ज्योतिष

आज का पंचांग आज का पंचांग गुरुवार, 25 जनवरी 2024

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
गुरुवार 25 जनवरी 2024

25 जनवरी 2024 दिन गुरुवार को पौष मास के शुक्ल पक्ष कि पुर्णिमा तिथि है। आज स्नान-दान एवं व्रत आदि की पुण्यतमा पुर्णिमा है। इसे पौषी पुर्णिमा भी कहा जाता है। आज माता शाकंभरी देवी जी की जन्म जयन्ती है। आज शाकंभरी नवरात्र की समाप्ती हो जाती है। आज अभिजीत नक्षत्र की निवृत्ति हो जाती है एवं प्रयागराज में आज से ही माघी मेला अर्थात कल्पवास जिसमें यम-नियम एवं संयम सहित पूरे मास प्रयाग संगम तट पर रहना होता है। आज सर्वार्थसिद्धियोग एवं गुरु-पुष्य योग के साथ ही सर्वार्थSमृतसिद्धियोग एवं रवियोग भी है। । आप सभी सनातनियों को “माता शाकंभरी देवी के जन्म जयन्ती” की हार्दिक शुभकामनायेँ।।
मंगल श्री विष्णु मंत्र :-
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
☄️ दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)
गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए।
गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।
गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।
इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ अयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर शिशिर ऋतु
⛈️ मास – पौष मास
🌕 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – गुरुवार पौष माह के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि 11:23 PM तक उपरांत प्रतिपदा
📝 तिथि स्वामी – पूर्णिमा तिथि के देवता हैं चंद्रमा। इस तिथि में चंद्रदेव की पूजा करने से मनुष्‍य का सभी जगह आधिपत्य हो जाता है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र पुनर्वसु 08:16 AM तक उपरांत पुष्य
🪐 नक्षत्र स्वामी – पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी गुरु बृहस्पति होता है.और राशि स्वामी बुध हैं. नक्षत्र की देवी अदिति हैं.
🔊 योग – विष्कुम्भ योग 07:32 AM तक, उसके बाद प्रीति योग
प्रथम करण : विष्टि – 10:33 ए एम तक
द्वितीय करण : बव – 11:23 पी एम तक बालव
🔥 गुलिक कालः- गुरुवार का (शुभ गुलिक) 03:33:00 से 05:08:00 तक
⚜️ दिशाशूल – बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल – दिन – 1:30 से 3:00 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:38:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:22:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:26 ए एम से 06:20 ए एम
🌆 प्रातः सन्ध्या : 05:53 ए एम से 07:13 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:12 पी एम से 12:55 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:20 पी एम से 03:03 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:51 पी एम से 06:18 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 05:54 पी एम से 07:14 पी एम
💧 अमृत काल : 03:29 ए एम, जनवरी 26 से 05:14 ए एम, जनवरी 26
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:07 ए एम, जनवरी 26 से 01:00 ए एम, जनवरी 26
🌸 गुरु पुष्य योग : 08:16 ए एम से 07:12 ए एम, जनवरी 26
सर्वार्थ सिद्धि योग : पूरे दिन
💦 अमृत सिद्धि योग : 08:16 ए एम से 07:12 ए एम, जनवरी 26
❄️ रवि योग : 07:13 ए एम से 08:16 ए एम
