ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग शनिवार, 01 जुलाई 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
शनिवार 01 जुलाई 2023

शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
☄️ दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए।
शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।
शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की àएक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।
शिवपुराण के अनुसार शनि देव पिप्लाद ऋषि का स्मरण करने वाले, उनके भक्तो को कभी भी पीड़ा नहीं देते है इसलिए जिन के ऊपर शनि की दशा चल रही हो उन्हें अवश्य ही ना केवल शनिवार को वरन नित्य पिप्लाद ऋषि का स्मरण करना चाहिए।
शनिवार के दिन पिप्पलाद श्लोक का या पिप्पलाद ऋषि जी के केवल इन तीन नामों (पिप्पलाद, गाधि, कौशिक) को जपने से शनि देव की कृपा मिलती है, शनि की पीड़ा निश्चय ही शान्त हो जाती है ।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर ग्रीष्म ऋतु
⛈️ मास – आषाढ़ मास
🌖 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि 11:07 PM तक उपरांत चतुर्दशी
✏️ तिथि स्वामी – त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव को माना गया है। तथा तिथि में धन के स्वामी कुबेर जी है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र अनुराधा 03:04 PM तक उपरांत ज्येष्ठा
🪐 नश्रत्र स्वामी : नक्षत्र का स्वामी शनि है, जो राशि स्वामी मंगल का शत्रु है।
🔔 योग : शुभ योग 10:44 PM तक, उसके बाद शुक्ल योग
प्रथम करण : कौलव – 12:17 पी एम तक
द्वितीय करण : तैतिल – 11:07 पी एम तक
🔥 गुलिक काल : – शनिवार को शुभ गुलिक प्रातः 6 से 7:30 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है ।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -सुबह – 9:00 से 10:30 तक।राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:13:00 A.M
🌅 सूर्यास्तः- सायं 06:47:00 P.M
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:06 ए एम से 04:46 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:26 ए एम से 05:27 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:57 ए एम से 12:53 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:44 पी एम से 03:40 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:22 पी एम से 07:42 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 07:23 पी एम से 08:24 पी एम
💧 अमृत काल : 05:09 ए एम, जुलाई 02 से 06:38 ए एम, जुलाई 02
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:05 ए एम, जुलाई 02 से 12:45 ए एम, जुलाई 02
❄️ रवि योग : 03:04 पी एम से 05:27 ए एम, जुलाई 02
🚓 यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-शनि मंदिर में काली ध्वजा चढ़ाएं।
🌕 वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – शनि प्रदोष/ डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय जन्म दिवस, प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर सिंह जन्म दिवस, परमवीर चक्र विजेता’ अब्दुल हमीद जयन्ती, भारतीय स्टेट बैंक स्थापना दिवस, अंतर्राष्ट्रीय चिकन विंग दिवस, राष्ट्रीय डाक कर्मचारी दिवस, अंतर्राष्ट्रीय मजाक दिवस, वर्ष की दूसरी छमाही का दिन, राष्ट्रीय हॉप-ए-पार्क दिवस, राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस, राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (डॉक्टर विधान चंद्र राय जन्म दिवस), मूल प्रारंभ
