ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग मंगलवार, 28 नवम्बर 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
मंगलवार 28 नवम्बर 2023

28 नवम्बर 2023 दिन मंगलवार को ही मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आज कार्तिक मास में व्रत रहने वाले लोग पारण कर सकते हैं। आज से धन-धान्य व्रत आरम्भ हो जाता है। वाराहपुराण के अनुसार धन प्राप्ति हेतु आज से वर्ष पर्यंत किसी एक व्रत को लेकर अथवा किसी एक वस्तु का त्याग करके इस व्रत को किया जाता है। आज द्विपुष्कर योग है, इसके विषय में लिखा है:- शुभाशुभे द्वयगुण्यकर: द्विपुष्करयोगः। अर्थात आज आप शुभ करोगे तो उसका भी पुण्य दुगुना मिलेगा और अशुभ करोगे तो उसका भी फल दुगुना ही होता है। आप सभी सनातनियों को “धन-धान्य व्रत” की हार्दिक शुभकामनायें।।
हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।
🌌 दिन (वार) – मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए ।
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए।
मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – दक्षिणायन
☀️ ऋतु – सौर हेमंत ऋतु
⛈️ मास – मार्गशीर्ष मास
🌒 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – मार्गशीर्ष मास कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि 02:05 PM तक उपरांत द्वितीया
✏️ तिथी स्वामी : प्रतिपदा तिथि के देवता हैं अग्नि। इस तिथि में अग्निदेव की पूजा करने से धन और धान्य की प्राप्ति होती है।
💫 नक्षत्र : नक्षत्र रोहिणी 01:31 PM तक उपरांत म्रृगशीर्षा
🪐 नक्षत्र स्वामी : रोहिणी नक्षत्र का स्वामी शुक्र है। तथा नक्षत्र के देवता ब्रह्मा जी हैं।
📢 योग : सिद्ध योग 10:03 PM तक, उसके बाद साध्य योग
प्रथम करण : कौलव – 02:05 पी एम तक
द्वितीय करण : तैतिल – 01:56 ए एम, नवम्बर 29 तक
🔥 गुलिक काल : मंगलवार का (अशुभ गुलिक) काल 12:21 पी एम से 01:58 पी एम
⚜️ दिशाशूल – मंगलवार को उत्तर दिशा का दिकशूल होता है।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से गुड़ खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल : मंगलवार का राहुकाल 03:35 पी एम से 05:11 पी एम राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:42:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:18:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:46 ए एम से 05:37 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:11 ए एम से 06:28 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:42 ए एम से 12:26 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 01:56 पी एम से 02:41 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:37 पी एम से 06:03 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 05:40 पी एम से 06:57 पी एम
💧 अमृत काल : 10:20 ए एम से 11:56 ए एम 05:01 ए एम, नवम्बर 29 से 06:38 ए एम, नवम्बर 29
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:39 पी एम से 12:30 ए एम, नवम्बर 29
🌸 द्विपुष्कर योग : 02:05 पी एम से 06:29 ए एम, नवम्बर 29
🚓 यात्रा शकुन-दलिया का सेवन कर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ अं अंगारकाय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-हनुमान मंदिर में लाल ध्वजा चढ़ाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय- खैर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – द्विपुष्कर योग/पुंसवन संस्कार मुहूर्त/कार्तिक व्रत पारण/ मार्गशीर्ष मासारंभ/ महात्मा ज्योतिबा फुले पुण्य तिथि, पनामा स्वतंत्रता दिवस, मॉरिटानिया स्वतंत्रता दिवस, कांगो गणतंत्र दिवस, चाड गणतंत्र दिवस, अल्बानिया स्वतंत्रता दिवस – झंडा दिवस (दिता ए फ्लेमुरिट), देवनारायण द्विवेदी पुण्य तिथि, भगवत झा आज़ाद जन्म दिवस
✍🏼 विशेष – प्रतिपदा को कद्दू एवं कूष्माण्ड तथा द्वितीया तिथि को कटेरी के फल का दान एवं भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। प्रतिपदा तिथि वृद्धि और सिद्धिप्रद तिथि मानी जाती है। इसके स्वामी अग्नि देवता हैं और यह तिथि नन्दा नाम से विख्यात है।
🗽 Vastu Tips 🗺️
इस दिशा में न बनवाएं दुकान का प्रवेश द्वार
वास्तु के मुताबिक, पश्चिम दिशा और दक्षिण दिशा में दुकान का प्रवेश द्वार कारोबार के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। यदि आप पश्चिम दिशा में प्रवेश द्वार बनवाते हैं तो आपका बिजनेस भी ठीक चलेगा तो कभी बिल्कुल खराब, कभी मंदी रहेगी तो कभी तेजी।
इसके अलावा यदि आप दक्षिण दिशा का चुनाव करते हैं तो यह आपके बिजनेस के लिए और भी बेकार है। आपका बिजनेस बिल्कुल चींटी की तरह धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा और आपको पैसों की तंगी बनी रहेगी। लेकिन यहां एक बात ध्यान देने की है कि अगर आप इन दिशाओं का चुनाव खाद्य पदार्थों और मनोरंजन सेवाओं की दुकान के लिए करते हैं तो ये दोनों ही दिशाएं अच्छी मानी जाती हैं।
