि योगेश्वर श्रीकृष्ण का सम्पूर्ण चरित्र युवाओं को प्रेरणा देने वाला हैं। 16 कलाओं के धनी श्रीकृष्ण का चरित्र, उनकी साधना, उनकी विपरीत परिस्थितियां आज के युवा को आत्मदर्शन कराती हैं। कहते है कि मानव जब-जब सम्पूर्ण पवित्र बनने की कोशिश करेगा, तब-तब बाधाएं आएगी। श्रीकृष्ण का जन्मचरित्र ही देखो, भादों का अंधियारा नकारात्मक अंधेरा, जेल में जन्म दिखाते हैं। अतः आज के युवाओं को केवल जीवन निर्वाह और वासनामय, तृष्णा, लोभ से ऊपर उठकर देश, धर्म, समाज, संस्कृति के लिए सेवा, सहयोग और त्याग, बलिदान की प्रेरणा श्री कृष्ण के चरित्र से लेनी चाहिए।
राहतगढ़ सेवा केंद्र से पधारी ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने श्रीकृष्ण की विशेषताओं को बताते हुए कहा, कि श्रीकृष्ण सतयुग के प्रथम राजकुमार हैं, जो 16 कला सम्पूर्ण, सम्पूर्ण निर्विकारी, डबल अहिंसक, डबल सिरताज धारी हैं। जिनके अंदर क्रोध का अंश मात्र भी नहीं था। विपरीत परिस्थिति में भी उनके चेहरे पर बिखरी हुई मुस्कुराहट उनकी सात्विकता और संतुष्टता का प्रतीक है। बचपन से लेकर युवावस्था तक उनका जीवनकाल समस्याओं से घिरा होने के बावजूद भी उन्होंने कभी शिकायत नहीं की। श्री कृष्ण के जीवन से हमें सीख मिलती है कि परिस्थिति कैसी भी हो लेकिन हमें मुस्कुराकर उसका सामना करना चाहिए। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर परमपिता परमात्मा के साथ हमें यह संकल्प करना है, कि हम सबको भी एक दूजे को साथ लेकर, मिलजुल कर भारत को स्वर्ग बनाने में अपना सहयोग देना है
राज्य दरबार का शुभारंभ श्रीकृष्ण की आरती से हुआ जिसमें सभी भाई-बहिनों ने नन्द के आनन्द भयो, जय कन्हैया लाल की जयकारे लगाये। इस पावन पर्व पर कलाकारों द्वारा महारास किया गया, जिसने सभी का मन मोह लिया।
इस अवसर पर सिलवानी एसडीओपी अनिल मौर्य, नगर परिषद अध्यक्ष रेशु विभोर जैन, महेंद्र पलेचा रेंजर ऑफिसर, श्याम साहू, मोहन साहू पार्षद प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में भाई-बहन शामिल हुए।