साईखेड़ा में चैतन्य मूर्तियों की झांकी बनी आकर्षण का केन्द्र

रिपोर्टर : कमलेश अवधिया
साईंखेड़ा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र, साईंखेडा के तत्वावधान में नवरात्रि पर्व पर पंचमी से अष्टमी तक देवी माँ के नौ दिव्य रूपों की चैतन्य मूर्ति स्थापना का भव्य आयोजन महाकौशल ग्रामीण बैंक के सामने मुख्य मार्ग पर किया गया। आयोजन का शुभारंभ नगर के वरिष्ठ एवं संस्था के सदस्यों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए वरिष्ठ लोगों ने कहा कि नवरात्रि पर्व हमारी भारतीय संस्कृति में शक्ति और साधना का प्रतीक है। इस प्रकार के आध्यात्मिक आयोजन समाज को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं। इस कार्यक्रम में नगर के अनेक गणमान्य नागरिक, समाजसेवी और अधिकारी उपस्थित रहें, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र, गाडरवारा की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी उर्मिला बहन,सेवा केंद्र साइखेड़ा प्रभारी राजयोगिनी जानकी बहन, तथा संस्था की अन्य बहनों की सक्रिय भागीदारी रही। प्रशासिका राजयोगिनी उर्मिला बहन जी और राजयोगिनी जानकी बहन जी ने अपने उद्बोधन में नवरात्रि पर्व के आध्यात्मिक महत्व को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि नवरात्रि का अर्थ केवल देवी पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मबल, संयम और सद्गुणों को जागृत करने का अवसर है। माँ दुर्गा के नौ रूप जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, आत्मविश्वास, करुणा और सेवा भाव जगाते हैं। यह पर्व हमें नकारात्मक प्रवृत्तियों को त्यागकर ईश्वरीय शक्ति से जुड़ने का संदेश देता है। भव्य वातावरण और श्रद्धा का उत्सव पूरे आयोजन स्थल को आकर्षक सजावट और प्रकाश व्यवस्था से सुसज्जित किया गया था। श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में पहुँचकर देवी माँ के स्वरूपों के दर्शन किए और भक्ति रस का आनंद लिया। वातावरण में भक्ति संगीत, जयकारों और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत संगम देखने को मिला। अंत में ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी नागरिकों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए यह आह्वान किया कि हम सब मिलकर जीवन में दिव्य गुणों को धारण करें और समाज में शांति, सद्भाव और भाईचारे का वातावरण निर्मित करें।