ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग शुक्रवार, 06 जुलाई 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
गुरुवार 06 जुलाई 2023

06 जुलाई 2023 दिन गुरुवार को शुद्ध श्रावण मास के कृष्ण पक्ष कि तृतीया उपरान्त चतुर्थी तिथि है। आज संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत है। चंद्रोदय (रात्रि: 09:43 मिनट पर होगा) के उपरान्त ही चंद्रार्घ्य दिया जाना चाहिए। आज भगवान श्रीसूर्यनारायण आर्द्रा नक्षत्र को छोड़कर पुनर्वसु नक्षत्र में (रात्रि: 02:50 मिनट पर जा रहे) चले जायेंगे। आप सभी सनातनियों को संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत की हार्दिक शुभकामनायें।।
मंगल श्री विष्णु मंत्र :-
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
☄️ दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)
गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए।
गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।
गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।
इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
यदि गुरुवार को स्त्रियां हल्दी वाला उबटन शरीर में लगाएं तो उनके दांपत्य जीवन में प्यार बढ़ता है।और कुंवारी लड़कियां / लड़के यह करें तो उन्हें योग्य, मनचाहा जीवन साथी मिलता है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर वर्षा ऋतु
🌤️ मास – श्रावण मास
🌖 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📅 तिथि : श्रावण मास कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि 06:30 AM तक उपरांत चतुर्थी तिथि 03:12 AM तक उपरांत पंचमी
✏️ तिथि का स्वामी – द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्मा जी और तृतीया तिथि की स्वामी माँ गौरी और कुबेर देव जी है।
💫 नक्षत्र : नक्षत्र धनिष्ठा 12:25 AM तक उपरांत शतभिषा
🪐 नक्षत्र स्वामी : धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल हैं और देवता वसु हैं।
🔊 योग : प्रीति योग 12:00 AM तक, उसके बाद आयुष्मान योग
प्रथम करण : विष्टि – 06:30 ए एम तक
द्वितीय करण : बव – 04:49 पी एम तक
🔥 गुलिक कालः- गुरुवार का (शुभ गुलिक) 03:33:00 से 05:08:00 तक
⚜️ दिशाशूल – बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल – दिन – 1:30 से 3:00 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:14:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 06:46:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:08 ए एम से 04:48 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:28 ए एम से 05:29 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:58 ए एम से 12:54 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:45 पी एम से 03:40 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 07:22 पी एम से 07:42 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 07:23 पी एम से 08:24 पी एम
💧 अमृत काल : 03:06 पी एम से 04:32 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:06 ए एम, जुलाई 07 से 12:46 ए एम, जुलाई 07
🚕 यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-गणेश मंदिर में बूंदी के लड्डू चढ़ाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – श्रावणी गणेश चतुर्थी व्रत (चंद्रोदय रात्रि 10:26 मि.पर)/ सूर्य का पुनर्वास नक्षत्र में प्रवेश/ भारतीय उद्योगपति धीरूभाई अंबानी स्मृति दिवस, समाज सुधारक रामकृष्ण गोपाल भंडारकर जन्मोत्सव, राजनीतिज्ञ बाबू जगजीवन राम पुण्य तिथि, श्यामा प्रसाद मुखर्जी जयंती, विश्व जूनोसिस दिवस, कोमोरोस स्वतंत्रता दिवस, मलावी स्वतंत्रता दिवस, अम्ब्रेला कवर डे, इंटरनेशनल किसिंग डे, नेशनल फ्राइड चिकन डे, लंच डे पर अपने वेबमास्टर को ले जाएं, वर्चुअल असिस्टेंट डे पर वर्चुअली हग करें, पंचक प्रारंभ 13.38
