मध्य प्रदेश

रसोई गैस सिलेंडर से लेकर रसोईघर की हर चीजों के दामों में बेहताशा वृद्धि, थाली से घट रहा स्वाद


दैनिक उपयोगी खाद्य सामग्रियों पर इतनी महंगाई कभी नहीं देखी
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन।
भारत देश प्रदेश में कमर तोड़ महंगाई डायन नहीं बल्कि डायनासौर हो गई है। यह मैसेज इन दिनों जिले भर में बड़े जोरशोर से खूब चल रहा है।खैर मौजूदा स्थिति में यह बात पूरी तरह से फिट हो रही है। आमतौर पर खाद्य सामग्री सहित दैनिक उपयोग की वस्तुओं सहित खाद्य तेलों में इतनी महंगाई पहले कभी नहीं देखी।
दालों सब्जियों और तेल मसालों के दाम भी तेजी से बढ़ते ही चले जा रहे हैं। महंगाई की मार से गरीबों की थाली से स्वाद गायब होता जा रहा है।जिसका असर सबसे ज्यादा गरीबों और मिडिल क्लास तबके पर पड़ रहा है। वर्ष 2020 में आए कोविड 19 के लॉक डाउन के बाद से अभी तक कारोबार पूरी तरह से पटरी पर नहीं आ सका है। रायसेन जिले के 8 हजार से ज्यादा परिवार इससे प्रभावित हुए हैं। कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर की वजह से जिले के हजारों लोगों का रोजगार छिन गया है।कई दुकानें भी बंद हो गई है।
कई व्यापार भी खुलने के बाद दैनिक खर्चा नहीं निकलने से न के बराबर ही चल रहे हैं। कई दुकानदारों की दुकानों का 3 से महीने का किराया अपनी जेबों से भरना पड़ा है। ऐसी स्थिति में बेतहाशा महंगाई ने लोगों को बुरी तरह से परेशान कर रखा है।
रसोई पर पड़ा ज्यादा असर….
कोविड के इस दौर में अच्छा खाने की नसीहत तो दी जा रही है। लेकिन पिछले लगातार दो सालों से महंगाई की मार पड़ने से हर तबके के लोग तंग आ चुके हैं।
रसोई गैस सिलेंडर की कीमत अब 1 हजार होने पर उतारू है। खाद्य तेल अब भी 2500 रुपये प्रति 15 लीटर कैन बिक रही है। जो पहले 1200 से 1500 रुपये की थी। मसालों में 30 से 50 रुपये किलो ग्राम तक बढ़त है।दालें 100 रुपये से कम नहीं हो पा रही है। 70 रुपये किलो बिकने वाली तुअर दाल 110 से 120 रुपये किलोग्राम बिक रही है। फुटकर चीजों के अलावा हर खाद्य सामग्री के भावों में इजाफा है। जिससे 3 हजार में आने वाली एक परिवार के महीने भर का सौदे का पर्चा अब 5 से 8 हजार रुपये तक का बन रहा है। इसका असर रसोई पर ज्यादा पड़ रहा है।
सिलेंडर भी नहीं भरवा पा रहे हितग्राही…
पीएम उज्ज्वला गैस योजना के तहत सरकारों ने महिलाओं गरीब परिवारों को धुओं से मुक्ति का स्लोगन देकर गैस सिलेंडर और चूल्हा तो उपलब्ध करवा दिए हैं। लेकिन रसोई गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी बन्द होने से और रसोई गैस सिलेंडर के दाम लगातार बढ़ने से इसकी रिफलिंग पर असर पड़ा है। स्थानीय गैस एजेंसियों के संचालकों के अनुसार 20 से 30 फीसदी रिफलिंग अब कम हो चुकी हैं।पीएम उज्ज्वला योजना में जिन घरों में गैस सिलेंडर गया था। वह कम ही रिफिल करा रहे हैं। रिफलिंग कम होने के कारण लगातार बढ़ते रसोई गैस सिलेंडरों के तेजी से बढ़ते दामों ने सभी को हैरत में डाल दिया है। जो रसोई गैस सिलेंडर पिछले साल सब्सिडी के साथ 450 रुपये करीब का था। वह रसोई गैस सिलेंडर 1000 रुपये क पार हो चुका है। ऐसे में कम आमदनी वाले लोगों ने रसोई गैस सिलेंडर रिफिल करवाना ही लगभग बन्द कर दिया है।
अब हरी सब्जियों के दाम भी आसमान पर…

बारिश की लंबी खींच और बिगड़ते मौसम के कारण हरी सब्जियों की कम पैदावार कम हो ने से सब्जियों के भाव भी आसमान छू रहे हैं। बारिश के मौसम में हर साल 10 से 20 रुपये प्रति किलो बिकने वाली हरी सब्जियां फिलहाल 40 से 60 और 80 रुपये किलो बिक रही है। प्याज, टमाटर, लौकी, गिल्की , पालक, हरी मिर्च के दाम 40 से लेकर 100 रुपये तक पहुंच गए हैं। इसके अलावा लहसुन और आलू , अदरक के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं। अन्य सब्जियां भी 40 से 50 रुपये किलो बिक रही हैं।मालूम हो कि बीच में सब्जियों के दाम कम हो जाने से लोगों को कुछ राहत जरूर मिली थी।

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