सियासतदारों का लव जिहाद शुरू.., संकट चतुर्थी पर दिव्य चिंतन
हरीश मिश्र : वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार
आज संकट चतुर्थी है। सनातन धर्म में संकट चतुर्थी का विशेष महत्व है। राजा- महाराजा सत्ता की सुरक्षा, घोड़े की लंबी आयु के लिए संकट मोचक गणेश की पूजा अर्चना कर व्रत करते थे ।
आज संकट चतुर्थी पर सत्ता की सुरक्षा/ बहुमत से वापसी के लिए, शुभ शगुन में शगुन गार्डन, रायसेन में संकट मोचक मतदाता की आराधना के लिए भाजपा अनुष्ठान कर रही है।
अनुष्ठान धार्मिक परंपरा है। किसी भी शुभ कार्य के लिए ब्राह्मणों के माध्यम से ही अनुष्ठान संपन्न कराए जाते हैं। इसलिए आज के अनुष्ठान के मुख्य यजमान पंडित विष्णु दत्त शर्मा , पंडित हितानंद शर्मा, पंडित रमाकांत भार्गव हैं ।
चुनाव की दुदुंभी बज चुकी है। चुनाव में तिलक, यजमान, कार्यकर्ताओं, घोषणाओं के भरोसे शिवराज तो पठान, टोपी, भाग्य और पदयात्रा के भरोसे कमलनाथ उतर रहे हैं। गुजरात में केजरीवाल का भरोसा टूट चुका है, खांसी ठीक हो चुकी है । इसलिए वह उपस्थिति दर्ज कराने के लिए मैदान में उतरेंगे।
शिव-विष्णु चुनाव को गंभीरता से ले रहे हैं। वह एक- एक सीट पर मंथन कर रहे हैं। भाजपा मीडिया विभाग भोपाल संभाग, नर्मदापुरम संभाग के कार्यकर्ताओं को जागृत कर भिन्न विचार धारा से आए मारीच का शुद्धिकरण कर रही है।
भाजपा संगठन अच्छी तरह से जानता है, जो मारीच कांग्रेस परिवार से काया परिर्वतन कर आए हैं वे त्यागी या साधु नहीं हैं बल्कि भाजपा की माया से वशीभूत होकर आए हैं। ऐसे लोग श्मशान की राख लपेट कर साधुओं का वेश धारण कर लेते हैं। ऐसे साधु विष्णु के चरणों की रज माथे पर लगाकर अपने-अपने हित साध कर परम आनंद चाहते हैं।
साल के अंत में चुनाव हैं, इसलिए सियासत करने वालों ने लव जिहाद शुरू कर दिया अर्थात् मतदाता से एक तरफा प्यार ! बेपनाह मोहब्बत !
2018 मोहब्बत की डायरी (कांग्रेस का वचन पत्र, भाजपा का दृष्टि पत्र) के जब पन्ने पलटे तो शुरू के पन्ने पर गुलाब मिला, अंदर के पन्नों पर वादे।
कांग्रेस ने वादा किया था, किसानों का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ होगा ! छात्राओं को स्कूल से पीएचडी तक मुफ्त शिक्षा मिलेगी ! सामाजिक सुरक्षा पेंशन 300 से बढ़ाकर ₹ 1000 रुपए होगी ! मिला क्या ? कुछ नहीं।
भाजपा ने वादा किया था
12 वीं क्लास में 75 फीसदी अंक लाने वाली छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी ! ‘हर हाथ, एक काज’ योजना की शुरुआत करेंगे!हर ग्राम पंचायत में गोशाला खोली जाएगी । बेरोजगारों को 10 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा ! आखिर पन्ने पर लिखा था, अच्छे दिन आएंगे ! अच्छे दिन तो नहीं आए, फिर से चुनाव आ गए। चुनाव आए तो सियासतदार भी आ गए।
मतदाता सियासत के लव जिहाद में हर बार फंस जाता है। इस बार भी फंसेगा। सियासत लव जिहाद का मतलब यही होता है कि सियासतदार मतदाताओं को अपने प्यार के जाल में फंसा कर उनसे दान लेते हैं । दान लेते समय साधु रुप होता है, बाद में पांच साल तक मतदाता से सियासतदार दान (बदला) लेते हैं।
जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता। पौराणिक काल से लेकर आज तक वह दासी है, दासी ही रहेगी। चुनाव होंगे तो वादे होंगे, जो सबसे ज्यादा वादे करेगा। उसे पांच साल तक सत्ता का पट्टा मिलेगा।
इसीलिए सियासत दार राजनीति नहीं करते । लव जिहाद करते हैं। प्रदेश के मतदाता भरोसा कर रहे हैं, इसीलिए वह सुध-बुध खोकर लव जिहाद कर रहे हैं।
माननीय बनते ही, लग्ज़री गाड़ी में शीशे चढ़ाकर घूमते हैं। फिर माननीय ! मिलकर सरकार बनाते हैं । चुनाव जीतने के बाद माननीय ! मतदाता के छत्तीस टुकड़े श्रद्धा के साथ कर जंगलों में फेंक देते हैं। सियासत लव जिहाद ने फिर से दस्तक दी है । फिर किसी के जाल में फंसना मतदाता की नियति है।



