Aaj ka Panchang आज का पंचांग शुक्रवार, 24 मार्च 2023
आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
शुक्रवार 24 मार्च 2023
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
👣 24 मार्च 2023 दिन शुक्रवार को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की वासन्तीय नवरात्रि का तिसरा दिन है। आप सभी सनातनी बंधुओं को वासन्नतीय नवरात्रा के तिसरे दिन की माता चंडी की तिसरी स्वरूप माँ चंद्रघण्टा की उपासना की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनायें एवं अनन्त-अनन्त बधाइयाँ। मातारानी से हमारी हार्दिक प्रार्थना यही है, कि आप सभी सनातनियों के सभी समस्याओं का समाधान कर उन्हें सुखद एवं आनंददायी जीवन प्रदान करें।।
🌌 दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।
शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।
शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर वसंत ऋतु
🌤️ मास – चैत्र मास
🌖 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – तृतीया 19:08 PM बजे तक उपरान्त चतुर्थी तिथि है।
✏️ तिथि स्वामी : तृतीया (तीज) के देवता हैं यक्षराज कुबेर। इस तिथि में कुबेर का पूजन करने से व्यक्ति धनवान बन जाता है।
💫 नक्षत्र – अश्विनी 15:27 PM तक उपरान्त भरणी नक्षत्र है।
🪐 नक्षत्र स्वामी : अश्विनी नक्षत्र का स्वामी केतु ग्रह है। – इस नक्षत्र के देवता अश्विनी कुमार है।
🔊 योग – ऐन्द्र 05:42 AM तक उपरान्त वैधृति योग है।
⚡ प्रथम करण : गर – 04:59 पी एम तक
✨ द्वितीय करण : वणिज – 04:35 ए एम, मार्च 25 तक
⚜️ दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो दही खाकर यात्रा कर सकते है।
🔥 गुलिक काल : शुक्रवार का (अशुभ गुलिक) काल 07:53 ए एम से 09:24 ए एम
🤖 राहुकाल (अशुभ) – सुबह 24:30 बजे से 12:00 बजे तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदय – प्रातः 05:58:38
🌅 सूर्यास्त – सायं 18:02:32
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:47 ए एम से 05:34 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:10 ए एम से 06:21 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:03 पी एम से 12:52 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:30 पी एम से 03:19 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:33 पी एम से 06:57 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 06:34 पी एम से 07:45 पी एम
💧 अमृत काल : 24 ए एम से 07:57 ए एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:04 ए एम, मार्च 25 से 12:51 ए एम, मार्च 25
⭐ सर्वार्थ सिद्धि योग : 06:21 ए एम से 01:22 पी एम
❄️ रवि योग : 01:22 पी एम से 06:20 ए एम, मार्च 25
🚓 यात्रा शकुन-शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏻 आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
🤷🏻♀️ आज का उपाय-लक्ष्मी मंदिर में चांदी की श्रंगार सामग्री चढ़ाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – सर्वार्थसिद्धि योग/सौभाग्य सुन्दरी व्रत (गणगौर), भारतीय अधिवक्ता सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा जन्म दिवस, हरिभाऊ उपाध्याय जन्मोत्सव, कवि मुथुस्वामी दीक्षित जन्म दिवस, अभिनेता – इमरान हाशमी जन्म दिवस, प्रथम, इंग्लैण्ड की महारानी महारानी एलिज़ाबेथ पुण्य तिथि, विश्व टी. बी. दिवस, विश्व क्षय रोग दिवस
✍🏼 विशेष – तृतीया तिथि में नमक का दान तथा भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। तृतीया तिथि एक सबला अर्थात बल प्रदान करने वाली तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह तृतीया तिथि आरोग्यकारी रोग निवारण करने वाली तिथि भी मानी जाती है। इस तृतीया तिथि की स्वामिनी माता गौरी और इसके देवता कुबेर देवता हैं। यह तृतीया तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह तृतीया तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी जाती है।
🗽 Vastu tips 🗼
हिंदू धर्म में गाय को परब्रह्म का प्रतीक माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय में समस्त 33 कोटि देवी-देवता रहते हैं। अतः गाय की सेवा से समस्त देव प्रसन्न हो जाते हैं। जन्मकुंडली में चाहे जितना बड़ा दोष हो, ग्रह प्रतिकूल हों या फिर कोई भी बुरी स्थिति हों, गाय की सेवा से सब टल जाते हैं। यही कारण है कि बड़े-बुजुर्ग और संत गायों की सेवा करने की सलाह देते हैं।
गाय को रोटी खिलाने से दूर होंगे सब कष्ट आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार आप यदि सही समय पर गाय को केवल एक रोटी खिला दें तो आपके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। उनके अनुसार गाय को पूरे दिन में विशेष मुहूर्त में रोटी खिलानी चाहिए। ऐसा करने से आपके चाहे जितने भी संकट हो, जैसा भी संकट हो, सब दूर हो जाते हैं।
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
प्रेगनेंसी के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?
