मध्य प्रदेश

7 साल में मात्र दो ही शुरू हो सकीं अत्याधुनिक प्रयोगशाला

सरकार दे रही दस लाख की मदद, स्कूल नहीं कर पा रहे मापदंड पूरे
ब्युरो चीफ : शब्बीर अहमद
बेगमगंज ।
छात्रों में प्रायोगिक गतिविधिया को बढ़ावा देने के लिए सभी सरकारी व निजी स्कूलों को अत्याधुनिक प्रयोगशाला बनाने के लिए सरकार द्वारा दस लाख रूपए की राशि देने की योजना सरकार ने 2015 मैं बनाई और 2016 से इसका क्रियान्वयन होने लगा लेकिन तहसील में मात्र 2 स्कूल ही इसका लाभ ले पाए हैं शेष सरकारी और प्राइवेट स्कूल अभी तक उपयोजना का लाभ प्राप्त करने के लिए मापदंडों को पूरा नहीं कर पाए या उन्हें इस योजना का लाभ किसी कारण नहीं मिल पाया है । या फिर स्कूल संचालकों को योजना की जानकारी नही है।
शासन की योजना है कि सरकारी व निजी स्कूलों को जिनके पास 12 सो से 15 सो स्कवॉयर फीट भूमी हो और चार सो से अधिक विद्यार्थी हो उन्हें सरकार द्वारा 10 लाख रूपए दिए जाएगें ताकि वे प्रयोगशाला भवन और उपकरण खरीद सकें। लेकिन तहसील में जिन स्कूलों के पास पर्याप्त साधन है उन्होंने भी आवेदन नहीं किया जाना इस बात को दर्शाता है कि स्कूल प्रबंधन को बच्चे को प्रायोगिक गतिविधियों का ज्ञान दिलाने में कोई रूचि नहीं है तो कुछ स्कूल सरकार की शर्तें पूरी नहीं कर पाने के कारण आवेदन नहीं किए है। अटल टिंकरिंग लैब के नाम से बनने वाली अत्याधुनिक लैब की स्कूल में बिजली, कम्प्यूटर लैब, सांइस लैब की सुविधा के होना भी आवश्यक है। जिला सहित तहसील की ज्यादातर सरकारी स्कूलों में प्रयोगशालाएं नहीं है नगर की दो स्कूलों एमएलबी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल एवं सरस्वती विद्या मंदिर हायर सेकेंडरी स्कूल को छोड़ दिया जाए तो कुछ निजी स्कूलों में भी इसकी कमी है। यदि स्कूल प्रबंधन थोडी सी मेहनत करलें तो माना जा रहा है कि तहसील सहित जिले की स्कूलों में प्रयोगशालाए खुल जाएंगी।
बच्चों को मिलेगा लाभ:- सरकारी और निजी स्कूलों में अत्याधुनिक प्रयोग शालाएं यदि स्वीकृत होती है तो इसकी सीधा लाभ स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चो को मिलेगा। प्रत्येक स्कूल में अत्याधुनिक लैब होने से बच्चे विज्ञान सहित अन्य विषयों के प्रायोगिक कार्य अच्छे तरीके से कर सकेगें। गौरतलब है कि अभी तक स्कूलों में प्रयोगशाला न होने से बच्चे चाह कर भी प्रायोगिक कार्य नहीं कर पा रहे हैं।
स्कूल में चार सौ बच्चे होना अनिवार्य: – अटल किटरिंग लैब का लाभ उन्ही सरकारी और निजी स्कूलों को मिलेगा। जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या कम से काम चार सौ हो । चार सौ बच्चों वाले स्कूल संचालक प्रयोगशाला बनाने के लिए ऑन लाइन आवेदन कर सकते हैं। 12 सौ स्क्वॉयर फीट जमीन हाना चाहिए, अत्याधुनिक प्रयोगशाला बनाने के लिए सरकार द्वारा मापदंड तय किए गए है निर्धारित मापदंड के मुताबिक स्कूल के पास कम से कम 12 से 15 सौ स्क्वॉयर फीट जमीन होना चाहिए जिसमे प्रयोगशाला का निर्माण किया जा सके।
इस संबंध में ब्लाक शिक्षाधिकारी नारायण दास साहू का कहना है कि उक्त योजना को लेकर तहसील के सभी हायर सेकेंडरी स्कूलों के आवेदन ऑनलाइन करा दिए गए हैं। क्रमानुसार उसका लाभ स्कूलों को मिलेगा। कई स्कूल मापदंड पूरे नहीं कर पा रहे है और यदि छात्र संख्या है भी तो भूमी नहीं है। यदि जो स्कूल मापदंड पूरे कर रहे हैं उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना चाहिए।

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