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आरोग्य केंद्र में डॉक्टर न स्टाफ, उपचार करवाने कहां जाएं


डिलेवरी के दौरान आपात स्थिति में नर्स पीछे खींच लेती है हाथ, कर देती रेफर1
रिपोर्टर : रिजवान खान
जैयारी । हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने 34 नवीन उपस्वास्थ्य केंद्रों को स्वीकृति शासन से दिलवाई है ताकि लोगों को बेहतर उपचार मिल सके, लेकिन जो उप स्वास्थ्य केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहले से हैं। वहां पर न डॉक्टर है न स्टाफ है। जिसके चलते लोगों को उपचार करवाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। गांव में स्थापित आरोग्य केंद्र से 72 गांव जुड़े हैं, जहां न डॉक्टर है न पर्याप्त स्टाफ है। ऐसे में अधिकांश गांव के लोगों ने यहां पर उपचार करवाने के लिए आना ही छोड़ दिया है। जबकि यह डिलेवरी सेंटर है, ऐसे में डिलेवरी के दौरान यदि आपातकालीन स्थिति बनती है तो यहां पदस्थ नर्स हाथ पीछे खींचकर तत्काल रेफर कर देते हैं। परिजन भी निजी वाहनों से गंभीर हालत में प्रसूताओं को लेकर यहां वहां भटकते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान में स्थिति यह है कि अब सामान्य उपचार के लिए भी सिलवानी या झोलाछाप डॉक्टरों के पास जा रहे हैं। यदि यहीं पर व्यवस्थाएं हो जाएं तो ग्रामीणों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल का भवन तो बड़ा है, लेकिन इसमें स्टाफ और डॉक्टर न होने के कारण क्षेत्र के सभी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस अस्पताल के तहत में 72 गांव आते हैं अस्पताल के भरोसे आते हैं लेकिन यहां पर उपचार न मिलने के कारण निराश होकर सिलवानी जाना पड़ता है और कई मरीजों के पास कोई गाड़ी न होने के कारण काफी दिक्कत का सामना उठाना पड़ता है। ग्रामीण शिकायत कर्ता मनोज शर्मा, सुनील यादव, देवराज शर्मा, दीपक रितिक साहू, राधेश्याम दशरथ यादव, अखिलेश संतोष यादव, राजेश यादव, राजाराम साहू, संदीप पाल आदि लोगों ने जल्द से जल्द डॉक्टर और स्टाफ बढ़ाने की मांग की है ताकि मरीजों को उपचार मिल सके।

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