मध्य प्रदेश

गिर गाय ने 16.28, साहीवाल ने दिए 14.45 लीटर दूध : गिर नस्ल की 2 गायों ने जीता पहला व तीसरा पुरस्कार

रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन। मुख्यमंत्री पशुपालन योजना के तहत उच्च भारतीय नस्ल के गो वंश के अधिकतम दुग्ध उत्पादन को लेकर प्रतियोगिता रखी गई। इस प्रतियोगिता में जिले के 20 पशु पालकों द्वारा आवेदन दिए गए थे। इसमें पशुपालन विभाग द्वारा 10 का चयन प्रतियोगिता के लिए किया गया।
इस प्रतियोगिता में 9 प्रतियोगियों ने ही लिया। इनमें से सबसे अधिक दूध देने वाली तीन गो पालकों को नगद राशि से पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता के दौरान एक दिन में सबसे अधिक 16.28 लीटर दूध गिर नस्ल की गाय द्वारा दिया गया। ये गाय गगनवाड़ा बाड़ी निवासी अभिषेेक राजपूत की है। इसलिए उन्होंने पहले पुरस्कार के तौर पर 51 हजार रुपए की राशि वाला प्रथम पुरस्कार दिया गया।
दूसरे नंबर पर साहीवाल नस्ल की गाय रही। इस गाय ने एक दिन में 14.45 लीटर दूध दिया है। इसको लेकर रायसेन के गो पालक सचिन यादव को दूसरे पुरस्कार के तौर पर 21 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई।
तीसरा भी गगनबाड़ा, बाड़ी के गजराज सिंह को 11 हजार रुपए की राशि के तौर पर मिला है। उनकी गिर नस्ल की गाय ने एक दिन में 12.87 लीटर दूध दिया। इस तरह से प्रतियोगिता में तीन प्रतिभागियों का प्रदेश के स्वास्थ्य डॉ प्रभुराम चौधरी द्वारा पुरस्कार राशि प्रदान कर सम्मानित किया।
विजेता नस्ल की गायों की विशेषता
गिर- गुजरात नस्ल की गाय है। इस गाय की खासियत है कि ये गाय भारतीय नस्ल की गायों में सबसे अधिक दूध देने वाली है। इस गाय का काफी सीधा माना जाता है।
साहीवाल- गाय की ये नस्ल पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब के साहीवाल की है। ये गाय कम बीमार पड़ती है, मप्र के लिए अधिक मुफीद है। देशी गायों में गिर से कम पर अधिक दूध देने वाली नस्लों में शामिल हैं।
प्रतिभागी गायों का तीन समय दूध निकाला…..
पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक डॉ प्रमोद कुमार अग्रवाल ने बताया कि भारतीय नस्लों की 9 गायों को प्रतियोगिता के लिए चुना गया था। इन गायों को तीन समय दूध लगाया गया। तीन समय के औसत दूध के आधार पर पहले तीन विजेताओं का चयन किया गया। इनमें प्रथम विजेता गाय ने एक दिन में 16.28 लीटर दूध दिया था।इस अवसर पर उप संचालक पशु चिकित्सा सेवा अधिकारी पीके अग्रवाल, क्लर्क कैलाश रघुवंशी दीक्षित साहब ठाकुर साहब डॉ मनीष श्रीवास्तव आदि उपस्थित हुए।

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