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गुड और बैड टच में अंतर बच्चों को बताएं, और बाल अपराध के प्रति जागरुक बने

आज के व्यस्तता के दौरे जिस प्रकार आज कल मासूम बच्चों के साथ अपराध बढ़ रहे हैं उससे अभिभावकों का चिंतित होना लाजिमी है। बच्चों को घर के अंदर बंद तो नहीं रखा जा सकता। ऐसे में उन्हें किसी भी अप्रिय घटना से बचने के तरीके समझाना जरुरी है क्योंकि हाल के दिनों में स्कूलों में भी बच्चों के साथ कई हादसे हुए हैं।
बच्चों को सतर्क करना इसलिए जरुरी हैं क्योंकि बच्चे बहुत ज्यादा भोले और मासूम होते हैं। उनको अच्छे और बुरे की कोई समझ नहीं होती। जो भी उनको प्यार से बुलाता है वह उसको अपना समझने लगते हैं। उस व्यक्ति के साथ प्यार से बात करने लगते हैं। कई बार तो बच्चे अनजान व्यक्ति के साथ भी चले जाते हैं। बच्चे मन के चंचल और साफ होते हैं वह समझ नहीं पाते कि किसी के दिमाग में क्या है। ऐसे में मां-बाप को चाहिए कि वह अपने बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में जरूर बताएं। ताकि वह किसी शोषण का शिकार ना हो पाएं।
बताएं क्या है बैड टच और गुड टच
बच्चों को नहीं पता कि गुड टच और बैड टच क्या होता है। इसलिए आप उन्हें ना सिर्फ इसके बारे में बताएं बल्कि उन्हें समझाने की कोशिश करें, ताकि वो आसानी से समझ सके। बच्चों को बतायें कि कोई भी अनजान उनके करीब आने का प्रयास करे तो दूर हो जायें और अगर वह उन्हें जबरदस्ती पकड़े तो शोर मचाकर लोगों को बतायें। किसी अनजान की बातों में न आयें और न ही खाने पीने का सामान लें। कोई लालच दे तो भी इंकार कर दें।
गुड टच
बच्चों को बताएं कि अगर घर का कोई सदस्य, मम्मी, पापा, दीदी, गले लगाएं तो वह गुड टच है। इससे बच्चे को कोई नुकसान नहीं होगा। परिवार के सदस्य अगर कोई किस करता है तो वह अच्छा है। कमरे के अंदर जाकर कपड़े बदलना ही गुड मैनर्स है।

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