अगर आप प्रेगनेंट हैं तो नीचे बताए गए काम बिलकुल न करें :
ज्यादा भारी सामान : गर्भावस्था में कमर दर्द पहले से ही रहता है। ऐसे में भारी वजन उठाना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। पानी की बाल्टी, राशन का सामान जैसी भारी चीजों को उठाने की गलती न करें।
केमिकल युक्त चीजें : साफ-सफाई के लिए केमिकल युक्त चीजों की बजाय प्राकृतिक उत्पादों जैसे कि सिरके या बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करें। इनके इस्तेमाल के दौरान हमेशा दस्ताने पहनकर रखें और मुंह को भी ढक कर रखें। प्रेग्नेंसी में आपको केमिकल युक्त क्लीनिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल बिलकुल नहीं करना है।
सीढियां चढ़ना : गर्भावस्था में सीढियों के लिए भी मना किया जाता है। सीढियां चढ़ने पर गिरने का खतरा रहता है इसिलए ऐसा करने से बचें।
बार-बार झुकना : सोने, झाडू लगाने, कूड़ा साफ करने या कपड़े धोने के लिए बार-बार झुकना पड़ता है। ऐसे काम करने से बचें।
घंटों तक खड़े रहना :अक्सर महिलाएं रसोई में काम करते समय घंटों खड़ी रहती हैं जो कि उनकी सेहत के लिए बिलकुल सही नहीं है। इससे पैरों में सूजन आ सकती है।
🍃 आरोग्य संजीवनी
होने लगता है पेट दर्द: विटामिन सी के ज़्याद इस्तेमाल से पेट में एसिडिक सिक्रीशन बढ़ने का डर रहता है क्योंकि इससे एसिडिटी की आशंका काफी ज्यादा बढ़ जाती है। नींबू में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाई जाती है। अगर इसे आप ज्यादा पिएंगे तो यह पेट में एसिडिक सिक्रीशन बढ़ा देता है। जिसकी वजह से पेट में दर्द होने लगता है। सिर्फ इतना ही नहीं इसकी वजह से उल्टी, पेट झड़ने की प्रॉब्लम शुरू हो सकती है।
कमजोर दांत और छाले: नींबू में पाया जाने वाले साइट्रिक एसिड ओरल टिश्यूज में सूजन पैदा करता है, जिस वजह से मुंह में छाले होने लगते हैं। साथ ही ज़्यादा नीम्बू पानी पीने से आपके दांत भी कमजोर हो सकते हैं। डिहाइड्रेशन: गर्मियों के मौसम में नींबू पानी पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन ज्यादा नींबू पानी डिहाइड्रेशन की वजह बन सकता है। इसका ज्यादा सेवन करने से बार-बार पेशाब लग सकती है।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
माता दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम चन्द्रघंटा देवी है। नवरात्रि की उपासना में चन्द्रघंटा माता की तीसरे दिन पूजा होती है। क्योंकि शास्त्रानुसार तीसरे दिन का बहुत ही महत्व होता है। सन्तों से सुना है, कि आज माता चन्द्रघंटा की पूजा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन एवं दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है। तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियाँ सुनाई देती हैं। माँ चन्द्रघंटा की कृपा से साधक के समस्त पाप और बाधाएँ विनष्ट हो जाती हैं। इनकी आराधना सदैव फलदायी होती है। तथा माता अपने भक्तों के सभी कष्टों का निवारण शीघ्र ही कर देती हैं।
माँ का स्वरूप अत्यंत सौम्यता एवं शांति से परिपूर्ण है। इनको भक्तों के स्वर में दिव्य एवं अलौकिक माधुर्य का समावेश हो जाता है। माता की कृपा से इनके भक्त जहाँ भी जाते हैं अन्य लोगों को भी शान्ति और सुख का अनुभव करवाते हैं। माँ का यह स्वरूप परम शान्तिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचन्द्र होता है। इसलिए इन्हें चन्द्रघंटा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमक वाला बताया गया है।
माता चंद्रघण्टा के दस हाथ हैं तथा दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित रहते हैं। इनका वाहन शेर है तथा सदैव युद्ध के लिए उद्यत रहने की मुद्रा में इनको दर्शाया गया है। फिर भी माता का स्वरूप अत्यंत सौम्यता एवं शान्ति से सदैव परिपूर्ण रहता है। इनकी आराधना से भक्तों को वीरता-निर्भयता के साथ ही सौम्यता एवं विनम्रता भी आती है।
माता अपने भक्तों का सर्वतोमुखी विकास, शरीर एवं शरीर के सम्पूर्ण अंगों में दिब्य कांति तथा अनेक गुणों की वृद्धि कर देती हैं। चन्द्रघंटा अर्थात चाँद की तरह चमकने और सदैव प्रकाशित रहने वाली देवी। नवरात्री के तीसरे दिन माता की विग्रह रूप में पूजा की जाती है। इस दिन श्रद्धा भाव से पूजा के बाद ध्यान एवं साधना करना चाहिये।
●★᭄ॐ नमः श्री हरि नम: ★᭄●
⚜️ तृतीया तिथि केवल बुधवार की हो तो अशुभ मानी जाती है। अन्यथा इस तृतीया तिथि को सभी शुभ कार्यों में लिया जा सकता है। आज तृतीया तिथि को माता गौरी की पूजा करके व्यक्ति अपनी मनोवाँछित कामनाओं की पूर्ति कर सकता है। आज तृतीया तिथि में एक स्त्री माता गौरी की पूजा करके अचल सुहाग की कामना करे तो उसका पति सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। आज तृतीया तिथि को भगवान कुबेर जी की विशिष्ट पूजा करनी चाहिये। देवताओं के कोषाध्यक्ष की पूजा आज तृतीया तिथि को करके मनुष्य अतुलनीय धन प्राप्त कर सकता है।
तृतीया तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर होता है अर्थात उनकी बुद्धि भ्रमित होती है। इस तिथि का जातक आलसी और मेहनत से जी चुराने वाला होता है। ये दूसरे व्यक्ति से जल्दी घुलते मिलते नहीं हैं बल्कि लोगों के प्रति इनके मन में द्वेष की भावना भी रहती है। इनके जीवन में धन की कमी रहती है, इन्हें धन कमाने के लिए काफी मेहनत और परिश्रम करना पड़ता है।