ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग शुक्रवार, 22 दिसम्बर 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
शुक्रवार 22 दिसम्बर 2023

22 दिसम्बर 2023 दिन शुक्रवार को मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष कि स्मार्त भक्तों के लिए मोक्षदा नाम का एकादशी व्रत है। आप सभी स्मार्त भक्तों को मोक्षदा एकादशी व्रत की हार्दिक शुभकामनायें। शास्त्रानुसार एकादशी सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वाधिक पुण्यदायी व्रत होता है। इसे हर एक व्यक्ति को अवश्य करना चाहिये।।
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
🌌 दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।
शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।
शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – दक्षिणायन
☀️ ऋतु – सौर हेमंत ऋतु
⛈️ मास – मार्गशीर्ष मास
🌖 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – मार्गशीर्ष माह शुक्ल पक्ष वार शुक्रवार दशमी तिथि 08:16 AM तक उपरांत एकादशी
✏️ तिथि स्वामी : एकादशी तिथि के देवता हैं विश्वेदेवगणों और विष्णु। इस तिथि को विश्वेदेवों पूजा करने से संतान, धन-धान्य और भूमि आदि की प्राप्ति होती है।
🪐 नक्षत्र – नक्षत्र अश्विनी 09:36 PM तक उपरांत भरणी
💫 नक्षत्र स्वामी – अश्विनी नक्षत्र का स्वामी केतु होता है। इस नक्षत्र में चन्द्रमा के होने से जातक को आभूषण से प्रेम रहता है।
🔕 योग – परिघ योग 11:11 AM तक, उसके बाद शिव योग
प्रथम करण : गर – 08:16 ए एम तक
द्वितीय करण : वणिज – 07:42 पी एम तक
🔥 गुलिक काल : – शुक्रवार को शुभ गुलिक प्रात: 7:30 से 9:00 तक ।
⚜️ दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही में चीनी या मिश्री डालकर उसे खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -दिन – 10:30 से 12:00 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:47:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:13:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:59 ए एम से 05:50 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:24 ए एम से 06:42 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:52 ए एम से 12:37 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:06 पी एम से 02:50 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:45 पी एम से 06:11 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 05:47 पी एम से 07:05 पी एम
💧 अमृत काल : 02:34 पी एम से 04:07 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:49 पी एम से 12:41 ए एम, दिसम्बर 23
सर्वार्थ सिद्धि योग : 06:42 ए एम से 09:36 पी एम
❄️ रवि योग : 06:42 ए एम से 09:36 पी एम
🚙 यात्रा शकुन-शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
🤷🏻‍♂️ आज का उपाय-किसी विप्र को चांदी भेंट करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – भद्रा/मोक्षदा एकादशी व्रत (स्मार्त)/मूल समाप्त/ भगवान दत्तात्रेय /अन्नपूर्णा / श्री त्रिपुर भैरव जयन्ती/ गुरु गोविंद सिंह जयन्ती, स्वतंत्रता सेनानी मौलाना मज़हरुल हक़ जन्म दिवस, महिला साहित्यकार माधवी सरदेसाई स्मृति दिवस, भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन जयन्ती, कांग्रेस से मुक्ति दिवस, राष्ट्रीय गणित दिवस
✍🏼 विशेष – एकादशी तिथि को चावल एवं दाल नहीं खाना चाहिये तथा द्वादशी को मसूर नहीं खाना चाहिये। यह इस तिथि में त्याज्य बताया गया है। एकादशी को चावल न खाने अथवा रोटी खाने से व्रत का आधा फल सहज ही प्राप्त हो जाता है। एकादशी तिथि एक आनन्द प्रदायिनी और शुभफलदायिनी तिथि मानी जाती है। एकादशी को सूर्योदय से पहले स्नान के जल में आँवला या आँवले का रस डालकर स्नान करना चाहिये। इससे पुण्यों कि वृद्धि, पापों का क्षय एवं भगवान नारायण के कृपा कि प्राप्ति होती है।
🗽 Vastu tips 🗼
वास्तु शास्त्र के अनुसार,नींबू, कैक्टस आदि काटेदार पेड़-पौधों को घर के अन्दर नहीं लगाना चाहिए साथ ही ऐसे पौधे जिनसे दूध निकलता है उन्हें भी नहीं लगाना चाहिए, ऐसे पौधों को अशुभ माना जाता है। ऐसे पौधों से नकारात्मक ऊर्जा निकलती है जिससे घर में अशांति रहती है।
लेकिन गुलाब का पौधा घर में लगाना शुभ माना जाता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि काला गुलाब घर में नहीं लगाना चाहिए क्योंकि काला गुलाब लगाने से चिंता बढ़ती है। साथ ही घर में ऐसे पेड़-पौधे भी नहीं लगाने चाहिए जो सांप, मधुमक्खी, उल्लू आदि को आमंत्रित करते हैं।
🔑 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
खड़े होकर पेशाब करने में और बैठ कर पेशाब करने में क्या अंतर है?
