ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग सोमवार, 18 सितम्बर 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
सोमवार 18 सितम्बर 2023

18 सितम्बर 2023 दिन सोमवार को भादपद मास के शुक्ल पक्ष कि तृतीया तिथि है। आज वैनायकी वरद श्रीगणेश चतुर्थी व्रतम् एवं हरितालिका तीज व्रत भी है। लिखा है, “स्त्रीणाम् नित्यकाम्यञ्च” अर्थात अचल सुहाग के लिए प्रत्येक स्त्रियों को हरितलिका तीज व्रत को अवश्य करना चाहिए। इतना ही नहीं और लिखा है, “आलिर्भिहरितायस्मात् तस्यात् सा हरितलिका”। आज चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी है। इसे ढेलहिया चौथ भी कहा जाता है। आज 07:51 PM बजे चंद्रोदय होगा, परंतु आज चन्द्रमा को देखना शास्त्रों के अनुसार मनाही है। आज बिहार में कहीं-कहीं चन्द्र देवता की पुजा भी की जाती है। परन्तु आज स्यमन्तक मणि की कथा अवश्य सुननी चाहिए। इसे उड़ीसा में गौरी तृतीया के नाम से जाना जाता है। आज वाराह भगवान का अवतरण दिवस है। आप सभी सनातनियों को हरितालिका तीज एवं वाराहावतार की हार्दिक शुभकामनायें।।
महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
☄️ दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।
सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – दक्षिणायन
☀️ ऋतु – सौर शरद ऋतु
🌤️ मास – भाद्रपद मास
🌖 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि 12:39 PM तक उपरांत चतुर्थी
✏️ तिथि के स्वामी :- तृतीया तिथि की स्वामी माँ गौरी और कुबेर देव जी और चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेश जी है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र चित्रा 12:07 PM तक उपरांत स्वाति
🪐 नक्षत्र स्वामी – नक्षत्र के स्वामी मंगल ग्रह और अधिष्ठाता देव विश्वकर्मा हैं।
📣 योग – इन्द्र योग 04:24 AM तक, उसके बाद वैधृति योग
प्रथम करण : गर – 12:39 पी एम तक
द्वितीय करण : वणिज – 01:14 ए एम, सितम्बर 19 तक
🔥 गुलिक काल : – सोमवार का शुभ (गुलिक काल) दोपहर 1:30 से 3 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – सोमवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है ।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दर्पण देखकर, दूध पीकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -सुबह -7:30 से 9:00 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदय – प्रातः 06:27:08 AM
🌅 सूर्यास्त – सायं 18:37:06 PM
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:33 ए एम से 05:20 ए एम
🌆 प्रातः सन्ध्या : 04:57 ए एम से 06:07 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:51 ए एम से 12:40 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:18 पी एम से 03:07 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:23 पी एम से 06:47 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 06:23 पी एम से 07:34 पी एम
💧 अमृत काल : 04:23 ए एम, सितम्बर 19 से 06:06 ए एम, सितम्बर 19
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:52 पी एम से 12:39 ए एम, सितम्बर 19
❄️ रवि योग : 12:08 पी एम से 06:08 ए एम, सितम्बर 19
🚓 यात्रा शकुन- मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ सौं सोमाय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-पार्थिव शिवलिंग बनाकर उसका दुग्धाभिषेक करें।
