मध्य प्रदेश

पंचकल्याणक महामहोत्सव की पूजा गृहस्थ को ठीक करने के लिए एक हजार एमजी का डोज

रिपोर्टर : दिलीप गुप्ता
बम्होरी । पंच कल्याणक महोत्सव के दौरानमुनि श्री महासागर जी ने अपने उदबोदन में कहा कि जैसे कोई रोगी हो तो उससे ठीक करने के लिए डॉक्टर पहले 50 एमजी का डोज देता है उससे ठीक नहीं होता तो फिर 100 एमजी फिर 150 एमजी इस तरह डोज बढ़ाता जाता है उसी तरह गृहस्थ को पहले अभक्ष्य का त्याग कराया जाता है फिर देव पूजन, गुरु पास्ति आदि धर्म के षट्कर्म करने का उपदेश दिया जाता है धर्म के इस औषधि रुप उपाय से संसारी प्राणी का मिथ्यात्व, अज्ञानता और असंयम का रोग दूर किया जाता है पंचकल्याणक महामहोत्सव की पूजा गृहस्थ को ठीक करने के लिए एक हजार एमजी का डोज है । रात सोत में गई, प्रात: खात में गया । हाय मेरी जिन्दगी से एक दिन निकल गया । वीतरागता की शरण में आए वगैर न किसी का आज तक कल्याण हुआ है और न आगे कभी होगा।
उक्ताशय के विचार आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के मुनि श्री महासागर मुनि राज धर्म सभा को प्रकट करते हुए व्यक्त किए इस अवसर पर समस्त मुनि संघ भी विराजमान था प्रवचन के पूर्व प्रातः बेला में निर्यापक मुनि श्री समता सागर जी महाराज ने देश की एकता और पर्यावरण की विशुद्धता और विश्व की शांति कामना से वृहत शांतिधारा पंचकल्याणक के महा पात्रों से सम्पन्न कराई। शांतिधारा का सोभाग्य इंदौर से पधारे सुखम जैन टोपीवाला परिवार इंदौर, दूसरी शांति धारा सेठ छिदामी लाल जैन कमल रानी परिवार को सौभाग्य प्राप्त हुआ।
श्री मंदिर जी की लिये छत्र बजाज मेडिकल परिवार को प्राप्त हुआ। और शास्त्र भेट सिलवानी समाज के प्रतिनिधि मंडल को सोभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर पंचकल्याण के लिए दिव्य सामग्री पंचकल्याणक मे बने माता पिता परिवार द्वारा प्रदान की गई । सायं कालीन आरती प्राप्त करने का सोभाग्य सुभाषचंद्र आभास आशीष को प्राप्त हुआ।

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