आज का पंचांग आज का पंचांग बुधवार, 28 फरवरी 2024

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
जय श्री हरि
🧾 आज का पंचांग 🧾
बुधवार 28 फरवरी 2024
28 फरवरी 2024 दिन बुधवार को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। आज संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी का पावन व्रत है। इसे समान्य भाषा में गणेश चौथ के नाम से भी जाना जाता है। आज की संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत को सनातनी स्त्रियाँ अपने पुत्रों के दीर्घायु हेतु दिन भर अखण्ड उपवास रखकर, सायंकाल में भगवान श्रीगणेश जी की पुजा करने के बाद चन्द्रमा देवता के निकलने (चंद्रोदय:- रात्रि 09:14 बजे) पर उन्हें देखकर अर्घ्य देकर ही व्रत खोलती हैं। आप सभी सनातनियों को “संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी के पावन व्रत” की हार्दिक शुभकामनायें।।
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
☄️ दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।
बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर बसन्त ऋतु
⛈️ मास – फाल्गुन मास
🌖 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – बुधवार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि 04:18 AM तक उपरांत पंचमी
✏️ तिथि स्वामी – चतुर्थी तिथि के देवता हैं शिवपुत्र गणेश। इस तिथि में भगवान गणेश का पूजन से सभी विघ्नों का नाश हो जाता है। यह खला तिथि हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र हस्त 07:33 AM तक उपरांत चित्रा
🪐 नक्षत्र स्वामी – नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है। तथा बुध राशि का स्वामी है।
🔕 योग – गण्ड योग 05:17 PM तक, उसके बाद वृद्धि योग
⚡ प्रथम करण : बव – 03:07 पी एम तक
✨ द्वितीय करण : बालव – 04:18 ए एम, फरवरी 29 तक कौलव
🔥 गुलिक काल : – बुधवार को शुभ गुलिक 10:30 से 12 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक । राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:17:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:43:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:08 ए एम से 05:58 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:33 ए एम से 06:48 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : कोई नहीं
🔯 विजय मुहूर्त : 02:29 पी एम से 03:15 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:17 पी एम से 06:42 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 06:20 पी एम से 07:35 पी एम
💧 अमृत काल : 03:13 ए एम, फरवरी 29 से 05:00 ए एम, फरवरी 29
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:08 ए एम, फरवरी 29 से 12:58 ए एम, फरवरी 29
⭐ सर्वार्थ सिद्धि योग : 06:48 ए एम से 07:33 ए एम
🚓 यात्रा शकुन-हरे फ़ल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
🤷🏻♀️ आज का उपाय-किसी बटुक को कांस्य पात्र भेंट करें।
🌳 वनस्पति तंत्र उपाय-अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – सर्वार्थसिद्धि योग/श्री गणेश चतुर्थी व्रत (चंद्रोदय रात्रि 9:56), कमला नेहरू स्मृति दिवस, राजेन्द्र प्रसाद स्मृति दिवस, दुर्लभ रोग दिवस, विश्व फेसबुक दिवस, शांति स्मृति दिवस – ताइवान, राष्ट्रीय दांत परी दिवस, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, लिनुस पॉलिंग दिवस, जॉन टर्टुरो जन्म दिवस, राष्ट्रीय सार्वजनिक शयन दिवस, राष्ट्रीय चॉकलेट सूफले दिवस, दुर्लभ रोग दिवस यूएसए, विश्व बधिया दिवस, राष्ट्रीय पुष्प डिजाइन दिवस
✍🏼 विशेष – चतुर्थी तिथि को मूली एवं पञ्चमी तिथि को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। इस चतुर्थी तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों त्याज्य होता है। इसलिए चतुर्थी तिथि को मूली और तिल एवं पञ्चमी को बिल्वफल नहीं खाना न ही दान करना चाहिए। चतुर्थी तिथि एक खल और हानिप्रद तिथि मानी जाती है। इस चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी हैं तथा यह चतुर्थी तिथि रिक्ता नाम से विख्यात मानी जाती है। यह चतुर्थी तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी गयी है।
🏘️ Vastu Tips_ 🏚️
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य श्री गोपी राम से जानिए सोने के सही तरीके के बारे में। मुख्यतः चार दिशाएं होती हैं, लेकिन सोने के लिए सभी दिशाओं का चुनाव करना ठीक नहीं होता। वास्तु शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को दक्षिण दिशा या पूर्व दिशा में सिर करके सोना चाहिए, यानि स्वाभाविक तौर पर अपने पैरों को उत्तर या पश्चिम दिशा में रखना चाहिए, लेकिन उत्तर दिशा और पश्चिम दिशा की ओर सिर करके कभी भी नहीं सोना चाहिए।
इन सभी दिशाओं में सोने और ना सोने के बहुत से कारण हैं, जिनके बारे में आज हम आपको बतायेंगे। सबसे पहले जानिए दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोने से क्या होता है। वास्तु शास्त्र में इस दिशा की ओर सिर करके सोना अच्छा माना गया है। इस दिशा में सिर करके सोने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती है, यानि यह दिशा सेहत के लिहाज से बेहतर है।
🔰 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
सुबह खाली पेट तुलसी के पत्ते खाने से क्या होता है
रोज सुबह तुलसी के पत्ते खाने से सर्दी जुकाम से राहत मिल सकती है.
