ज्योतिष

15 जून 2025 : को सूर्य का मिथुन में गोचर, गुरु आदित्य राजयोग

Astologar Gopi Ram : आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
—-••●☆सब शिव है☆●••—-
🌞 15 जून 2025 : को सूर्य का मिथुन में गोचर, गुरु आदित्य राजयोग
🔘 HIGHLIGHTS
▪️ रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है।
▪️ इस दिन सूर्य देव की पूजा-भक्ति की जाती है।
▪️ सूर्य देव की पूजा से आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है।
🪐 ग्रहों के राजा सूर्य अब वृषभ राशि को छोड़कर बुध की राशि मिथुन में प्रवेश करने वाले हैं। यह गोचर 15 जून 2025, रविवार के दिन होगा, जिसे मिथुन संक्रांति के नाम से जाना जाता है। सूर्य लगभग एक माह तक मिथुन राशि में स्थित रहेंगे। इस दौरान मिथुन में सूर्य, बुध और गुरु की युति बनेगी, जिसे त्रिग्रही योग कहा जाता है। खास बात यह है कि बृहस्पति लगभग 12 वर्षों बाद मिथुन राशि में प्रवेश कर रहे हैं और बुध भी यहीं विराजमान रहेंगे। सूर्य और गुरु की युति से गुरु आदित्य राजयोग का निर्माण होगा, जो कई राशियों के लिए बेहद शुभ संकेत लेकर आ रहा है। आइए जानते हैं आचार्य श्री गोपी राम से इस गोचर का किन राशियों पर सबसे अधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है।
📅 सूर्य संक्रांति 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, मिथुन संक्रांति तब होती है, जब सूर्य देव सर्वसिद्धि दायक वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करते हैं। इस वर्ष 2025 में मिथुन संक्रांति 15 जून को मनाई जाएगी। ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर, सूर्य देव 15 जून 2025 को सुबह लगभग 06 बजकर 44 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।
पुण्य काल: सुबह 06 बजकर 53 मिनट से दोपहर 02 बजकर 29 मिनट तक।
महापुण्य काल: सुबह 09 बजकर 12 मिनट तक।
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर।
*सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 20 मिनट पर। इस दिन इंद्र योग और शिववास योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं, जो पूजा, जप-तप और दान-पुण्य के लिए अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं। भक्त इस अवसर पर सूर्य देव की पूजा और दान कार्यों में भाग लेकर अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। 👉🏼 इस विशेष काल में स्नान, दान, मंत्र जाप और सूर्य उपासना करने से कई गुना पुण्य की प्राप्ति होती है। 💰 मिथुन संक्रांति पर स्नान-दान के लिए शुभ समय हिंदू पंचांग के अनुसार, मिथुन संक्रांति पर स्नान-दान का शुभ समय सुबह 6 बजकर 53 मिनट से सुबह 9 बजकर 12 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में स्नान-दान करने से विशेष शुभ फल प्राप्त होगा. 💁🏻 *क्या करें स्नान और दान?*
मिथुन संक्रांति के दिन सूर्य से जुड़ी वस्तुएं दान करना विशेष शुभ होता है. इस दिन गेहूं, गुड़, तिल, लाल वस्, लाल फल, लाल चंदन इत्यादि चीजों का दान करने से कई गुना अधिक पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इसके अलावा कपड़ों का दान भी बहुत पुण्यदायी माना गया है. इससे सूर्य दोष दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
🔸 मिथुन संक्रांति का महत्व: मिथुन संक्रांति पर नदी स्नान करना, सूर्य को अर्घ्य देना, व्रत करना, घर की सफाई करना और किसी नए कार्य की शुरुआत करना बहुत ही शुभ होता है। भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर प्रांतों में मिथुन संक्रांति को माता पृथ्वी के वार्षिक मासिक धर्म चरण के रूप में मनाया जाता है, जिसे राजा पारबा या अंबुबाची मेला के नाम से जानते हैं। मिथुन संक्रांति के बाद से ही वर्षा ऋतु की विधिवत रूप से शुरुआत हो जाती है। मिथुन संक्रांति को रज पर्व भी कहा जाता है। आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार मि‍थुन संक्रांति के दौरान वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है इसीलिए सेहत का ध्यान रखना जरूरी होता है।
