अवैध रेत उत्खनन की जांच करने पहुंचा खनिज विभाग का अमला, दो जिलों की सरहद पर मिले रेत के बड़े-बड़े ढेर
रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन। सीहोर और होशंगाबाद सहित नरसिंहपुर जिले के रेत माफियाओं के ओर से रायसेन से गुजरी नर्मदा नदी ब में रेत का अवैध उत्खनन करने के लिए बीच नर्मदा नदी की धार रोककर कोपरा पत्थरों व पाइपों को डालकर मार्ग का निर्माण कर दिया गया था। सीहोर जिले तरफ से पोकलेन मशीने और डंपर दिन रात बीच नर्मदा नदी में रेत का अवैध उत्खनन कर रहे है। जिसकी खबरे आने के बाद रायसेन जिले का खनिज अमला हरकत में आया और बाबरी घाट पहुंचा।
जिला खनिज अधिकारी आरके कैथल माइनिंग इंस्पेक्टर राजीव कदम सहित राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार सहित आरआई, पटवारी व खनिज टीम ने बाबरी घाट में कश्ती से बीच नर्मदा नदी में जाकर अवैध रेत उत्खनन का निरीक्षण किया।
टीम ने नर्मदा नदी में बने सभी अवैध उत्खनन करने के लिए बनाए गए मार्गों का निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट बनाई। बाबरी घाट के पास स्थित नर्मदा नदी में रेत के टापू के पास हुए अवैध रेत उत्खनन को देखने खनिज विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी पहुंचे।
जहां पर अधिकारियों ने नक्शे और जीपीएस लोकेशन से अवैध रेत उत्खनन के स्थल की जांच कर जिले की सरहद को चिन्हांकित किया। बाबरी पथाडा घाट के बीच जमकर रेत का अवैध उत्खनन कर बड़े-बड़े पहाड़ जैसे रेत के ढेर लगा दिए है। जिसका मौके पर टीम ने निरीक्षण कर पंचनामा बनाया है।
करीब 4 घंटे तक टीम ने नर्मदा नदी के टापू सहित अन्य घाटों पर घूम अवैध रेत उत्खनन को देखा गया है। अधिकारियों के ओर से बताया जा रहा है कि जो रेत के अवैध उत्खनन कर ढेर लगाए गए है, वह नर्मदापुरम की सिवनीमालवा तहसील के बाबरी घाट की सीमा में पाया गया है। जिसे लेकर संयुक्त अमले के ओर से विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
नर्मदापुरम जिला खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला ने कहा कि बाबरी घाट नर्मदा नदी में रेत का अवैध उत्खनन का निरिक्षण किया गया है। रेत के नदी के बीच अवैध खुदाई कर रेत के ढेरों का पंचनामा बनाया गया है। सीहोर के अधिकारियों को सूचना दी गई है। वहीं दोनों जिलों के अधिकारियों के साथ कार्रवाई की जाएगी।