बिन फेरे हम तेरे : मात्र 17 मिनिट में परिजनो की उपस्थिती में संपन्न हुआ दहेज मुक्त विवाह
सिलवानी। बेटी की शादी के लिए एक पिता को पूरी जिंदगी सेविंग करनी पडती हैं क्योकि उसकी शादी के लिए दहेज देना हैं,और समाज को इकठ्ठा कर खाना पीना भी करना। कुल मिलाकर एक खर्चीली शादी, लेकिन जिला रायसेन की तहसील सिलवानी में हुआ आज एक बेटी का विवाह संपन्न। यह विवाह मात्र 17 मिनिट में हो गया और पूरी तरह से दहेज मुक्त था। इस विवाह में फेरे भी नहीं हुए है।
सिलवानी नगर के निवासी संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी हरिप्रसाद दास ने अपनी पुत्री रानी दासी का पूर्णत: दहेज मुक्त विवाह संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी सतीशदास पुत्र दुष्यंत दास आयु 25 वर्ष निवासी बाड़ी तहसील बाड़ी जिला रायसेन के साथ सम्पन्न किया। इस अद्वितीय दहेज मुक्त विवाह को जिसने भी देखा या इस विवाह के बारे में सुना उसने अपनी जुबां से इस अद्वितीय विवाह की खूब तारीफ बयां की।
बिन फेरे हम तेरे
बिन फेरे हम तेरे यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी पर आज सार्थक भी हो गयी, सन्त जी के अनुयायियों की उपस्थिति में व सभी देवी-देवताओं और पूर्ण परमेश्वर कविर्देव जी की स्तुति कर यह विवाह(रमैनी)बगैर कोई फेरे बबीना जाति बंधन के सम्पन्न हुआ।
वर-वधु ने गुरुवचनों को साक्षी मानकर आजीवन एक-दूसरे का सुख—दु:ख में साथ देने का वचन लिया। इससे प्राचीन काल से मानव समाज पर लगे दहेज प्रथा नामक कलंक से छुटकार मिलेगा और फिजूलखर्ची पर विराम लग सकेगा।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का सपना होगा साकार
आज की युवा पीढ़ी के लिए दहेज मुक्त विवाह हैं एक अद्भुत प्रेरणा स्त्रोत, दहेज मुक्त विवाहों (रमैनी) पद्वति से बाल विवाह व पारिवारिक झगड़ों पर अंकुश लगेगा। इसे लेकर संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई अपने गुरुदेव (संत रामपाल जी महाराज जी) के वचनों का पालन करते हुए एक ऐसा विवाह(रमैनी) मानव समाज के सामने पेश कर रहे हैं जो सचमुच में देखने व प्रेरणा लेने के योग्य है।
इन दहेज मुक्त विवाह (रमैनी)में किसी भी प्रकार का दिखावा जैसे न डीजे, न बैंड, न बारात, न भात, न मंडप, न फेरे इत्यादि देखने को नहीं मिलते हैं अपितु अपने गुरुदेव परम् संत रामपाल जी महाराज जी के मुख से उच्चरित 17 मिनट की वाणी (जिसे दूसरे शब्दों में रमैणी कहा जाता है) को साक्षी मानकर जीवन भर एक दूसरे का सुख-दु:ख में साथ देने, प्रेम पूर्वक रहने व किसी भी प्रकार की बुराई (जैसे चोरी-जारी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, बेईमानी, ठगी)न करने का वचन लेते हैं।