ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग बुधवार, 15 नवम्बर 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
जय श्री हरि
🧾 आज का पंचांग 🧾
बुधवार 15 नवम्बर 2023

ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
☄️ दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।
बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – दक्षिणायन
☀️ ऋतु – सौर हेमंत ऋतु
⛈️ मास – कार्तिक मास
🌒 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – कार्तिक मास शुक्ल पक्ष दिन बुधवार द्वितीया तिथि 01:47 PM तक उपरांत तृतीया
✏️ तिथी स्वामी – द्वितीया तिथि के देवता हैं ब्रह्मा। इस तिथि में ब्रह्मा की पूजा करने से मनुष्य विद्याओं में पारंगत होता है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र ज्येष्ठा 03:01 AM तक उपरांत मूल
🪐 नक्षत्र स्वामीः- ज्येष्ठा नक्षत्र के स्वामी बुध देव हैं। तथा मूल नक्षत्र के स्वामी केतु देव है।
📣 योग – अतिगण्ड योग 12:07 PM तक, उसके बाद सुकर्मा योग
प्रथम करण : कौलव – 01:47 पी एम तक
द्वितीय करण : तैतिल – 01:13 ए एम, नवम्बर 16 तक
🔥 गुलिक काल : – बुधवार को शुभ गुलिक 10:30 से 12 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक । राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:36:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:24:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:39 ए एम से 05:30 ए एम
🌆 प्रातः सन्ध्या : 05:05 ए एम से 06:21 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : कोई नहीं
🔯 विजय मुहूर्त : 01:54 पी एम से 02:39 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:40 पी एम से 06:06 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 05:40 पी एम से 06:56 पी एम
💧 अमृत काल : 06:21 पी एम से 07:56 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:36 पी एम से 12:26 ए एम, नवम्बर 16
❄️ रवि योग : 03:01 ए एम, नवम्बर 16 से 06:21 ए एम, नवम्बर 16
💥 सुकर्मा योग- 15 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 8 मिनट से शुरू होकर गुरुवार की सुबह 9 बजकर 59 मिनट तक
🚓 यात्रा शकुन-हरे फ़ल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-भगिनी (बहन) घर भोजन कर बहन को भेंट दें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय- अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
💮 पर्व एवं त्यौहार – भ्रात द्वितीया/यम द्वितीया/चित्रगुप्त पूजा, सामाजिक कार्यकर्ता विनोबा भावे पुण्य तिथि, सानिया मिर्जा जन्मोत्सव, फिलिस्तीन राष्ट्रीय दिवस, जनजातीय गौरव दिवस, बिरसा मुण्डा जयंती, भारतीय वायु सेना के शहीद गरुड़ कमांडर ज्योति प्रकाश निराला जयन्ती, साहित्यकार जयशंकर प्रसाद पुण्य तिथि, राष्ट्रीय पुस्तक दिवस (सप्ताह), नवजात शिशु दिवस (सप्ताह), झारखण्ड राज्य गठन दिवस
✍🏼 विशेष – द्वितीया तिथि को कटेरी फल का तथा तृतीया तिथि को नमक का दान और भक्षण दोनों त्याज्य बताया गया है। द्वितीया तिथि सुमंगला और कार्य सिद्धिकारी तिथि मानी जाती है। इस द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्माजी हैं। यह द्वितीया तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह द्वितीया तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायिनी होती है।
🏘️ Vastu Tips 🏚️
वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे घर में तस्वीरों के रंग के बारे में। सबके घरों में अपनी पसंद के हिसाब से अलग-अलग तरह की, अलग-अलग रंग की तस्वीरे लगी होती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में लगाई जाने वाली तस्वीर भी घर पर बहुत असर डालती हैं, इसलिए घर में हर कमरे को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग रंगों की तस्वीर लगानी चाहिए। अगर घर के कमरों में प्रकृति से संबंधित रंग की तस्वीर लगाई जाए तो यह घर में रहने वाले सदस्यों के लिए बिजनेस, पढ़ाई, धन लाभ जैसे कई सुनहरे अवसरों के आगमन का कारण बन सकती है।
वास्तु के मुताबिक, बेडरूम में यदि लाल या गुलाबी रंग की तस्वीर लगाई जाये तो पति- पत्नी के बीच प्यार और विश्वास बना रहता है। तकरार की गुंजाइश कम हो जाती है। इसके अलावा स्टडी रूम में हल्के भूरे या हल्के नीले रंग की तस्वीर लगाना अच्छा रहता है। इससे बच्चों का मन पढ़ाई में लगा रहता है और तस्वीर को देखकर उन्हें सुखद अहसास होता है, जबकि बच्चों के सोने के कमरे में नारंगी या बैंगनी रंग की तस्वीर लगानी चाहिए।
