मध्य प्रदेश

बाल विवाह ना हो, इसलिए हर प्रयास कर रहे हैं किशोर -किशोरी

दीवार लेखन एवं रेलिया के माध्यम से बाल विवाह रोकने के लगातार प्रयास
ब्यूरो चीफ : भागवत सिंह लोधी
दमोह ! दमोह कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग दमोह के मार्गदर्शन में बाल विवाह रोकने के लिए समस्त विभागों को सख्त से सख्त निर्देश दिए जा रहे है, ग्राम स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर एवं जिला स्तर के समस्त कर्मचारियों को बाल विवाह रोकथाम के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए रखना है ताकि लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया जा सके वहीं जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के किशोर किशोरी साथिया अपने ग्राम स्तर पर दिवार लेखन, रेलिया, एवं पोस्टर चार्ट के माध्यम से अपने-अपने ग्रामों में जागरूकता अभियान चला रहे हैं मध्य प्रदेश में बाल विवाह रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर अधिनियम को पुन: जारी किया है। इसके तहत जिला स्तर पर कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी होंगे। तहसील स्तर पर एसडीएम और विकासखंड स्तर पर सीईओ जनपद पंचायत व महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी होंगे। प्रदेश में बाल विवाह रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे है । 10 मई को होने वाले विवाह आयोजन पर भी नजर रखी जाएगी। जिला स्तर पर बाल विवाह न हों, इसके लिए पूरी व्यवस्था की निगरानी कलेक्टर करेंगे।

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