🔰 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
धूप में न रखें: फर्नीचर को जितना हो सके धुप से दूर रखें। घर के जिस कोने में धूप आ रही हो वहां फर्नीचर न रखें। कई बार धूप पड़ने से फर्नीचर खराब होने लगता है। दरअसल खिड़की या दरवाजों से आती हुई धूप के कारण इसके पेंट पर असर पड़ता है और लकड़ी भी सिकुड़ने लगती है। ऐसे में फर्नीचर को ऐसी जगह रखें, जहां तेज धूप न जाए।
कवर लगाकर रखें: लकड़ी का फर्नीचर ज़्यादा समय तक चले इसलिए आप उसपर हमेशा कवर लगाकर रखें। कवर लगाने से उस पर जल्दी दाग धब्बे नहीं लगेंगे। साथ ही कवर की वजह से आपके फर्नीचर को नया लुक भी मिल जायेगा।
ऐसे हटाएँ दाग: फर्नीचर की सफाई के लिए शैम्पू और पानी का घोल बनायें। अब इसमें कपड़े भिगो लें और फर्नीचर की सफाई करें। चाहें तो फर्नीचर के दाग-धब्बों को मिटाने के लिए नींबू के रस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
🍃 आरोग्य संजीवनी ☘️
इन बीमरियों में है कारगर: पाइल्स के अलावा सूरन की सब्जी कैंसर जैसी बीमारी में भी बहुत ही फायदेमंद है। साथ ही ये इसका सेवन करने से हाज़मा बेहतर होता है और पाचनतंत्र मजबूत होता है।
सूरन की सब्जी के साथ छाछ पियें: सूरन के टुकड़ों को भाप में पका लें और फिर तिल के तेल में इसकी सब्जी बनाकर लगभग 1 महीने तक हर दूसरे दिन खाएं और ऊपर से छाछ पिएं। इससे बवासीर धीरे धीरे कम होने लगेगा।
ऐसे बनाएं सुरन का चोखा: इसे पहले अच्छी तरह से उबाल लें। उबालते समय पानी में थोड़ी सी फिटकिरी जरूर डालें। ठीक से उबल जाने के बाद इसका चोखा तैयार करें। इसमें थोड़ी सी खटाई जरूर डालें, नहीं तो गला काटता है
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
एक बार मां पार्वती ने शिव से अमर कथा और सृष्टि के आदि रहस्यों को समझने की जिद करने लगी। हारकर शिव को उनकी बात माननी पड़ी। लेकिन शर्त यह थी कि जो भी अमर कथा सुनेगा उसे वह कथा पूरी सुननी पड़ेगी। बीच में वह छोड़ नहीं सकता। शिव ने कथा सुनानी शुरू की, लेकिन इससे पहले की कथा पूरी होती मां को नींद आ गई । पार्वती को सोता देख शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने कहा, “तुम एक आदि शक्ति होकर भी कभी-कभी मनुष्य जैसा व्यवहार करने लगती हो।” यह सुनकर मां को अच्छा नहीं लगा और उन्होंने शिव से कहा, “अब मुझे प्राप्त करने के लिए आपको मनुष्य योनि में ही जन्म लेना पड़ेगा।” इतना कहने के पश्चात वह अंतर्ध्यान हो गयी। पार्वती के जाने के पश्चात शिव बहुत उदास रहने लगे। कई बार उन्हें याद भी किया लेकिन वह आए तो कैसे उन्होंने एक मछुआरे के मुखिया के घर में जन्म ले लिया था। समय बीतने के साथ-साथ पार्वती अपने बाल्यावस्था से निकलकर युवावस्था में प्रवेश कर गयी। उनकी सुंदरता और बहादुरी बहुत प्रचलित थी। कई नवयुवा उनसे विवाह करने की इच्छा रखते थे।
इधर शिव कई साल विरह में बिताने के बाद पार्वती को वापस लाने की सोची। उन्होंने अपने प्रिय नंदी को याद किया और एक लीला रची। शिव के कहे अनुसार नंदी ने एक विशालकाय मछली का रूप धारण किया और उसी नदी में चले गए जहां वह मछुआरे मछली पकड़ने आया करते थे। वहां नंदी ने मछली रूप में नदी में खूब उपद्रव मचाया। जब कभी भी उधर के मछुआरे मछली पकड़ने जाते या तो नंदी महाराज जाल तोड़ देते या वहां से मछुआरों को ही भगा देते। सारे मछुआरे अपनी गुहार लेकर अपने मुखिया के पास पहुंचे। मुखिया ने उनकी बात सुनी और और ऐलान करवा दिया कि जो कोई भी उस मछली को पकड़कर मेरे सामने लाएगा, मैं उससे पार्वती का विवाह कर दूंगा। इतना सुनने के बाद बहुत सारे नवयुवावों ने प्रयास किया। लेकिन नंदी को पकड़ने में असफल रहे। अंततः शिव ने मनुष्य रूप धारण करके मछुआरे की मुखिया के पास पहुंचे और उस मछली को पकड़ने की अपनी इच्छा जतायी । जैसे वह नदी के पास पहुंचे नंदी ने उन्हें देखते ही समझ गए कि यहीं मेरे इष्ट हैं और खुद को उन्हें समर्पित कर दिया। इस प्रकार शिव और पार्वती का पुनः विवाह हुआ।
●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●
⚜️ प्रतिपदा तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायिनी मानी जाती है। आज अग्निदेव से धन एवं तेज प्राप्त करने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति करवायी जा सकती हैं। इसके लिए आज अग्नि घर पर ही प्रज्ज्वलित करके घी से (ॐ अग्नये नम: स्वाहा) इस मन्त्र से हवन करना चाहिये।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म प्रतिपदा तिथि में होता है वह व्यक्ति अनैतिक कार्यों में संलग्न रहने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति कानून के विरूद्ध जाकर काम करने वाला भी होता है। ऐसे लोगों को मांस मदिरा काफी पसंद होता है अर्थात ये तामसी भोजन के शौकीन होते हैं। आम तौर पर इनकी दोस्ती ऐसे लोगों से होती है जिन्हें समाज में सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता अर्थात बदमाश और ग़लत काम करने वाले लोग।

Related Articles

Back to top button