⏹️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
ये हैं फैटी लिवर के लक्षण
इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों को थकान, कमजोरी, शरीर में हल्का दर्द, पेट के बीच में दर्द और भारीपन की शिकायत हो सकती है।
पैरों में सूजन आना – (फैटी लिवर में पैरों में सूजन आने लगती है। और धीरे धीरे पैरों का दर्द बढ़ने लगता है।)
थकान और कमजोरी महसूस करना (इस बीमारी में आपको अक्सर थकान और कमजोरी महसूस होगी)
पेट में दर्द होना (पेट में बहुत ज़्यादा मरोड़ आने लगता है और हमेशा दर्द होता है )
भूख कम लगना (धीरे धीरे आपको भूख कम लगने लगती है या न के बराबर भूख लगती है )
आंखों में पीलापन और त्वचा भी पीली पड़ना ( फैटी लिवर में आपकी आंखों और त्वचा में पीलपन दिखने लगता है)
वजन का लगातार घटना (इस समस्या में आपका वजन लगातार गिरते रहता है एयर आपको कमजोरी महसूस होने लगती है )
🍂 आरोग्य संजीवनी 🍁
पागलों की सिगरेट अपराजिता, कोयल, कटभी की छाल , त्रिकुटा, प्रियंगु, सिरस, हल्दी, दारु-हल्दी, सिरस की छाल , देवदारु, बकरी की मेंगनी,अपामार्ग की बीज। इन सब को सुखाकर कूटकर रखे। इन्हें बीड़ी के पत्ते या सिगरेट के पेपर में लपेट कर दिन-रात में चार बार धुम्रपान कराने से- साथ में सिर में बिनौले का तेल लगाने से- मिर्गी, पागलपन, हिस्टिरिया, पीनस रोग, शरीर में एकत्रित हुए विष विकार दूर होते है। ऐसा चरक ऋषि का कहना है।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
जामवंत किसके पुत्र थे? आध्यात्मिक रामायण (गीता प्रेस) के उत्तरकाण्ड में है इनके जन्म का संक्षित वर्णन. आपको ये जानकार आश्चर्य होगा की असल में जामवंत ही वाली और सुब्रिव की माँ थे.
एक नर कैसे नर की माता बन सकता है ये ही सोच रहे है न, जाने पूरी कहानी…..
पहले जामवंत के जन्म की कथा जाने, जामवंत असल में परम् पिता ब्रह्मा जी के ही पुत्र है! सप्तऋषि, सनत्कुमार, प्रजापति और नारद भी ब्रह्मा जी के पुत्र है लेकिन वो सभी उनके मानस पुत्र है (कल्पना से बनाये गए)! लेकिन जामवंत के जन्म का स्त्रोत अलग है जाने वो भी.
एक दिन ध्याम में बैठे बैठे ब्रह्मा जी के आँखों से अश्रुपात (आंसू गिरने लगे) हो गया, उन्ही आंसुओ से प्रकट हुए थे उनके पुत्र जामवंत जो की फिर हिमालय पर रहने लगे. जामवंत ने सागर मंथन में भी वासुकि को देवताओ की तरफ से खिंचा था और वामन अवतार की परिक्रमा भी की थी.
हिमालय पर एक दिन अपने को पानी में देख कर वो बंदर को देख कर चौंक गए और उस सरोवर में कूद गए, जब बाहर आये तो वो एक रूपवती किशोरी में परिवर्तित हो गए. उनने तप इंद्र की दृष्टि पड़ी जो की उनपे मोहित हो गए और उनका तेज (वीर्य) स्त्री रूपी जामवंत के सर के बालो पर गिरा जिससे की बाली (बालो से पैदा इसलिए बाली) का जन्म हुआ.
उसी समय सूर्य देवता भी वंहा से गुजरे वो भी मोहित हो गए, उनका तेज तब उस स्त्री के गर्दन पर गिरा जिससे की सुग्रीव पैदा हुए (सूर्य पुत्र ग्रीवा से पैदा हुए इसलिए सुग्रीव कहलाये). ऐसे दोनों भाई जन्मे तब जामवंत का स्त्रीत्व भी ख़त्म हो गया और वो फिर जामवंत हो गए.
तब ब्रह्मा जी के आदेश पर किष्किन्दा नगरी बसाई गई जिसका राजा बाली बना था, है न अढ़्भुत और विचित्र कथा?
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⚜️ प्रजापति व्रत दूज को ही किया जाता है तथा किसी भी नये कार्य की शुरुआत से पहले एवं ज्ञान प्राप्ति हेतु ब्रह्माजी का पूजन अवश्य करना चाहिये। वैसे तो मुहूर्त चिंतामणि आदि ग्रन्थों के अनुसार द्वितीया तिथि अत्यन्त शुभफलदायिनी तिथि मानी जाती है। परन्तु श्रावण और भाद्रपद मास में इस तिथि का प्रभाव शून्य हो जाता है। इसलिये श्रावण और भाद्रपद मास कि द्वितीया तिथि को कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिये।
शास्त्र कहता है, द्वितीया तिथि में जिस व्यक्ति का जन्म होता है, उस व्यक्ति का हृदय साफ नहीं होता है। इस तिथि के जातक का मन किसी की खुशी को देखकर आमतौर पर खुश नहीं होता, बल्कि उनके प्रति ग़लत विचार रखता है। इनके मन में कपट और छल का घर होता है, ये अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए किसी को भी धोखा दे सकते हैं। इनकी बातें बनावटी और सत्य से बहुत दूर होती हैं। इनके हृदय में दया की भावना बहुत ही कम होती है तथा यह किसी की भलाई तभी करते हैं जबकि उससे अपना भी लाभ हो। ये परायी स्त्री से अत्यधिक लगाव रखने वाले होते हैं जिसके वजह से कई बार इन्हें अपमानित भी होना पड़ता है।

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