✍🏼 तिथि विशेष:- त्रयोदशी तिथि को बैंगन त्याज्य होता है। अर्थात आज त्रयोदशी तिथि में भूलकर भी बैंगन की सब्जी या भर्ता नहीं खाना चाहिए। त्रयोदशी तिथि जयकारी अर्थात विजय दिलवाने वाली तिथि मानी जाती है। यह त्रयोदशी तिथि सर्वसिद्धिकारी अर्थात अनेकों क्षेत्रों में सिद्धियों को देनेवाली तिथि मानी जाती है। यह त्रयोदशी तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह त्रयोदशी तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ और कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी होती है।
🌷 _Vastu Tips
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वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे पर्स के बारे में। आपके पर्स में पैसों के अलावा भी बहुत-सी चीज़ें रखी होती हैं, जिनमें से कई तो बहुत समय से इस्तेमाल में नहीं आ रही होती। वास्तु शास्त्र के अनुसार इनमें से कुछ चीज़ों को तो पर्स से बाहर ही कर देना चाहिए क्योंकि इन चीजों से आस-पास निगेटिव ऊर्जा बढ़ती है। साथ ही आपको पैसों के मामले में नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। लेकिन कुछ ऐसी चीजें भी होती हैं जिन्हें पर्स में रखने से शुभ फल प्राप्त होते हैं और बरकत आती है।
वास्तु के मुताबिक, पर्स के अंदर कटे-फटे नोट, कोई फोटो या खराब कागज नहीं रखने चाहिए। इससे पैसों की आवक में कमी आती है। पर्स जितना साफ-सुथरा होगा और उसके अंदर रखी चीजें जितने सलीके से होंगी उतना ही अच्छा रहता है। पर्स में एक लक्ष्मी माता की कागज की फोटो जरूर रखें और समय-समय पर इसे चेंज करते रहें। इससे आपका पर्स कभी खाली नहीं रहेगा। इसके अलावा आप एक श्रीयंत्र भी रख सकते हैं क्योंकि यह लक्ष्मी का ही एक रूप है।
➡️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
जुलाई में सावन में रोज 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ‘ऊं नम: शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इस एक उपाय से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
अगर घर में किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो सावन में रोज सुबह घर में गोमूत्र का छिड़काव करने के साथ ही गुग्गुल धूप जलाएं।
सावन में रोज नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और मन प्रसन्न रहेगा।
सावन माह में गरीबों को भोजन कराने से आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती और साथ ही पितरों को भी शांति मिलती है।
सावन में रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निपट कर मंदिर जाएं और भगवान शिव का जल से अभिषेक करने के साथ ही काले तिल अर्पण करें। इसके बाद
मंदिर में कुछ देर बैठकर मन ही मन में ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें। इससे मन को शांति मिलेगी।
सावन में किसी नदी या तालाब पर जाकर आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं और साथ ही साथ मन में भगवान शिव का ध्यान करते रहें। यह धन प्राप्ति का सबसे आसान उपाय है।
आमदनी बढ़ाने के लिए सावन के महीने में किसी भी दिन घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी यथा विधि पूजन करें और इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
💉 आरोग्य संजीवनी 🩸
संजीवनी बूटी के फायदे-

  1. एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर संजीवनी बूटी, एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है और शरीर में सूजन को कम करने में मददगार है। ये किसी भी प्रकार के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। चाहे वो सिर दर्द, पेट दर्द या किसी चोट का दर्द हो।
  2. स्ट्रेस कम करने में मददगार जब आप तनाव महसूस करते हैं, तो आपका शरीर आपके खून में एक कैमिरकल छोड़ता है। संजीवनी बूटी के पौधे को एडाप्टोजेन के रूप में जाना जाता है। ये एक प्राकृतिक पदार्थ जो विभिन्न तरीकों से आपके शरीर की तनाव के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इस तरह ये एडाप्टोजेन्स तनाव से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करते हैं।
