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लायंस आई हॉस्पिटल परासिया जांच संदर्भ में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का पत्र प्राप्त हुआ रिंकू रितेश चौरसिया को

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उपरांत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मामले को लिया संज्ञान में
परासिया । जैसा कि आप सभी 6 जनवरी से जान रहे हैं जिला छिंदवाड़ा के सक्रिय समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया द्वारा शासन हित में समाज हित में आरटीआई के माध्यम से संपूर्ण सत्यापित प्रमाणित दस्तावेज सहित जानकारी प्रदान किया है, कि लायंस क्लब लायंस एनजीओ संस्था लायंस आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर परासिया द्वारा शासन से राष्ट्रीय अंधत्मुक्त निवारण मिशन भारत के अंतर्गत निर्धनों के मोतियाबिंद के ऑपरेशनो के नाम पर फर्जी बिल लगा करके अनैतिक करोड़ों रुपए की उगाही की गई. संस्था को शासन से प्रति मोतियाबिंद मरीज आपरेशन का ₹ 2000 मिलता है और यह समाज में नि:शुल्क सेवा के नाम पर मेवा खाते हैं, जिसमें विगत 5 वर्षों में 17958 ऑपरेशन कर 3 करोड़ 59 लाख 16 हजार रुपए ये भारत सरकार शासन से ले चुके हैं। जिसमें वर्ष 2020 एवं 2021 में भारत देश में कोरोना लॉकडाउन लगा हुआ था उसके उपरांत भी बेहिसाब ऑपरेशन सार्वजनिक शिविरों को लगा करके किए गए
वर्ष 2022-23 में ये 4150 के वाउचर में 83 लाख रुपए और पाना चाहा रहे थे, यह वाउचर केवल 5 माह के ऑपरेशनों में दिसंबर 2022 से अप्रैल 2023 तक थे, शासन को शंका होने पर जांच की गई जांच में भोपाल, जबलपुर एवं छिंदवाड़ा की टीम ने जांच किया। जांच में 85 से 90% वाउचर फर्जी पाए गए, जिसमें यह दोषी पाए गए है, इनका एम.ओ.यू. दो वर्षो के लिए रद्द किया गया, इनका भुगतान रोक दिया गया, इनका दिल्ली से जो आईडी होती है उसको भी लॉक कर दिया गया। इनको शासन द्वारा कहीं पर भी नि:शुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन का शिविर लगाने का कोई भी आदेश/ अधिकार नहीं है…
आज इस जांच के विषय में कुछ विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई है, जांच दल ने जांच में पाया कि इन्होंने जो मरीज के नाम भरे थे, उसमें मोबाइल नंबर की सही जानकारी नहीं, मरीज के पते की सही जानकारी नहीं,मरीज के गांव/तहसील/ जिले की सही जानकारी नहीं, मरीज का आधार कार्ड भी सही नहीं, कुल मिलाकर के शासन को लूटने के हिसाब से इस संस्था द्वारा फर्जी कार्य को अंजाम दिया जा रहा था।
जांच दल ने जो जांच किया है उसमें जांच दल मरीज के गांव पर जांच करने पहुंचा है, उदाहरण बतौर मरीज का नाम रामलाल तो उस गांव में रामलाल नाम का व्यक्ति ही नहीं मिला, जांच दल ने पूरा गांव तलाशने के उपरांत वहां के सरपंच और कोटवार से वीडियोग्राफी किया है। सरपंच और कोटवार ने वीडियो ग्राफी में बताया कि इस नाम का व्यक्ति इस गांव में रहता ही नहीं है,, जांच दल ने इनके द्वारा दिए हुए मरीजों के मोबाइल नंबरों पर जब फोन लगाया तो, वह नंबर उस मरीज का नहीं मिला, मोबाइल नंबरों में बहुत से विदेशी नंबर भी प्राप्त हुए हैं।
शासन की गाइडलाइन के मुताबिक मरीज को जो फीडबैक देना था वह भी नहीं दिया गया मरीज को चश्मा नहीं दिए गए दवाइयां नहीं दी गई,,
मिशन संचालक प्रियंका दास भोपाल द्वारा 7/7/ 2023 को इस संस्था के समस्त पदाधिकारी के ऊपर एफआईआर दर्ज करने के आदेश कलेक्टर एवं सीएमएचओ को दिए गए हैं,,
समाज सेवी रिंकू रितेश चौरसिया द्वारा संदर्भित समस्त विषयों की जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (6) के अंतर्गत सभी जानकारी संग्रह करने के उपरांत 6 जनवरी को प्रेस वार्ता कर साझा करने के उपरांत 9 जनवरी जिला कलेक्टर एवं 11 एवं 12 जनवरी को माननीय देश के प्रधानमंत्री सहित देश के 13 प्रमुख विभागों में अपनी लिखित शिकायत आरटीआई से प्राप्त समस्त दस्तावेज अखबारों में छपी समस्त छायाप्रति आवेदन सहित स्पीड पोस्ट के माध्यम से सभी को दर्ज किया है।
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस मामले को संज्ञान में लेने के उपरान्त समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लिखित पत्र प्राप्त हुआ. जिसमें शिकायत संबंधी विभागों एवं अधिकारियों की जानकारी प्राप्त प्रदान की गई।
इसके उपरांत आज देश के माननीय केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडवीया का लिखित पत्र प्राप्त हुआ पत्र में शिकायत संबंधी विभाग एवं अधिकारि की जानकारी प्रदान की गई।
इसके साथ ही पुलिस महानिदेशक भोपाल एवं पुलिस अधीक्षक महोदय छिंदवाड़ा को की गई शिकायत पर लिखित बयान परासिया थाने में एसडीओपी कार्यालय में दर्ज हुए हैं।
समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने बताया संदर्भित संपूर्ण विषय के अंतर्गत जांच राष्ट्रीय स्तर से एवं प्रादेशिक स्तर के समस्त विभागों के प्रमुख महत्वपूर्ण अधिकारियों द्वारा की जा रही है। जांच बहुत ही सूक्ष्मता एवं बारीकी के अंतर्गत सत्यता पूर्ण की जाएगी। बहुत जल्द दूध का दूध और पानी का पानी होगा।

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