🔸 मिथुन संक्रांति की पूजा विधि: मिथुन संक्रांति के दिन सिलबट्टे को भूदेवी के रूप में पूजा जाता है। सिलबट्टे को इस दिन दूध और पानी से स्नान कराया जाता है। इसके बाद सिलबट्टे पर चंदन, सिंदूर, फूल व हल्‍दी चढ़ाते हैं। मिथुन संक्रांति के दिन पूर्वजों को श्रद्धांजलि दी जाती है। मिथुन संक्रांति के दिन गुड़, नारियल, आटे व घी से बनी मिठाई पोड़ा-पीठा बनाया जाता है। इस दिन किसी भी रूप में चावल ग्रहण नहीं किए जाते हैं।
🔸 मिथुन संक्रांति का दान: मिथुन संक्रांति पर किसी राहगीर, ब्राह्मण, पुजारी या गरीब को मसूर की दाल, चावल, चीनी, साबुत मूंग, हरी सब्जियों, नमक, विष्णु चालीसा, गन्ने का रस, दूध, दही, गुड़, मसूर, केसर मिश्रित दूध, काले तिल, उड़द की दाल, चमड़े की चप्पल, जूते, छाते, पके केले, बेसन आदि दान कर सकते हैं।
📖 पौराणिक कथा
मिथुन संक्रांति और राजा संक्रांति से जुड़ी एक प्रमुख पौराणिक कथा धरती माता के प्रजनन चक्र से संबंधित है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, प्रकृति ने धरती माता और स्त्रियों को मासिक धर्म का वरदान दिया, जो जीवन और उर्वरता का आधार है। पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में धरती माता ने अपने विकास और पुनर्जनन के लिए एक चक्र शुरू किया। पहले तीन दिनों तक भूदेवी को मासिक धर्म हुआ, जिसे धरती की उर्वरता और प्रकृति के नवीकरण का प्रतीक माना गया।_l
चौथे दिन, भूदेवी को स्नान कराया गया, जिसे वसुमती स्नान कहा जाता है। इस दिन सिलबट्टे की पूजा की जाती है, जो भूदेवी का प्रतीक है। एक अन्य मान्यता के अनुसार, मिथुन संक्रांति से वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है। सूर्य देव जब मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं तो मृगशिरा और आर्द्रा नक्षत्रों का प्रभाव बढ़ता है, जो बारिश की संभावना को जन्म देता है, इसीलिए भक्त सूर्य देव और भूदेवी से अच्छी फसल और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।
🗂️ मिथुन संक्रांति पर 12 राशियों का प्रभाव……
🐑 मेष राशि- सूर्यदेव आपके तीसरे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में तीसरा स्थान भाई-बहनों से संबंध रखता है। साथ ही यह स्थान आपकी अभिव्यक्ति, यानी आपके हावभावों से संबंध रखता है। अतः भाई-बहनों से रिश्ते को और बेहतर करने के लिये और अपनी अभिव्यक्ति की आजादी को बनाये रखने के लिये- इस दौरान रोज सुबह स्नान आदि के बाद सूर्यदेव को नमस्कार करें।
🐂 वृषभ राशि- सूर्यदेव आपके दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में दूसरा स्थान धन तथा आपके स्वभाव से संबंध रखता है। इस महीने सूर्य़देव आपके धन के भण्डार भरेंगे। इस दौरान अचानक धन लाभ होगा। हालांकि 16 जुलाई तक आपका स्वभाव उग्र रहेगा। लिहाजा धन की गति को निरंतर बनाये रखने के लिये और अपने स्वभाव से सबका मन जीतने के लिये- मन्दिर या किसी धर्मस्थल पर नारियल का दान करें।
👩‍❤️‍👨 मिथुन राशि- सूर्यदेव आपके लग्न यानि पहले स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में लग्न स्थान हमारे शरीर तथा मुख से संबंध रखता है। अतः इस स्थान पर सूर्यदेव के गोचर से आपको कई तरह के फायदे होंगे। इस दौरान आप एक राजा के सामान जीवन व्यतीत करेंगे। किसी से किया हुआ वादा पूरा करेंगे। आपके यश-सम्मान में बढ़ोतरी होगी, लवमेट के साथ रिश्ता मजबूत होगा। साथ ही आपकी संतान को भी न्यायालय से लाभ मिलेगा। लिहाजा सूर्यदेव के शुभ फल को बनाये रखने के लिए। सूर्यदेव के मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम:- इससे आपको सूर्यदेव के शुभ फल मिलते रहेंगे।
🦀 कर्क राशि- सूर्यदेव आपके बारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में बारहवें स्थान का संबंध शैय्या सुख से है, परन्तु साथ ही इस स्थान का संबंध व्यय से भी है। सूर्य के इस गोचर से आपको शैय्या सुख पाने में थोड़ी परेशानी हो सकती है, साथ ही आपके खर्चें भी बढ़ेंगे। अतः शैय्या सुख से संबंधित परेशानी से छुटकारा पाने के लिये और बढ़ते खर्चों पर रोक लगाने के लिये- इस दौरान सुबह के समय अपने घर के खिड़की, दरवाजे खुले रखें, ताकि आपके घर के अन्दर सूर्य की उचित रोशनी आ सके।