✍🏼 विशेष – चतुर्थी तिथि को मूली एवं पञ्चमी तिथि को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। इस चतुर्थी तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों त्याज्य होता है। इसलिए चतुर्थी तिथि को मूली और तिल एवं पञ्चमी को बिल्वफल नहीं खाना न ही दान करना चाहिए। चतुर्थी तिथि एक खल और हानिप्रद तिथि मानी जाती है। इस चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी हैं तथा यह चतुर्थी तिथि रिक्ता नाम से विख्यात मानी जाती है। यह चतुर्थी तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी गयी है।
🗽 Vastu Tips
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य श्री गोपी राम से जानिए लाफिंग बुद्धा के बारे में। लाफिंग बुद्धा की मूर्ति सम्पन्नता की प्रतीक मानी जाती है। समझा जाता है कि लाफिंग बुद्धा की मूर्ति लगाने से घर में सफलता और सम्पन्नता आती है। वास्तव में हंसते हुए बुद्धा की यह मूर्ति अपने हास्य पूर्ण रूप से घर में खुशियों की वाइब्रेशन उत्पन्न करती है। मुस्कुराना संक्रामक है, हंसी भी लगभग संक्रामक है। किसी भी हंसते हुए व्यक्ति को देखकर हमारे दांत मुंह से बाहर आने के लिए आतुर हो जाते हैं।
लाफिंग बुद्धा भी ऐसा ही एक सुविचारित प्रतीक है। हंसती हुई मूर्ति को देखकर भी मनुष्य प्रसन्नचित हो जाता है। इसलिए इसको घर के मुख्य द्वार के सामने लगाने का विधान किया गया है ताकि घर में हर व्यक्ति हंसते हुए घुसे। जिस घर के निवासी प्रसन्नचित रहते हैं वहां आर्थिक सम्पन्नता खुद ही खींची चली आती है।
बाजार में भी अलग-अलग डिजाइन और आकार में बहुत तरह के लाफिंग बुद्धा मिलते हैं, लेकिन कौन-सा आपके लिए ठीक रहेगा, कौन-सा लाफिंग बुद्धा आपकी परेशानियों के अनुकुल है, यहां सब कुछ जानिए।
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
फलों को चाकू से काटकर क्यों नहीं खाना चाहिए – फलों में पोषक तत्वों की कमी के 3 बड़े कारण होते हैं जो कि प्रकाश, गर्मी और पानी हैं। जब आप फलों को काटते हैं तो ये तीनों चीजें इनके साथ होती हैं। इससे जिंक और मैग्नीशियम जैसे माइक्रो न्यूट्रीएंट्स काटते समय ही गायब हो जाते हैं।
इसके अलावा हवा के साथ इनके रिएक्शन से विटामिन सी भी नष्ट हो जाता है। इतना ही नहीं काटने से किसी फल के श्वसन दर में बढ़ोतरी होती है और शुगर टूटकर कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ती है। इससे फल जल्दी खराब हो जाते हैं, साथ ही फलों का स्वाद और बनावट भी बदल जाती है। इस तरह आप फलों के असली फायदों से अनजान रह जाते हैं।
🍵 आरोग्य संजीवनी 🍶
फाइलेरिया क्या है-फाइलेरिया, एक संक्रामक रोग है जो कि निमेटोड परजीवियों की वजह से होता है। इससे शरीर में सूजन और बुखार हो सकता है। कुछ गंभीर मामलों में ये शरीर की बनावट बदल सकता है जैसे त्वचा का मोटा होना और पैरों में सूजन।
फाइलेरिया किसकी वजह से होता है-फाइलेरिया मच्छरों की प्रजाति के एक कीड़े जो कि खून चूसते हैं, इनकी वजह से ये होता है। इसमें हमारा लसीका तंत्र या लिंफेटिक सिस्टम संक्रमित हो जाता है। लसीका तंत्र शरीर में फ्यूल्ड यानी द्रव पदार्थ के स्तर को संतुलित करता है और आपके शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करता है। पर जब ये कीड़ा आपको काट लेता है ये लसीका तंत्र असंतुलित हो जाता है और फिर इसकी वजह से शरीर में सूजन आ जाती है।
