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जल्द बनेगा बरेली रेलवे स्टेशन, पांच सौ चौदह करोड़ की मंजूरी

जबलपुर-इंदौर रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी शुरू
केंद्रीय बजट में रेलवे परियोजना को मिले 514 करोड़, आरवीएनएल का सर्वे का काम प्रारंभ
जमीन अधिग्रहण करने की तैयारियां शुरू

रिपोर्टर : मधुर राय
बरेली। जबलपुर से बुधनी होकर इंदौर तक लगभग 342 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन परियोजना से बरेली नगर मैं रेल का होगा आगमन और अब नगर बरेली भी नहीं रहेगा रेलवे लाइन से अछूता। और बनेगा रेलवे स्टेशन हालांकि बरेली नगर क्षेत्र से गुजरने वाली इस रेल लाइन की काम की गति बढ़ गई है। केंद्रीय सरकार ने इस परियोजना को गति देने के लिए इस साल 2023 के बजट में लगभग 514 करोड रुपए की स्वकृति दी है इस परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी रेलवे के रेल विकास निगम लिमिटेड आरवीएनएल को दी गई है और आरवीएनएल ने इसके लिए सर्वे और जमीन अधिग्रहण का काम भी शुरू कर दिया है पहले चरण में इंदौर से बुधनी के बीच लगभग 198 किलोमीटर दूरी की नई रेल लाइन बिछाने का काम होगा इसके लिए आरवीएनएल इस लाइन के लिए लगभग 1587 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करेगी इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है दरअसल बजट न मिलने की वजह से यह काम पिछले 5 सालों से अटका पड़ा हुआ था
चुनाव को देखते हुए मिला परियोजना का बजट
रेलवे ने 2016-17 मैं जबलपुर गाडरबारा बुधनी इंदौर नई रेल लाइन परियोजना को हरी झंडी दिखाई थी लेकिन बजट ना मिलने की वजह से इसका काम बीते 5 वर्षों से अटका रहा नई लाइन के लिए सर्वे का काम तक नहीं हो सका इस साल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने नई रेल परियोजना के लिए बजट स्वीकृत किया जिसके बाद इसे गति मिल गई अब आरवीएनएल पश्चिम मध्य रेलवे की मदद से इस परियोजना को स्वरूप देने में जुट गया है पहले चरण में इंदौर से बुधनी तक का सर्वे का काम और जमीन अधिग्रहण होना है
नई रेल लाइन से 8 घंटे मे होगा सफर तह
जबलपुर से इंदौर जाने में अभी 10 घंटे का समय लगता है लेकिन नई लाइन से यह सफर करीब 8 घंटे में तय होगा इस परियोजना में जबलपुर से गाडरवारा तक रेल लाइन नहीं बनेगी यह पुरानी रहेगी गाडरवारा से उदयपुरा होकर बुधनी नसरुल्लागंज, खातेगांव, इंदौर तक नई रेल लाइन बनेंगी जिसकी दूरी 342 किलोमीटर है इस नई रेल लाइन में लगभग 7500 करोड़ की लागत आएगी जिसमें 61 से ज्यादा बड़े ब्रिज और 77 छोटे ब्रिज होंगे वही इसमें 18 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे जिसमे से एक बरेली में होगा इतना ही नहीं इसमें 5 किलोमीटर की दो टनल भी होगी। पहले चरण में इंदौर बुधनी के बीच लगभग 1500 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने की तैयारी है।
जमीन के बदले मिलेंगे रुपए, नौकरी नहीं
रेलवे ने जमीन अधिग्रहण करने के लिए तैयारियां की है हालांकि इस बार रेलवे जमीन के बदले नौकरी नहीं सिर्फ रुपए देगा दरअसल 2016-17 में इस परियोजना को स्वीकृति मिली थी तब जमीन के बदले नौकरी देने का प्रावधान था लेकिन पश्चिम मध्य रेलवे ने 2019 तक जमीन अधिग्रहण मामलों में नौकरी दी है और अब नौकरी का प्रावधान खत्म कर दिया है। परियोजनाओं में देरी होने के कारण हजारों किसान और जमीन मालिक और उनके परिजनों का रेलवे में नौकरी करने का सपना अब सपना ही रहेगा हालांकि जमीन के दाम भी उन्हें कलेक्ट्रेट गाइडलाइन के मुताबिक ही दिए जाएंगे।
यह है स्थिति
5 साल में इस परियोजना को बजट के नाम पर हर बर्ष इतनी बड़ी राशि आवंटित नहीं कि गई । लेकिन पहली बार रेलवे बोर्ड ने इतनी बड़ी राशि इस परियोजना को दी है जबकि 5 साल पहले इंदौर से बुधनी तक की रेल लाइन का भूमि पूजन भी किया जा चुका था लेकिन बजट न मिलने से यह काम शुरू नहीं हो पाया। अभी यह परियोजना सिर्फ कागजों पर है इसे अब जमीन पर लाने के लिए सर्वे का काम शुरू हो रहा है जिसमें करीब 3 से 4 माह तक का वक्त लग सकता है।
इस संबंध में राहुल श्रीवास्तव, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पश्चिम मध्य रेलवे का कहना हे कि जबलपुर से गाडरवारा होते हुए बुधनी से इंदौर तक नई रेल लाइन बिछाने के लिए इस बार रेलवे ने 514 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं इस परियोजना का कार्य रेलवे विकास निगम लिमिटेड करेगा जल्द ही उनके द्वारा सर्वे और जमीन अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया जाएगा है।

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