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जड़ी बूटी की दुकान पर बिक रहे थे वन्य प्राणियों के अंग, अधिकारियों ने किया जब्त

रिपोर्टर : बलवीर सिंह रघुवंशी
विदिशा। शुक्रवार शाम को शहर के बड़ा बाजार में वर्षों पुरानी जड़ी बूटी से बनी औषधि बेचने वाले एक पंसारी की दुकान में वन विभाग की टीम ने छापा मारा, जहां अमले ने बड़ी मात्रा में वन्य प्राणियों के अंग और प्रतिबंधित पौधे बरामद किए।
वन विभाग ने दुकानदार और उसके एक कर्मचारी को हिरासत में ले लिया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वन्य प्राणियों के अंगों को औषधि और जादू टोना के उपयोग के नाम पर बेचा जा रहा था।
मालूम हो, शहर के सबसे प्रमुख बड़ा बाजार क्षेत्र में सुंदरलाल वैद्य के नाम पर एक वर्षों पुरानी दुकान है, जहां अब सुंदरलाल के बच्चे और पोते कारोबार करते है।
इस दुकान पर जड़ी बूटी से बनी औषधियां बेची आयुर्वेदिक उपचार के नाम पर बेची जाती है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें इस दुकान पर वन्य प्राणियों के अंग बेचे जाने की सूचना मिली थी।
जब विभाग की टीम दुकान पर पहुंची तो पहले दुकानदार ने इस तरह की कोई भी सामग्री बेचने से इनकार किया लेकिन जब वन अमले ने दुकान के ऊपर बने गोदाम में खोजबीन की तो बोरियों में छिपाकर रखे बारहसिंगा और सांभर के सिंग, खरगोश के पुंछ के बाल, साही के कांटे, हाथी दांत का बुरादा और दुर्लभ माने जाना वाला समुद्री पौधा इंद्रजाल भी मिला।
वन विभाग के एसडीओ विजय मोरे ने बताया कि यह इस तरह की सभी की बिक्री प्रतिबंधित है लेकिन दुकान पर इसे बेचा जा रहा था।
टीम ने दुकान के संचालक आशीष जैन के खिलाफ वन्य प्राणी अधिनियम की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया है और दुकान को सील कर दिया है। उन्होंने बताया कि वाइल्ड लाइफ टीम को भी इसकी जानकारी दे दी है। वे भी विदिशा पहुंच कर इसकी जांच करेगी।

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