मध्य प्रदेश

गांवों में गहराने लगा जलसंकट, मूंग फसल में पानी की कमी से चिंता में डूबे किसान

मूंग फसल के लिए किसानों खेतों में करा रहे बोर
सिलवानी। ग्रीष्म ऋतु के आगमन के साथ ही ग्रामीण अंचलों में अभी से ही पेयजल संकट गहराना लगा है। जहां नगर व ग्रामीण अंचलों में भू-जल स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है तो किसानों के द्वारा खेतों में कराए जा रहे बोर लगातार फेल हो रहे हैं जिससे पानी को लेकर चिंता बनी हुई हैं। अभी आगामी तीन माह में गर्मियों के दिनों पानी को लेकर परेशानियां का सामना लोगों को करना पडे़गा। बोर में पानी न निकलने से किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। मार्च के आखिरी दिनों में ही गांवों में पेयजल संकट गहराना लगा है तो वहीं आने वाले समय में पानी की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ किसान भी सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था न होने के कारण चिंचित बने हुए हैं। मार्च के आखिरी सप्ताह से ट्यूबवेलों ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। तहसील के मुआर, पटना, बेरखेड़ी, नकटुआ, तिनघरा आदि गांवों से लगे खेतों में जल स्तर लगातार कम हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी उन्हें पानी के लिए परेशान होना पडे़गा।
60 से 75 दिन में तैयार हो जाती है मूंग की फसल
रवि और खरीफ की फसल जो कि 4 से 5 माह में तैयार हो पाती है, लेकिन मूंग की फसल 60 से 75 दिन में तैयार होकर बाजार में आ जाती है। मूंग की फसल बाजार में आने के बाद किसान को रेट भी बेहतर मिल जाते हैं किसान कमल सिंह ने बताया कि मूंग के रेट बाजार में अच्छे मिलते है। मूंग विक्रय से प्राप्त राशि का उपयोग धान की रोपाई किए जाने में उपयोग हो जाता है। किसान राजकुमार गौर ने बताया कि उनके स्वयं के द्वारा मूंग फसल में सिंचाई के लिए खेत में बोर कराया लेकिन करीब 200 फिट तक पानी नहीं किनला जिससे बोर फेल हो गया। उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ सिंचाई के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
पानी की कमी से मूंग की फसल होगी प्रभावित
जल स्तर लगातार कम होने से मूंग की फसल में किसान समय से सिंचाई नहीं कर पाएंगे। मूंग की फसल में समय पर सिंचाई करने को लेकर अनेकों किसानों के द्वारा खेतों में पानी के लिए ट्यूबवेल बोर कराया, लेकिन दो सौ फिट तक पानी नहीं निकलने से किसान मायूस हो गए। तथा किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
तहसील क्षेत्र में बढ़ रहा है मूंग का रकबा
किसान का रूझान मूंग की फसल की बोवनी की तरफ लगातार बढ़ रहा है। प्रति वर्ष किसान मूंग की बोवनी का रकबा बढ़ाते जा रहे है। बीते साल करीब 7 हजार हेक्टेयर में तहसील के किसानों के द्वारा मूंग की फसल की बोवनी की गई थी। इस करीब 15 हजार हेक्टेयर में किसानों के द्वारा मूंग की फसल लगाई जाएगी।

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