धार्मिक

एक रात में बना था बड़ी माई माता का प्रचीन मंदिर

क्षेत्र की आस्था का है केन्द्र, नवरात्र में उमड़ती हैं भक्तों की भीड़
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान
उमरियापान। उमरियापान थाने के सामने के सामने स्थित प्राचीन बड़ी माई माता का मंदिर बड़ी ही आस्था केन्द्र है। नवरात्र के समय इस मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ एकत्र होती है। उक्त मंदिर का निर्माण भी किसी आश्चर्य से कम नहीं है। स्थानीयजन बताते है कि उक्त मंदिर का निर्माण मात्र एक रात में पूरा हुआ था। पहले यहां पर एक मैदान हुआ करता है लेकिन जैसे ही सुबह लोग उठे तो वहां पर मंदिर बना हुआ मिला ऐसा यहां के बुजुर्ग बताते हैं। स्थानीय बुजुर्गों बताते है कि यह मंदिर लगभग 400 से ज्यादा वर्षों से स्थापित है। बताया जाता है कि उक्त मंदिर का निर्माण कल्चुरी राजाओं द्वारा कराया गया था। 50 फुट ऊंचे इस मंदिर में नक्कासीदार पत्थरों को जोड़कर बनाया गया गया है जो सैकड़ों वर्षों बाद भी मजबूती के साथ खड़ा है। बड़ी माई माता के दर्शन करने दूर-दूर से श्रद्धालु का तांता लगा रहता है।
स्मरण रहे कि उक्त मंदिर निर्माण क्षेत्र में आस्था का एक बड़ा केन्द्र होने से सालभर यहां पर भक्तों की भीड़ देखी जा सकती है। संवाददाता सतीश चौरसिया ने बताया कि बड़ी माई माता मंदिर में नवरात्र के समय भक्तों की जबरजस्त भीड़ देखी जा सकती है। वहीं कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि माता से जो भी मनोकमनाएं की जाती है वह जरूर पूरी होती है। संवाददाता ने बताया कि क्षेत्रवासियों के यहां शादी.विवाह या कुछ भी शुभ कार्य होते है तो उसका निमंत्रण पहले माता को दिया जाता है। विवाह उपरांत वर.वधु दोनों ही माता से आर्शीवाद लेने के लिये जाते है।
अद्भुत हैं दार्शनिक स्थल
यह स्थान दैविक, दाशर्निक एवं धार्मिक दृष्टि से अद्भुत है। इस स्थान पर पूर्ण शक्ति परिवार है यहाँ राम दरबार, विष्णु भगवान, भगवन शंकर , राधा कृष्ण, हरदौल भैरवबाबा, भगवान गणेश एवं ब्रह्मचारी नंदी, श्री पवन पुत्र हनुमान की प्रतिमा स्थापित हैं। वैसे तो बड़ी माई मंदिर मे श्रद्धालु रोज सुबह महिलाये एवं पुरुष मातारानी के दर्शन के लिए जाते है । लेकिन शारदेय नवरात्र पर्व मे ग्रामीण क्षेत्र के अलावा दूर दूर से श्रद्धालु गण बड़ी माई के दर्शन के लिए आते है । वही शारदेय नवरात्र पर्व पर बड़ी माई मंदिर मे अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया गया । इसके उपरांत भंडारा आयोजन किया गया जो दोपहर 12 बजे आरंभ हुआ देर शाम तक चलता रहा । अखंड रामायण के समापन पर श्री श्री 1008 संत बनवारी महाराज ने सबसे पहले बड़ी माई के दर्शन किए । आयोजक थाना प्रभारी गणेश प्रसाद विश्वकर्मा अपने परिवारजन के साथ बाबा बनवारी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया ।

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