🦁 सिंह राशि- सूर्यदेव आपके ग्यारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में ग्यारहवें स्थान का संबंध आमदनी और कामना पूर्ति से है। सूर्य़ के इस गोचर से आपकी आमदनी में कुछ गड़बड़ हो सकती है। पैसे मिलने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है। साथ ही अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिये आपको अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। अतः आमदनी में बढ़ोतरी के लिये और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिये- रात के समय अपने सिरहाने पर 5 मूली या 5 बादाम रखकर सोएं और अगले दिन सुबह उठकर उन्हें किसी मन्दिर या धर्मस्थल पर दान कर दें।
👰🏻‍♀ कन्या राशि- सूर्यदेव आपके दसवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में दसवें स्थान का संबंध राज्य और पिता से है। सूर्य़ के इस गोचर से आपको अपने करियर में तरक्की मिलेगी और साथ ही आपके पिता के भी हर काम बनेंगे। अतः अपने करियर में तरक्की पाने के लिये और पिता के कार्यों में सफलता सुनिश्चित करने के लिये- आज से 16 जुलाई तक सिर ढक्कर रखें और सफेद या ऑफ व्हाइट रंग की टोपी या पगड़ी पहनें।
⚖️ तुला राशि- सूर्यदेव आपके नवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में नवें स्थान का संबंध भाग्य से होता है।लिहाजा इस स्थान पर सूर्यदेव के गोचर से आपको अपने कार्यों में भाग्य का साथ मिलेगा। आपके सारे काम एक-एक करके बनने लगेंगे। इन सबका लाभ उठाने के लिये इस दौरान- घर में पीतल के बर्तन उपयोग में लाएं और किसी को पीतल की कोई चीज़ दान में या गिफ्ट में न दें।
🦂 वृश्चिक राशि- सूर्यदेव आपके आठवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में आठवें स्थान का संबंध हमारे स्वास्थ्य से है, हमारी आयु से है। अतः अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिये, लंबी आयु की प्राप्ति के लिये- काली गाय की सेवा करें। साथ ही 16 जुलाई तक जब भी मौका मिले तो बड़े भाई का सहयोग करें।
🏹 धनु राशि- सूर्यदेव आपके सातवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में सातवें स्थान का संबंध जीवनसाथी से है, आपके दाम्पत्य जीवन से है। सूर्य के इस गोचर के प्रभाव से जीवनसाथी का सहयोग पाने में आपको मेहनत करनी पड़ेगी। लिहाजा जीवनसाथी के साथ अपने रिश्ते को बेहतर करने के लिये और दाम्पत्य जीवन में प्यार को बरकरार रखने के लिये- अपने भोजन में से एक हिस्सा निकालकर किसी जरूरतमंद को खिलाएं। इससे आपका पारिवारिक सुख बना रहेगा।
🐊 मकर राशि- सूर्यदेव आपके छठे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में छठे स्थान का संबंध मित्र और शत्रुओं से होता है। लिहाजा आपके जीवन में अगर शत्रुओं की अधिकता हो गई है और दोस्तों की गिनती में कमी आ रही है तो अपने मित्रों की संख्या में बढ़ोतरी के लिये और अपने कामों में दोस्तों का सहयोग पाने के लिये- मन्दिर में बाजरे का दान करें। साथ ही बन्दर को गुड़ खिलाएं। इससे आपके मित्रों की संख्या में वृद्धि होगी।
⚱️ कुम्भ राशि- सूर्यदेव आपके पांचवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्मपत्रिका में पांचवें स्थान का संबंध संतान, विद्या तथा रोमांस से होता है। सूर्यदेव के इस गोचर से आपको विद्या का लाभ मिलेगा। आपको संतान का सुख मिलेगा। गुरु के साथ आपके रिश्ते अच्छे होंगे। लवमेट के साथ रिश्ते बेहतर होंगे। तो 16 जुलाई तक इन सब विषयों का फायदा उठाने के लिये- छोटे बच्चों को कुछ गिफ्ट करें। इससे आपको संतान का सुख मिलेगा। साथ ही आपको विद्या का लाभ मिलेगा। इसके अलावा गुरु और लवमेट के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे।
🐬 मीन राशि- सूर्यदेव आपके चौथे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म पत्रिका में चौथा स्थान भूमि, भवन और वाहन से संबंध रखता है। अतः सूर्य़ के इस गोचर से आपको भूमि, भवन और वाहन का फायदा मिलेगा। इन सबका लाभ उठाने के लिये 16 जुलाई तक- किसी जरूरतमंद को भोजन खिलाएं। इससे आपको मिलने वाले फलों की शुभता सुनिश्चित होगी।

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