मध्य प्रदेश

पांच हजार की सेनेटरी नैपकिन मशीन 55000 में खरीदी, दो बार जांच एक में भ्रष्टाचार दूसरी में निर्दोष

महिलाओं की स्वच्छता को लेकर जनपद में लगाई गई मशीनों में भ्रष्टाचार काम भी नहीं आई मशीने
जनपद पंचायत पलेरा का भ्रष्टाचार प्रदेश में नंबर 1

रिपोर्टर : मनीष यादव
टीकमगढ़ । महिलाओं की स्वच्छता से जुड़े मामले को लेकर पलेरा जनपद पंचायत में लगाई गई सेनेटरी नैपकिन मशीनों से महिलाओं को लाभ तो कम मिला लेकिन भ्रष्टाचारियों की बल्ले बल्ले हो गई ₹5000 की सेनेटरी नैपकिन मशीन को 55000 में खरीदा इसके बाद भी यह मशीन महिलाओं के लिए उपयोगी साबित नहीं हुई उल्टा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई । इस समय इन मशीनों से 10 से 11 गुना अधिक रेट पर खरीदने के आरोप लगे इसके बाद शुरू हुआ जांच का सिलसिला प्रारंभ हुआ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 36 ग्राम पंचायत में यह मशीन बांटी गई जिससे करीब 19 लाख 80 हजार रुपए का मुनाफा लिपिक के द्वारा कमाया गया कलेक्टर ने कराई जांच भ्रष्टाचार मिला लिपिक निलंबित मामला 3 साल पहले का जनपद पंचायत पलेरा का है यहां पर शिकायत की गई थी कि जनपद की ग्राम पंचायत टोरी दिनऊ खेरा जेवर एवं बमोरीकला में इंसीनेटर मशीने बाजार में प्रचलित कीमतों से कहीं अधिक दाम पर खरीदी गई थी तत्कालीन कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी ने जतारा एसडीएम ने इसकी जांच कराई तो मामला सही पाया गया एसडीएम ने अपने प्रतिवेदन में बताया कि यहां पर जनपद में प्रदेश से लिपिक की मिली भगत से 55000 में यह मशीन है क्रय की गई जबकि बाजार में इनकी कीमत 5000 से लेकर ₹6000 ही है इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन कलेक्टर ने जनपद में पदस्थ लिपिक धर्मेंद्र खटीक को 2 दिसंबर 2021 को निलंबित कर दिया था इस पर कलेक्टर ने 13 जनवरी 2022 को अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत आर.के पश्तोर एवं पंचायत समन्वयक अधिकारी प्रमोदित तिवारी को इसकी विभाग की जांच करने एवं दो माह में अपना प्रतिवेदन देने के लिए निर्देश दिए गए थे । इस पर लिपिक धर्मेंद्र खटीक ने 13 जनवरी 2022 को हाईकोर्ट में रिट दायर कर दी थी इसका फैसला आने पर 8 मई 2023 को कमिश्नर ने फिर से लिपिक को निर्दोष बताते हुए बहाल करने के साथ ही तत्कालीन कलेक्टर के 13 जनवरी 2022 के आदेश को भी निरस्त कर दिया था वही इस मामले की अपील कमिश्नर के यहां होने पर जिला पंचायत द्वारा इसकी जांच के लिए तत्कालीन परियोजना अधिकारी मनरेगा रजत तिवारी सहायक लेखा अधिकारी फंदी लाल लोधी एवं जनपद पलेरा के तत्कालीन सीईओ आरएस मीना की टीम बनाई गई। इस टीम ने अपनी जांच प्रतिवेदन में बताया कि यह मशीन नियम अनुसार क्रय की गई है मशीन केवल जेवर बमोरी एवं खेड़ा पंचायत द्वारा क्रय की गई थी वही यह भी बताया था की मशीन क्रय करने में लिपिक की कोई भूमिका नहीं है लेकिन जांच टीम इन मशीनों की वास्तविक कीमत का आकलन करने में असफल रही, इस जांच प्रतिवेदन के आधार पर 31 दिसंबर 2021 को तत्कालीन कमिश्नर ने बहाल कर दिया साथ ही मामले में जांच जारी करने की आदेश दिए गए थे।

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