फाइलेरिया के लक्षण-फाइलेरिया से पीड़ित हर तीन में से दो लोगों में गंभीर लक्षण होते हैं। क्योंकि इस बीमारी में सबसे पहले इम्यून सिस्टम प्रभावित हो जाती है और इसकी वजह से शरीर में तीन गंभीर बदलाव आते हैं। जैसे-
सूजन, जो कि पैरों में व्यापक रूप से देख जा सकता है।
लिम्फेडेमा, जिसमें आपके लसीका तंत्र में तरल पदार्थ का निर्माण होता है और ये सूजन और बुखार पैदा करता है।
अंडकोश में सूजन और तरल पदार्थ का निर्माण।
आपकी बाहों, पैरों, स्तनों और महिला जननांगों (योनि) में सूजन और तरल पदार्थ का निर्माण हो सकता है
सिर दर्द
बुखार
📖 गुरु भक्ति योग_
🕯️
आचार्य श्री गोपी राम ने एक श्लोक में विद्या को अमूल्य धन बताया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बिना विद्या रूपी धन के जीवन में कभी सफलता नहीं मिलती है और व्यक्ति को कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके साथ आचार्य श्री गोपी राम ने शास्त्र के माध्यम से जीवन में गुरु के महत्व को भी विस्तार से बताया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बिना गुरु के कोई भी विद्यार्थी विद्या अर्जित नहीं कर सकता है। एक विद्यार्थी के सर्वप्रथम गुरु उसके माता-पिता होते हैं, फिर शिक्षक और विद्यालय के बाद जीवन के अनुभव ही शिक्षक का रूप धारण कर लेते हैं। ऐसे में क्या हम अपने गुरुओं का ऋण लौटा सकते हैं,
एकमेवाक्षरं यस्तु गुरुः शिष्यं प्रबोधयेत् ।
पृथिव्यां नास्ति तद्द्रव्यं यद् दत्त्वा चाऽनृणी भवेत् ।।
इस श्लोक के माध्यम से आचार्य श्री गोपी राम बता रहे हैं कि जिन्होंने ने भी गुरु के रूप में चाहे एक अक्षर का ही ज्ञान क्यों न दिया हो। उनके ऋण से मुक्त होने के लिए इस पृथ्वी पर ऐसी कोई योग्य चीज अबतक बनी नहीं है। इसलिए व्यक्ति को सदैव में गुरु और माता-पिता के चरण छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए। साथ ही उन्हें उन सभी को लोगों को हर समय आदर और सम्मान देना चाहिए, जिन्होंने आपको जीवन में योग्य व्यक्ति बनाया है।
सुखार्थी चेत् त्यजेद्विद्यां त्यजेद्विद्यां विद्यार्थी चेत् त्यजेत्सुखम्।
सुखार्थिनः कुतो विद्या कुतो विद्यार्थिनः सुखम् ।।
शास्त्र नीति के इस श्लोक में आचार्य श्री गोपी राम बता रहे हैं कि जो विद्यार्थी केवल सुख की इच्छा करता है, उसे विद्या का त्याग कर देना चाहिए। इसके अतिरिक्त जो छात्र विद्या ग्रहण करना चाहते हैं, उन्हें सुख के विषय में सोचना भी नहीं चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जो छात्र अभी सुख की कामना कर रहे हैं उन्हें विद्या बोझ के समान लगती है और वह हर समय संघर्ष करते हैं। साथ ही जो छात्र वास्तव में विद्या ग्रहण करना चाहते हैं, वह सभी कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करके अपने लक्ष्य तक पहुंच जाते हैं और अंत में सफलता प्राप्त करते हैं।
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⚜️ चतुर्थी तिथि में तिल कादान और भक्षण दोनों भी त्याज्य है। आज गणपति, गजानन, विघ्नहर्ता श्री गणेशजी की पूजा का विशेष महत्त्व है। आज गणपति कीपूजा के उपरान्त मोदक,बेशन के लड्डू एवं विशेष रूपसे दूर्वादल का भोग लगाना चाहिये इससे मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है।
ज्योतिष शास्त्रानुसार जिस व्यक्ति का जन्म चतुर्थी तिथि को होता हैवह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। चतुर्थी तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्तिबुद्धिमान एवं अच्छे संस्कारों वाला होता है। ऐसे लोग अपने मित्रों के प्रति प्रेमभाव रखते हैं तथा इनकी सन्तानें अच्छी होती है। इन्हें धन की कमी का सामना नहीं करनापड़ता है और ये सांसारिक सुखों का पूर्ण उपभोग करते हैं।

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