  3. मिर्गी एडाप्टोजेनिक गुण संजीवनी पौधे को थकान और मिर्गी के लक्षणों से भी लड़ने में कारगर बनाता है। एक अध्ययन के अनुसार, इसका उपयोग बेहोश रोगियों के इलाज के लिए और बुखार से पीड़ित रोगी के शरीर के तापमान को कम करने के लिए भी किया जाता है। तो, इस तरह आप समझ सकते हैं कि संजीवनी बूटी कैसे कारगर है।
    📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
    आचार्य श्री गोपी राम के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में हमने यहां बताया है कि वह कौन सी चीज है जो सबसे ज्यादा शक्तिशाली है। आइए जानते हैं।
    🗣️ श्लोक
    कालः पचति भूतानि कालः संहरते प्रजाः।
    कालः सुप्तेषु जागर्ति कालो हि दुरतिक्रमः॥
    इसलिए हम कहते हैं कि काल एक ऐसी चीज है जो प्राणियों को निगल जाता है और सृष्टि का विनाश कर देता है। यह प्राणियों के सो जाने पर भी उनमें मौजूद रहता है। कहते हैं कि ये इतना शक्तिशाली है कि कोई भी इसका सामना नहीं कर सकता है। मतलब कि संसार में एक चीज है जो सबसे ज्यादा ताकतवर है और वो चीज है काल यानी समय। इसके आगे हर एक चीज छोटी है। क्योंकि इसे हराना नामुमकिन है और हर कोई इसके सामने नतमस्तक हो जाता है।
    दरअसल, इस श्लोक के जरिए आचार्य श्री गोपी राम जी कहते हैं कि समय के आगे किसी प्राणी की भी नहीं चलती है। जब किसी का काल आता है तो उसे कोई भी व्यक्ति या फिर कोई भी चीज उसे बचा नहीं सकती। इसका मतलब यह हुआ कि जब भी किसी का समय आता है तो उसके सामने हर चीज बेकार हो जाती है। समय एक ऐसी चीज है जो कभी किसी के लिए नहीं रुकता है। फिर चाहे हालात जैसी भी क्यों न हो। ये इंसानों को निगल जाता है।
    आगे आचार्य श्री गोपी राम जी कहते हैं कि सृष्टि की भी काल के आगे नहीं चलती। अगर सृष्टि का भी समय आ गया है तो वह भी क्षण भर में विनाश हो जाएगा। ठीक इसी प्रकार समय कभी भी किसी का साथ नहीं छोड़ता है। अगर कोई इंसान सो भी रहा हो तो उसका काल उसके साथ रहता है। इसलिए हमारा कहना है कि काल के आगे किसी की भी नहीं चलती है फिर चाहे वो कितना भी शक्तिशाली ही क्यों न हो।
    ❀꧁ 𓇽𝐻𝑎𝑟𝑒 𝐾𝑟𝑖𝑠ℎ𝑛𝑎𓇽꧂❀
    ⚜️ इस त्रयोदशी तिथि के देवता मदन (कामदेव) हैं। शास्त्रानुसार भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के पुत्र हैं भगवान कामदेव। कामदेव प्रेम और आकर्षण के देवता माने जाते हैं। जिन पुरुषों अथवा स्त्रियों में काम जागृत नहीं होता अथवा अपने जीवन साथी के प्रति आकर्षण कम हो गया है, उन्हें आज के दिन भगवान कामदेव का उनकी पत्नी रति के साथ पूजन करके उनके मन्त्र का जप करना चाहिये। कामदेव का मन्त्र – ॐ रतिप्रियायै नम:। अथवा – ॐ कामदेवाय विद्महे रतिप्रियायै धीमहि। तन्नो अनंग: प्रचोदयात्।
    आज की त्रयोदशी तिथि में सपत्निक कामदेव की मिट्टी कि प्रतिमा बनाकर सायंकाल में पूजा करने के बाद उपरोक्त मन्त्र का जप आपका वर्षों का खोया हुआ प्रेम वापस दिला सकता है। आपके चेहरे की खोयी हुई कान्ति अथवा आपका आकर्षण आपको पुनः प्राप्त हो सकता है इस उपाय से। जो युवक-युवती अपने प्रेम विवाह को सफल बनाना चाहते हैं उन्हें इस उपाय को करना चाहिये। जिन दम्पत्तियों में सदैव झगडा होते रहता है उन्हें अवश्य आज इस उपाय को करना चाहिये।
    त्रयोदशी तिथि ज्योतिषशास्त्र में अत्यंत श्रेष्ठ माना गया है। इस तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति महापुरूष होता है। इस तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान होता है और अनेक विषयों की अच्छी जानकारी रखने वाला होता है। यह व्यक्ति काफी विद्वान होता है तथा अन्यों के प्रति दया भाव रखने वाला एवं किसी की भी भलाई करने हेतु सदैव तत्पर रहने वाला होता है । इस तिथि के जातक समाज में काफी प्रसिद्धि हासिल करते ही हैं।

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