मध्य प्रदेश

नए बताकर पुराने विधुत पोलो पर चढ़ा दिया सिल्वर का पेंट, जीएम कम्पनी को किया लाखों रुपये का भुगतान

रिपोर्टर : भगवत सिंह लोधी
दमोह, तेन्दूखेड़ा । स्वच्छता सर्वेक्षण मिशन 2022 में शानदार रैकिंग हासिल कर प्रदेश के मुखिया से वाहवाही लूटने के बाद तेन्दूखेड़ा नगर परिषद का अमला अब अपने काले कारनामों को अंजाम दे रहा है। वैसे तो तेन्दूखेड़ा नगर परिषद हमेशा ही चर्चाओं में बनी रही है लेकिन इस बार ताजा मामला है शहर के मुख्य चौराहों और मुख्य मार्ग को रोशनी से शराबोर करने का, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने खरीदे गए विधुत पोलों की गुणवत्ता पर जरा सा भी ध्यान देना मुनासिफ नहीं समझा जिसके चलते पुराने विधुत पोलों पर चढ़ा सिल्वर रंग अब हाथ में चिपकने लगा है। विधुत पोल को हल्का सा रगड़ने पर कलर हाथों की शोभा बढ़ाने लगता है। जिससे प्रतीत यह होता है कि ये विधुत पोल शायद पुराने खरीदे गए हैं जिन पर रंग रोगन करके नया स्वरूप दिया गया है। जिम्मेदारो ने लाखों रुपये के बिल नए विधुत पोलों के नाम पर लगाकर बन्दरगाट किया है। जोकि चर्चा का विषय बना हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नपा ने गवर्मेंट ई मार्केटिंग पोर्टल कम्पनी से साथ साठगांठ कर पुराने कम वजन वाले विधुत पोलो पर रंग रोगन का लेप कर नया स्वरूप देकर लाखों रुपये के फर्जी बिल बनाकर शासन की राशि को एठने के काम को अंजाम दिया जा रहा है।
जानकारी के लिए बता दे कि तारादेही तिरगड़े से हनुमान जी के मंदिर तक कुल 42 विधुत पोल लगाए जाने है जिनकी स्वीकृत लागत 15 लाख रुपये के आस पास बताई जा रही है।
इस संबंध में शिशिरकांत दुवे, सीएमओ नगर परिषद तेंदूखेड़ा का कहना है कि विधुत पोलों की गुणवत्ता का परीक्षण करने के बाद ही एजेंसी को भुगतना किया जाएगा ।

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