🚓 यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-किसी विप्र को पीले वस्त्र भेंट करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – भद्रा/स्नान-दान पूर्णिमा/सर्वार्थसिद्धि योग/गुरुपुष्य संयोग/ शाकंभरी देवी नवरात्री समाप्ति/ शाकंभरी पुर्णिमा/ माघ स्नान प्रारम्भ/ हज़रत अली जन्म दिवस/ पुर्णिमा समाप्ति रात्रि 11.23/ अमृत सिद्धि योग/ चुनाव आयोग स्थापना दिवस, राष्ट्रीय मतदाता दिवस, मशूहर सिंगर कविता कृष्णमूर्ता जन्म दिवस, लाइब्रेरी शेल्फी दिवस, राष्ट्रीय विपरीत दिवस, राष्ट्रीय आयरिश कॉफी दिवस, राष्ट्रीय फ्लोरिडा दिवस, पर्यटन दिवस, जागतिक कृष्टरोग निर्मूलन दिन, हिमाचल प्रदेश स्थापना दिवस, अंतर्राष्ट्रीय कस्टम एवं उत्पाद दिवस, नेशनल टूरिज्म डे, (National Tourism Day)
✍🏼 विशेष – पूर्णिमा को घी एवं प्रतिपदा को कुष्मांड खाना एवं दान करना दोनों वर्जित बताया गया है। पूर्णिमा तिथि एक सौम्य और पुष्टिदा तिथि मानी जाती है। इसके देवता चन्द्रमा हैं तथा यह पूर्णा नाम से विख्यात है। यह शुक्ल पक्ष में ही होती है और पूर्ण शुभ फलदायी मानी गयी है।
🛕 Vastu tips 🏚️
वास्तु के मुताबिक, पानी के नल को और शावर को घर की उत्तर पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। वॉश बेसिन को भी उत्तर या फिर ईशान कोण पर होना चाहिए। वहीं गीजर को घर के आग्नेय कोण पर होना चाहिए। नहाने के लिए उपयोग में आने वाला बाथ टब भी आप उत्तर या ईशान कोण में रख सकते हैं। साथ ही घर से पानी के निकासी की व्यवस्था उत्तर दिशा में करवानी चाहिए। इन सब के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण बात का ध्यान रखना चाहिए कि पानी के नल और शावर को उपयोग करने के बाद सही ढंग से बंद कर देना चाहिए, क्योंकि अगर इससे पानी टपकता है तो घर में धन संबंधी दिक्कतें आती हैं और कई तरह की समस्यायें लगी रहती हैं।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक, यानी बिजली से जुड़े सामान या गर्मी उत्पन्न करने वाले उपकरणों को कभी भी उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं रखना चाहिए। इस स्थिति को जितना हो सके, अवॉयड करना चाहिए। अन्यथा ऐसा करने से रिश्तों में अनबन की स्थिति आती है। कोई भी एक-दूसरे की बात को ज्यादा तवज्जों नहीं देते हैं।
🔑 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
अपच की समस्या- जल्दबाजी में खाने खाने से मुंह में सलाइवा सही से काम नहीं कर पाता है। इससे कार्ब्स सही तरीके से पच नहीं पाता है। लंबे समय तक जल्दी खाना खाने की आदत अपच का कारण बन सकती है। इतना ही नहीं इससे खाना बिना ब्रेकडाउन हुए ही भोजन नाली में पहुंच जाता है और डाइजेस्ट करने में परेशानी होती है। इसलिए खाने को अच्छी तरह से चबा-चबाकर खाना चाहिए।
गला हो सकता है चोक- कई बार जल्दबाजी में खाना खाने से गला चोक होने का खतरा रहता है। जल्दी जल्दी खाने से भोजन गले में अटक जाता है, जिससे चोकिंग हो सकती है। चोकिंग एक ऐसी परेशानी है जो आपकी जान भी ले सकती है। ऐसी समस्याओं से बचने के लिए खाने के अच्छी तरह से चबाकर खाएं।
🍂 आरोग्य संजीवनी 🍁
जड़ी बूटियों का भापः आयुर्वेद से मान्यता प्राप्त जड़ी बूटियों में विभिन्न तरह के दर्दनिवारक गुण पाए जाते हैं। जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए कुछ जड़ी बूटियों को उबाला जाता है और उसकी भाप के जरिए प्रभावित हिस्से का इलाज किया जाता है।