🌳 वनस्पति तंत्र उपाय- पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – हरितालिका तीज/भद्रा/चंद्रदर्शन निषेध/सौर अश्विन मास प्रारंभ, हरितालिका तृतीया, स्वर्णगौरी व्रत, गौरी व्रत (उड़ीसा), चौथ चंद्र पर्व, भारतीय हास्य कवि काका हाथरसी जयन्ती, अभिनेत्री शबाना आज़मी जयन्ती, स्वतंत्रता सेनानी मदन लाल ढिंगरा जन्मोत्सव, चिली स्वतंत्रता दिवस (फिएस्टास पैट्रियस का हिस्सा), विश्व बांस दिवस, विश्व जल निगरानी दिवस, बांस दिवस, राष्ट्रीय एचआईवी/एड्स और वृद्धावस्था जागरूकता दिवस, राष्ट्रीय हिन्दी दिवस (सप्ताह)
✍🏼 विशेष – तृतीया तिथि में नमक का दान तथा भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। तृतीया तिथि एक सबला अर्थात बल प्रदान करने वाली तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह तृतीया तिथि आरोग्यकारी रोग निवारण करने वाली तिथि भी मानी जाती है। इस तृतीया तिथि की स्वामिनी माता गौरी और इसके देवता कुबेर देवता हैं। यह तृतीया तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह तृतीया तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी जाती है
🏘️ Vastu tips 🏚️
वास्तु के 15 आसान उपाय
घर में सप्ताह में एक बार गूगल का धुआं करना शुभ होता है।
गेहूं में नागकेशर के 2 दाने तथा तुलसी की 11 पत्तियां डालकर पिसाया जाना शुभ है।
घर में सरसों के तेल के दीये में लौंग डालकर लगाना शुभ है।
हर गुरुवार को तुलसी के पौधे को दूध चढ़ाना चाहिए।
तवे पर रोटी सेंकने के पूर्व दूध के छींटें मारना शुभ है।
पहली रोटी गौ माता के लिए निकालें।
मकान में 3 दरवाजे एक ही रेखा में न हों।
सूखे फूल घर में नहीं रखें।
संत-महात्माओं के चित्र आशीर्वाद देते हुए बैठक में लगाएं।
घर में टूटी-फूटी, कबाड़, अनावश्यक वस्तुओं को नहीं रखें।
दक्षिण-पूर्व दिशा के कोने में हरियाली से परिपूर्ण चित्र लगाएं।
घर में टपकने वाले नल नहीं होना चाहिए।
घर में गोल किनारों के फर्नीचर ही शुभ हैं।
घर में तुलसी का पौधा पूर्व दिशा की गैलरी में या पूजा स्थान के पास रखें।
वास्तु की मानें तो उत्तर या पूर्व दिशा में की गई जल की निकासी आर्थिक दृष्टि से शुभ होती है। इसलिए घर बनाते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।
🔰 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
क्या खाली पेट केले का सेवन करना चाहिए ?
हां बिल्कुल सेवन करना चाहिए और यह वैज्ञानिक तरह से बिल्कुल परफेक्ट है। परंतु इसके साथ ड्राई फूड दो चार आवश्यक खाना चाहिए।
यह एक अच्छा मिल हो जाएगा। क्योंकि सुबह-सुबह हमारे बॉडी के अस्तर को उठना होता है। क्योंकि सुबह ज्यादा काम करने होते हैं, इसलिए बॉडी को शुगर चाहिए ओरिजिनल शुगर और ओरिजिनल शुगर केला से मिल जाता है, मीठे फल से मिल जाता है । और सुबह-सुबह मीठा फल ही खाना चाहिए।
मीठे फल से हमारे अंदर ओरिजिनल शुगर जिससे हमारी बॉडी चलती है बॉडी को प्राप्त हो जाता है, बॉडी इसे एक्सेप्ट करती है इसलिए केला के साथ कुछ ड्राई फूड अवश्य ले लेना चाहिए। या शेख बनाकर पी लेना चाहिए।
🍃 आरोग्य संजीवनी 🍁
बरगद का दूध पीने के क्या फायदा है?
चीनी से बने बताशे पर 5-6 बूंद बरगद के दूध को टपकाएं और दिन में 5-7 बार खाएं। ऐसा करने से आपकी यौन शक्‍ति बढ़ेगी और वीर्य पतला भी नहीं होगा। यह प्रयोग आपको दो सप्ताह तक करना होगा।ऐसा नहीं है कि यह केवल पुरूषो के लिये ही काम आता है।यह महिलाओ के लिए भी उपयोगी है।
📚 गुरु भक्ति योग 🕯️
“कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली” इस कहावत की वास्तविकता क्या है?
