कृषिमध्य प्रदेश

पान बरेजा को खेती का दर्जा, पान पंचायत बुलाने, पान विकास निगम बनाने की पुरजोर मांग

रिपोर्टर : कुंदनलाल चौरसिया
गौरझामर । पान उत्पादन के पान बरेजो को खेती का दर्जा दिलाने, पान विकास निगम बनाने, पान पंचायत बुलाने, पान अनुसन्धान केन्द्र खोलने आदि मांगो को लेकर अखिल भारतीय आदर्श चौरसिया महासभा दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव चौरसिया विक्की के द्वारा बार बार समाज हित की मांगो को शासन के समक्ष रखा जा रहा है, इन महत्वपूर्ण मांगो के पीछे की मंशा चौरसिया समाज के आर्थिक स्तर को ऊपर उठाना है देखा जा रहा है की चौरसिया समाज का मुख्य पेशा पान बरेजा ही है। पान का यह धंधा कुछ दशको मे काफी पीछे चला गया है इसमे शासन द्वारा इसके उत्थान हेतु कोई कारगर पहल व गम्भीरता पूर्वक सकारात्मक विचार नही किया गया। परिणाम स्वरुप इस व्यवसाय से जुडे गरीब मेहनत कश चौरसिया परिवार के लोग कभी बरेजो मे भीषण आग लगने, कभी पाला पडने, कभी भीषण गर्मी, लपट लगने से पान फसल सूखने, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, तूफान, रोग व्याधी से पान फसल व बरेजे आये दिन नष्ट होने से चौरसियो का आर्थिक सम्बल टूटता रहा है इस विपन्नता के कारण ही पान बरेजो से मोह भंग हो गया अथवा होता जा रहा है चारो तरफ से टूटने व आर्थिक रूप से परेशान होकर इन्होने पान की खेती करना बन्द कर दिया। बता दे की पान बरेजे से लाखो की संख्या मे चौरसिया परिवार सम्बध्य रहे है जिसमे उन्हे अच्छा खासा परम्परागत पुस्तैनी रोजगार मिला हुआ था उल्लेखनीय है की पान का पत्ता सहज पत्ता नही है पान का औषधीय महत्व तो है ही, पान धार्मिक कार्यो, विवाह, पूजा पाठ आदि मे प्रमुख रुप से प्रयोग मे लाया जाता है, पान लवो की शान के कारण पूरे विश्व की जरुरत होने से इसका पान बरेजा व्यवसाय हर हाल मे उन्नत होना चाहिये इसके लिये शासन का बरदहस्त आवश्यक है पान बरेजे का व्यवसाय प्राचीन काल से ही अनवरत चला आ रहा है ऐसे मे इस जमे जमाये पुरातन धन्धे का पराभव बेहद चिन्तनीय है यदि इस व्यवसाय को शासकीय मदद मिलती है तो चौरसिया परिवार के लाखो करोडो युवक जो इस समय बेरोजगार होकर काम धन्धे की तलाश मे यत्र तत्र भटक रहे है उन्हे अपने पान के धन्धे मे वापिस लौटने व लौटाने मे शासन को ज्यादा मशक्कत प्रशिक्षण नौकरी देने की जरुरत नही पडेगी, शासन पान बरेजे को अविलम्ब खेती का दर्जा दे।

Related Articles

Back to top button