कृषिपर्यावरणमध्य प्रदेशव्यापार

उन्नत खेती एवं पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती एवं स्वास्थ्य जल संरक्षण, पौधारोपण पर कार्यशाला सम्पन्न

भारतीय किसान संघ ने किया आयोजन
रिपोर्टर : कमलेश अवधिया
साईखेड़ा । भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत जिला नरसिंहपुर तहसील साईखेडा में आरसी मेरिज गार्डन में आयोजित कार्यक्रम में उन्नत खेती एवं पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती एवं स्वास्थ्य जल संरक्षण पौधारोपण से किसानी एवं किसान एवं किसान आधारित खाद्य प्रसंकरण बिषय पर आधारित व्याख्यान में मुख्य अतिथियौं ने रखे विचार। भारतीय किसान संघ के प्रांत सगंठन मंत्री भरत पटेल ने सम्वोधित करते हुए कहा कि हमारी कृषि ऋषि परम्परा पर आधारित है हमारे पूर्वजो ने उसी ज्ञान ओर अनुसंधान के आधार हजारो साल तक गोवंश आधारित खेती से हमारी मिट्टी को रसायन मुक्त उर्वरा बनाए रखा जिसके कारण हमे जैविक अनाज ओर उत्तम पोषटिक उत्पाद पंचगव्य, दूध दही, घी, मठा, गोवर से देशी खाद जीवामृत प्राप्त होता था परंतु हमारी आधुनिक जीवन शैली में परिवर्तन आने के कारण आज उपकरण आधारित खेती अपनाने से गोवंश उपेक्षित हुआ जिसका दुषपरिणाम स्वरूप हमे रासायनिक खेती अपनाने से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव दिखाई दे रहें है इसलिए आज जैविक खेती की ओर हमें भूमि सुपोषण अभियान चलाने की आवशयकता है जिसके तहत प्रकृति से आत्मीयता पूर्ण जुडाव रखने की जरूरत है भूमि का शोषण नही दोहन की आवशयकता है इसलिए हमे अपने खेतो की मेडो पर पौधारोपण जिसमें बांस फलदार बृक्ष, अमरूद, आम, नीवू, आवला आदि एवं गोपालन को भी बढावा देने की जरूरत है जिससे जेविक उत्पाद खाद प्राप्त होगा और अतिरिक्त आय भी बढेगी किसान आत्मनिर्भर बनेगा। भरत पटैल के मार्गदर्शन के बाद मुख्य अतिथ विनीत महेशवरी ने अपने उदबोधन में किसान एवं किसानी आधारित उद्योग एक दूसरे के पूरक हैं किसान को यदि अपनी आय को दोगुना करना है तो उसको प्रयोग धर्मी होना चाहिए उन्होंने प्रति एकड़ उत्पादन बढ़े एवं किसान समृद्धि हो और किसान को लागत कम और फायदा ज्यादा हो इसके लिए उन्नत तकनीक उत्तम बीज और उन्नत तरीके से खेती करने पर जोर दिया प्रमुख रूप से उन्होंने कृषको को सभी फसलों को फसल चक्र के तौर पर अपनाने की सलाह दी क्योंकि एक ही फसल यदि सभी किसान लगाएंगे तो ना तो उनको उचित दाम मिलेंगे और ना ही उचित उत्पादन साथ ही उन्होंने कहा कि किसानी के अनाज वर्गीय सभी जिन्स का समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है पर एक दो फसलों को छोड़कर समर्थन मूल्य मिलता नहीं है केवल गन्ना किसानों को समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है उस पर जरूर किसानों को समर्थन मूल्य मिल पाता है और किसान लाभान्वित होते हैं उन्होंने ने किसान संघ के सफल आयोजन की बधाई देते हुए अभार जताया एवं हमेशा किसानों के लिए सहयोग करता रहूंगा क्योंकि मेरा मानना है कि किसान एवं उद्योग एक दूसरे के पूरक हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि साधना स्थापक ने कहा कि मैं ओर मेरे परिवार की प्रष्ठभूमि मूल किसान परिवार की है हमने हमेशा किसानों-मजदूरों के संघर्ष को महसूस किया है और किसान संघ ने आज आज इस कार्यक्रम आयोजित कर खेती ओर किसान एवं पर्यावरण संरक्षण पौधारोपण प्रसंस्करण उद्योग आधारित आध्यात्मिक खेती पर बल दिया है जों आज की महती आवश्यकता है इसलिए सभी किसानों को आज के आर्थिक विकास के युग में सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता है हमे विकसित भी होना है आधुनिक जीवनशैली में बदलाव कारण तकनीकी ज्ञान का उपयोग भी करना है परन्तु हमें प्रकृति संरक्षण करते हुए पारंम्परिक बीज मोटा अनाज जों हमारे स्वास्थ्य को भी ठीक रखता है कम सिंचाई में अधिक उत्पादन देने वाली फसलों का चयन कर अंतरवर्तीय फसलों का चयन कर किसान अपनी आय को बढ़ाते हुए खेती आने वाली पीढ़ी की धरोहर है क्योंकि आने वाली पीढ़ी का उत्तम स्वास्थ्य रखने के लिए हमें रसायन एवं विष मुक्त खेती करना ही पड़ेगी साधना स्थापक ने भी सफल आयोजन की बधाई देते हुए अभार व्यक्त किया एवं मेधावी छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं प्रदान की मंच संचालन कर रहे राकेश खेमरिया ने सभी अतिथियों का किसानों एवं प्रांत जिला तहसील ग्राम इकाई अध्यक्ष मंत्री एवं पत्रकार गणों का आभार व्यक्त किया। सभी कार्यकर्ताओं को सफल आयोजन की बधाई दी।

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