धार्मिक

ध्वजारोहण एवं घट यात्रा के साथ दमोह में हुआ सिद्ध चक्र महामंडल विधान का शुभारंभ

ब्यूरो चीफ: भगवत सिंह लोधी
दमोह । दिगंबर जैन धर्मशाला में विराजमान मुनि श्री प्रभात सागर जी महाराज के ससंग मंगल सानिध्य में श्री 1008 सिद्ध चक्र महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ का शुभारंभ घटयात्रा एवं ध्वजारोहण के साथ बहुत उत्साह पूर्वक हुआ। विधान आयोजन समिति के प्रचार प्रभारी सुनील वेजीटेरियन ने बताया कि प्रातः काल प्रतिष्ठाचार्य अनु भैया जीके निर्देशन में ध्वजारोहण के पूर्व घटयात्रा निकाली गई जिसमें पीत वस्त्र धारण कर बड़ी संख्या में महिलाएं मंगल कलश लेकर दिगंबर जैन धर्मशाला से नगर के हृदय स्थल घंटाघर होती हुई पुन जैन धर्मशाला पहुंची जहां पर विधान स्थल की शुद्धि की गई मुनि संघ के मंगल सानिध्य में विधान  के ध्वजारोहण करने का सौभाग्य श्रेयांश पदम लहरी परिवार को प्राप्त हुआ इसके पश्चात समोशरण में स्थापित प्रतिमाओं का मुख्य पात्रों के द्वारा अभिषेक किया गया। विधान के यज्ञ नायक नेमचंद बजाज, राजेंद्र अटल, संजय डबूलिया, अंकित खजरी, ईशान इंद्र, साहिल जैन की भी पात्र शुद्धि की गई। शांति धारा करने का सौभाग्य आनंद प्रिंस श्रीमती मुन्नी जैन विकास विमल खजरी संजय अरिहंत एवं धन्य कुमार दीपक जैन के परिवारों को प्राप्त हुआ प्रतिष्ठाचार्य जी के द्वारा मुख्य पात्रों की शुद्धि की गई संगीतमय में पूजन के साथ विधान के आठ अर्ग समर्पित किए गए इस अवसर पर मुनि श्री चंद्र सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि सिद्ध चक्र महामंडल विधान प्रभु की बड़ी पूजा है जिससे धर्म की बड़ी प्रभावना और बड़े पुण्य की प्राप्ति होती है विधान में सम्मिलित होने से भक्त भगवान से नजर मिलाता है तो वह पाप से बच जाता है और दुनिया से नजर मिलाने पर वह पाप में फंस जाता है पाप से बचने के लिए गुरु की चरणों में आना जरूरी है।

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