“कहां राजा भोज- कहां गंगू तेली”
यह कहावत क्यों बनी ?
बचपन से लेकर आज तक हजारों बार इस कहावत को सुना था कि “कहां राजा भोज- कहां गंगू तेली” आमतौर पर यह ही पढ़ाया और बताया जाता था कि इस कहावत का अर्थ अमीर और गरीब के बीच तुलना करने के लिए है,
पर भोपाल जाकर पता चला कि इस कहावत का दूर-दूर तक अमीरी- गरीबी से कोई संबंध नहीं है, और ना ही कोई गंगू तेली से संबंध है, आज तक तो सोचते थे कि किसी गंगू नाम के तेली की तुलना राजा भोज से की जा रही है यह तो बिल्कुल ही गलत है, बल्कि गंगू – तेली नामक शख्स तो खुद राजा थे।
जब इस बात का पता चला तो आश्चर्य की सीमा न रही, साथ ही यह भी समझ आया यदि घुमक्कड़ी ध्यान से करो तो आपके ज्ञान में सिर्फ वृद्धि ही नहीं होती बल्कि आपको ऐसी बातें पता चलती है जिस तरफ किसी ने ध्यान ही नहीं दिया होता और यह सोचकर हंसी भी आती है यह कहावत हम सब उनके लिए सबक है जो आज तक इसका इस्तेमाल अमीरी गरीबी की तुलना के लिए करते आए हैं।
इस कहावत का संबंध मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और उसके जिला धार से है, भोपाल का पुराना नाम भोजपाल हुआ करता था।
भोजपाल नाम धार के राजा भोजपाल से मिला।
समय के साथ इस नाम में से “ज” शब्द गायब हो गया और नाम भोपाल बन गया।
अब बात करते हैं कहावत की कहते हैं, कलचुरी के राजा गांगेय ( अर्थात गंगू ) और चालूका के राजा तेलंग ( अर्थात तेली) ने एक बार राजा भोज के राज्य पर हमला कर दिया, इस लड़ाई में राजा भोज ने इन दोनों राजाओं को हरा दिया।
उसी के बाद व्यंग्य के तौर पर यह कहावत प्रसिद्ध हुई “कहां राजा भोज-कहां गंगू तेली” राजा भोज की विशाल प्रतिमा भोपाल के वीआईपी रोड के पास झील में लगी हुई है।
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⚜️ तृतीया तिथि केवल बुधवार की हो तो अशुभ मानी जाती है। अन्यथा इस तृतीया तिथि को सभी शुभ कार्यों में लिया जा सकता है। आज तृतीया तिथि को माता गौरी की पूजा करके व्यक्ति अपनी मनोवाँछित कामनाओं की पूर्ति कर सकता है। आज तृतीया तिथि में एक स्त्री माता गौरी की पूजा करके अचल सुहाग की कामना करे तो उसका पति सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। आज तृतीया तिथि को भगवान कुबेर जी की विशिष्ट पूजा करनी चाहिये। देवताओं के कोषाध्यक्ष की पूजा आज तृतीया तिथि को करके मनुष्य अतुलनीय धन प्राप्त कर सकता है।
तृतीया तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर होता है अर्थात उनकी बुद्धि भ्रमित होती है। इस तिथि का जातक आलसी और मेहनत से जी चुराने वाला होता है। ये दूसरे व्यक्ति से जल्दी घुलते मिलते नहीं हैं बल्कि लोगों के प्रति इनके मन में द्वेष की भावना भी रहती है। इनके जीवन में धन की कमी रहती है, इन्हें धन कमाने के लिए काफी मेहनत और परिश्रम करना पड़ता है।

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