मध्य प्रदेश

कृषि भूमि में मुरम डालकर अवैध कॉलोनी का चल रहा खेल

तहसीलदार ने निरीक्षण के दौरान पाई गड़बड़ी, आरआई, खनिज निरीक्षक, पटवारी को जांच प्रतिवेदन के दिए निर्देश
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान | सिहोरा और उसके आसपास कृषि भूमि पर मुरम डालकर अवैध कॉलोनियों का निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है। जिसका न तो डायवर्सन है और न ही टीएनसीपी, लेआउट तक स्वीकृत नहीं है। लोगों को प्लाटिंग के नाम पर खुलेआम धोखा दिया जा रहा है। कॉलोनी अवैध होने पर नगर पालिका से ना तो नक्शा पास होता है न ही बैंक इन को ऋण देता है। लोग अपने आप को ठगा महसूस करते हैं। दिनों – दिन इन माफियाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है। कॉलोनी काटने वालो के पास न तो किसी प्रकार का कॉलोनाइजर लाइसेंस है और न ही रेरा के तहत रजिस्ट्रेशन है, दिन – प्रतिदिन अवैध कालोनिया बनाई जा रही है।
ये है मामला
तहसीलदार सिहोरा शशांक दुबे ने बताया कि मौजा सिहोरा पटवारी हल्का नंबर 06 राजस्व निरीक्षक  खितौला तहसील सिहोरा में स्थित भूमि खसरा न. 6511 रकवा 0.904 है। कृषि भूमि वर्तमान राजस्व अभिलेख में लता पिता नंदकुमार पति कैलाश चैबे के नाम पर दर्ज है। जिसके अंश भाग लगभग 0.20 है. कृषि भूमि पर मुरुम भंडारण का कार्य किया गया था। मुरम के अवैध भडारंण को लेकर खनिज निरीक्षक, आरआई और पटवारी को जांच कर प्रतिवेदन तीन दिन में प्रस्तुत करने के निर्देष दिए गए है।
जमीन का एग्रीमेंट कराकर भू – माफिया खेलते हैं पूरा खेल
सूत्रों की मानें तो भूमाफिया किसी भी खेत तालाब या तलैया को मालिक से खरीदते नहीं है। सिर्फ जमीन मालिक से कुछ रकम देकर जमीन का एग्रीमेंट कराया जाता है। फिर धीरे-धीरे कॉलोनी काट कर जमीन के मालिक से यूज की रजिस्ट्री कराई जाती है। प्रशासन या उच्च अधिकारी यदि कोई कार्रवाई करते हैं तो इसमें भूमाफिया का कुछ भी नहीं बिगड़ता जो भी कार्रवाई होगी वह जमीन मालिक के खिलाफ होगी।
इस संबंध में शशांक दुबे, तहसीलदार सिहोरा का कहना है कि कृषि भूमि पर मुरम डालकर अवैध प्लाटिंग को लेकर जल्द बड़ी कार्रवाई की जाएगी। सिहोरा- खितौला की कई जगहों को चिन्हित किया गया है। ऐसे अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

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