खड़े होकर पेशाब करने और बैठ कर पेशाब करने में व्यक्तिगत आराम और समीक्षा का अंतर होता है।
खड़े होकर पेशाब: खड़े होकर पेशाब करने में शरीर को सहारा मिलता है, जो किसी लोगों को आरामदायक लग सकता है, लेकिन यह किसी भी व्यक्ति के लिए समय की बर्बादी हो सकती है।
बैठ कर पेशाब: बैठकर पेशाब करना शरीर को पूर्णतः आराम देता है, और यह आमतौर पर जब आपको थोड़ी देर बैठे रहने की जरूरत होती है या आराम की आवश्यकता होती है, तब उपयोगी होता है।
🩸 आरोग्य संजीवनी 💊
अगर पेट में गैस बनी हो तो ऐसा क्या खाए की गैस तुरंत निकल जाए? देसी और अंग्रेजी दोनों दवाई बताएं?
आप को पेट के गॅस की समस्या हैं और उस पर दवाईयाॅं चाहते हैं । यह दवाईयाॅं लेने के बजाय, पेट की गॅस ही खलास करना ज्यादा अच्छा रहेगा । उस का सीधा और आसान इलाज मैं आप को बताता हूॅं । आप कमर में जाड वाला एक नाडा बांध लें । एक बल्लस चौडा और देढ-दो हाथ लंबा धोती का तलम कपडा लें । और “ श्री रामदास स्वामी “ जैसे कौपीन लगाए हुए फोटो में दिखते हैं, उसी ढंग से कौपीन लगाएॅं । फिर पेट में ना ही गॅस बनेगी, ना ही दवाई का काम पडेगा । कौपीन लगाने के बाद मे दूसरे अंतर्वस्त्र का भी काम नहीं ।
📚 गुरु भक्ति योग 🕯️
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत महत्व माना गया है। इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। महाभारत काल में कुरुक्षेत्र के युद्ध में भगवद गीता का जन्म हुआ था। इस अद्भुत और शक्तिशाली ज्ञान को उत्पन्न करने वाला कोई और नहीं भगवान श्री कृष्ण हैं, यह एक मात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है। इस साल गीता जयंती 22 दिसंबर 2023 को मनाई जाएगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्री कृष्ण ने कर्म से विमुख हो रहे अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। उपदेश का परिणाम निकला और अर्जुन ने अपना गांडीव उठा लिया और कर्म पथ पर चल पड़े। इसी कारण से गीता को संजीवनी विद्या की संज्ञा दी गयी है।
कहा जाता है, जो जातक इस विशेष दिन पर गीता का पाठ करते हैं, उनके जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। ऐसे में आज हम गीता के कुछ श्लोक यहां साझा करेंगे, जिससे आपको जीवन जीने का सार मिलेगा।
गीता के कुछ खास उपदेश
गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि मनुष्य को फल की इच्छा छोड़कर कर्म पर ध्यान देना चाहिए। मनुष्य जैसा कर्म करता है, उसे फल भी उसी के अनुरूप मिलता है। इसलिए व्यक्ति को अच्छे कर्म करते रहना चाहिए।
श्रीकृष्ण के अनुसार व्यक्ति को खुद से बेहतर कोई नहीं जान सकता, इसलिए स्वयं का आकलन करना बेहद जरूरी है। गीता में कहा गया है कि जो व्यक्ति अपने गुणों और कमियों को जान लेता है वह अपने व्यक्तित्व का निर्माण करके हर काम में सफलता प्राप्त कर सकता है।
श्रीकृष्ण का कहना है कि जो भाग्य में है, वह कहीं से भी भागकर आएगा और जो भाग्य में नहीं है, वह आकर भी भाग जाएगा, फिर चिंता किस बात की? आप सिर्फ कर्म करते रहें।
श्रीकृष्ण के कहा है वह व्यक्ति मुझे प्रिय है जो न सुख के पीछे भागता है, न दुःख से दूर भागता है, न शोक करता है, न वासना करता है, बल्कि चीजों को वैसे ही आने और जाने देता है।
श्रीकृष्ण का कहना है नरक के तीन द्वार हैं – काम, क्रोध और लालच। इन तीनो का त्याग करें।
श्रीकृष्ण कहते हैं शरीर नश्वर हैं पर आत्मा अमर है। यह तथ्य जानने पर भी व्यक्ति अपने इस नश्वर शरीर पर घमंड करता है जोकि बेकार है। शरीर पर घमंड करने की बजाय मनुष्य को सत्य स्वीकार करना चाहिए।
गीता के अनुसार समस्याएं व्यक्ति को भले अकेला कर देती हैं लेकिन उस समय ही व्यक्ति को पता चलता है कि कौन उसके साथ है और कौन नहीं।
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⚜️ एकादशी तिथि के देवता विश्वदेव होते हैं। नन्दा नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ तथा कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है। एकादशी तिथि एक आनंद प्रदायिनी और शुभ फलदायी तिथि मानी जाती है। इसलिये आज दक्षिणावर्ती शंख के जल से भगवान नारायण का पुरुषसूक्त से अभिषेक करने से माँ लक्ष्मी प्रशन्न होती है एवं नारायण कि भी पूर्ण कृपा प्राप्त होती है।
एकादशी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है वो धार्मिक तथा सौभाग्यशाली होता है। मन, बुद्धि और हृदय से ऐसे लोग पवित्र होते हैं। इनकी बुद्धि तीक्ष्ण होती और लोगों में बुद्धिमानी के लिए जाने जाते है। इनकी संतान गुणवान और अच्छे संस्कारों वाली होती है, इन्हें अपने बच्चों से सुख एवं सहयोग भी प्राप्त होता है। समाज के प्रतिष्ठित लोगों से इन्हें मान सम्मान मिलता है।

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