तेल मालिशः आयुर्वेद में अभ्यंग (औषधीय तेल से मालिश) को काफी प्रभावी उपचार माना जाता है। इस उपाय का इस्तेमाल सिर्फ जोड़ों के दर्द में नहीं बल्कि कई समस्यायों से राहत पाने के लिए किया जाता है। इसमें कई तरह के आयुर्वेदिक तेलों का इस्तेमाल किया जाता है। प्रभावित हिस्से की तेल मालिश से मरीज को जल्दी आराम मिलता है।
🌹 गुरु भक्ति योग 🌸
आपने अक्सर सुना होगा जो व्यक्ति लालच करते हैं और जिनकी आदत मांगने कि होती है उनसे हर कोई अपना पीछा छुड़ाना चाहता है। ऐसे लोगों की तुलना रुई से भी हल्की की है। आइए जानते हैं आचार्य श्री गोपी राम से हमने अपनी नीति में इस तरह के लोगों के बारे में आगे क्या बताया है।
तृण लघु तृणात्तूलं तूलादपि च याचकः।
वायुना किं न नीतोअ्सौ मामयं याचयिष्यति।।
आचार्य श्री गोपी राम ने अपनी इस नीति में कहते हैं कि तिनका बहुत हल्का होता है और उससे भी हल्की होती है रुई। वहीं रुई से भी हल्का हमने मांगने वाले व्यक्ति को बताया है। अगर मांगने वाला रुई से इतना ही हल्का होता है तो हवा क्यों नहीं उसे उड़ाकर ले जाती है। इसके पीछे छिपा है मांगने वाला स्वभाव, अगर हवा मांगने वाले व्यक्ति को उड़ा कर ले जाएगी, तो उसे इस बात का डर है कि कहीं ये भी मुझ से कुछ मांग न ले। यही सोच कर हवा पीछे हट जाती है।
व्यक्ति की इस एक आदत से लोग रहते हैं उससे दूर हम अपनी इस नीति से यही समझाने की कोशिश करते हैं और कहते हैं कि तृण यानी तिनका संसार में सबसे हल्का होता है, तिनके से हल्की रुई होती है और रुई से ज्यादा हल्का मांगने वाला याचक होता है। सवाल ऐसे में यह खड़ा होता है कि यदि मांगने वाला रुई से हल्का है तो हवा क्यों नहीं उसे रुई की तरह उड़ाकर ले जाती है? ऐसा इसलिए है क्योंकि हवा भी मांगने वाले से घबराती है कि कहीं मैं इसके पास गई तो यह मुझसे कुछ मांग न ले। इस भय से वह उसे उड़ा कर नहीं ले जाती है।
आखिरी में निराशा लगती है हाथ कुल मिलाकर हम यहां पर यही समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि किसी से कुछ मांगना सबसे अच्छी आदत नहीं होती। जो व्यक्ति दूसरों से कुछ न कुछ मांगते रहते हैं उनसे हर कोई दूरी बना लेता है। मांगने वाले व्यक्ति के हाथ कुछ भी नहीं लगता है, कहते भी हैं “बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख”, मतलब मांगने वाले व्यक्ति के हाथों कुछ भी नहीं लगता है। बिना मांगे उसे जीवन में सब कुछ मिल जाता है।
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⚜️ हमारे वैदिक सनातन धर्म में हर मास की पूर्णिमा को कोई-न-कोई व्रत-त्यौहार होता ही है। आज दत्तात्रेय भगवान जी की जन्म जयन्ती है। जिनकी कुण्डली में चन्द्रमा की दशा चल रही हो उसे पूर्णिमा के दिन उपवास रखना अर्थात व्रत करना चाहिये। जिनके बच्चे कफ रोगी हों अर्थात सर्दी, जुकाम, खाँसी और निमोनियाँ समय-समय पर होती रहती हो उनकी माँ को वर्षपर्यन्त पूर्णिमा का व्रत करना और चन्द्रोदय के बाद चंद्रार्घ्य देकर व्रत तोड़ना चाहिये।
पूर्णिमा माता लक्ष्मी को विशेष प्रिय होती है। इसलिये आज के दिन महालक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से मनोवान्छित कामनाओं की सिद्धि होती है। पूर्णिमा को शिवलिंग पर शहद, कच्चा दूध, बिल्वपत्र, शमीपत्र, फुल तथा फलादि चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। पूर्णिमा को शिव पूजन में सफ़ेद चन्दन में केशर घिसकर शिवलिंग पर चढ़ाने से घर के पारिवारिक एवं आन्तरिक कलह और अशान्ति दूर होती है।

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