मध्य प्रदेशविधिक सेवा

आर्थिक रूप से कमजोर बंदियों को सरकार की ओर से अधिवक्ता की व्यवस्था : न्यायाधीश वर्मा

ब्यूरो चीफ : शब्बीर अहमद
बेगमगंज । तहसील विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष व अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके वर्मा द्वारा उप जेल में निरूद्ध बंदियों के राजीनामा, विड्रावल, प्ली बारगेनिंग योग्य प्रकरणों के संबंध में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित कर कानूनी जानकारी दी ।
शिविर में उपस्थित बंदीजनों को न्यायाधीश आरके वर्मा द्वारा प्लीबारगेनिंग के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताया गया कि प्ली बारगेनिंग प्रक्रिया में दोनों पक्षों के बीच होने वाला समझौता अदालत की देखरेख में होता है । इस प्रक्रिया के तहत आरोपी अथवा अभियुक्त अपने अपराध को मर्जी से स्वीकार करता है। समझौता होने के बाद मजिस्ट्रेट के सामने आरोपी अपने गुनाह कबूल करता है, जिससे आरोपी की सजा उसकी न्यूनतम सजा से कम कर दी जाती है।
शिविर में उपस्थित बंदीजनों को न्यायाधीश आरके वर्मा द्वारा आपसी सहमति से राजीनामा करने के संबंध में भी जानकारी दी गई कि पक्षकार यदि अपने प्रकरण का शीघ्र निराकरण कराना चाहते हैं अथवा प्रकरण को न्यायालय से समाप्त करवाना चाहते हैं तो दोनों पक्ष आपसी सहमति से या मध्यस्थता द्वारा राजीनामा कर अपने प्रकरण को शीघ्र समाप्त अथवा उसका निराकरण करवा सकते हैं । इसके अतिरिक्त पक्षकार चाहें तो वे आपस में बातचीत करके आपसी सहमति से प्रकरण का विडरावल कराकर भी अपना प्रकरण न्यायालय से समाप्त करवा सकते हैं।
शिविर में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश आरके वर्मा द्वारा बंदीजनों को विधिक सहायता द्वारा पैनल अधिवक्ता नियुक्ति के संबंध में जानकारी दी गई तथा जिन बंदीजनो के अधिवक्ता नहीं है उन्हें विधिक सहायता द्वारा सरकारी खर्च पर निशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने के संबंध में बताया गया।
शिविर के दौरान जानकारी मिलने पर बंदी लक्ष्मीनारायण की ओर से कोई अधिवक्ता ना होने के कारण और वह अधिवक्ता करने मे असक्षम होने के कारणवश उसे विधिक सहायता द्वारा उसके प्रकरण मे पैरवी हेतु पैनल अधिवक्ता दिलाया गया।
शिविर अंतर्गत उपजेल अधीक्षक कमल किशोर कोरी, सहायक लोक अभियोजन माधव सिंह, तहसील विधिक सेवा समिति स्टाफ योगिता डेहरिया व राकेश सेन तथा बंदी जन उपस्थित रहे।

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