इन पत्तियों के अंदर एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो बैक्टीरिया और वायरस को खत्म कर सकते हैं.
तुलसी के पत्तों की सेवन से इम्यूनिटी को बूस्ट किया जा सकता है.
पाचन तंत्र को सुधारने में तुलसी के पत्ते उपयोगी है
आप रोज सुबह खाली पेट तुलसी के पत्ते चबाते हैं तो गैस और कब्ज से राहत मिल सकती है.
तनाव कम करने में भी तुलसी के पत्ते आपके बेहद कम आ सकते हैं.
तुलसी के पत्तों के सेवन से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है
तुलसी के पत्ते नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करने में मददगार साबित हो सकते हैं.
🩸 आरोग्य संजीवनी 💊
खुनी बवासीर का क्या इलाज है ?
10 मि.ली. अनार के फल का रस दो बार चीनी के साथ
दिन में एक बार पीने के लिए प्रयोग करें।
या
10 ग्राम. अनार के सूखे छिलके के पाउडर में 20 ग्राम चीनी की मात्रा मिलाकर दिन में एक बार सेवन करें।
अस्वीकरण :
घऱेलू नुस्खा का प्रयोग करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। क्योंकि शारीरिक स्वास्थ्य एवं उम्र के आधार पर खुराक़ में अंतर हो सकता है।
📚 गुरु भक्ति योग 🕯️
आज हम आपको एक ऐसी नीति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें हमने कहा है कि जीवन में कुछ फैसले बहुत सोच-समझ कर लेना चाहिए। आखिर क्या है इसके पीछे की नीतियां आइए जानते हैं।
कर्मायत्तं फलं पुंसां बुद्धि: कर्मानुसारिणी।
तथापि सुधियश्चार्याः सुविचार्यैव कुर्वते॥
आचार्य श्री गोपी राम अपनी इस नीति में कर्म के बारे में बताते हुए कहते हैं कि कर्मफल व्यक्ति के कर्म के अधीन ही रहता है। मनुष्य की बुद्धि भी कर्म के अनुसार ही कार्य करती है। फिर भी ज्ञानी व्यक्ति भली-भांति सोच-समझकर ही किसी कार्य को शुरू करते हैं। अगर बिना सोचे समझे आप किसी कार्य को करेंगे तो सफलता हाथ नहीं लगेगी। किसी भी कार्य को करने से पहने उसके लिए एक अच्छी नीति बनाएं तब उस कार्य में जुट जाएं, आपको सफलता निश्चित मिलेगी।
कुछ भी करने से पहले रखें इस बात का ध्यान आचार्य श्री गोपी राम कहते हैं कि मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार फल मिलता है। उनका कहना है कि प्रत्येक बात को अच्छी तरह से सोच समझ कर उसका आंकलन करने के बाद ही उस कार्य पर विचार करना चाहिए। कुलमिलाकर उनका यही कहना है कि बिना-सोचे समझे एकाएक किसी भी कार्य की शुरुआत करना ठीक नहीं है। जो भी कार्य हम करने जा रहे हैं पहले उस पर गंभीरता से विचार कर लें और सही तैयारी के साथ ही उस कार्य को करने में भलाई है। जीवन में निर्णय लेना जरूरी है लेकिन उसके लिए विचार विमर्श भी करना पड़ता है। जो लोग जल्दबाजी में फैसला लेते हैं उन्हें पग-पग पर निराशा हाथ लगती है, वहीं अगर एक सटीक योजना बना कर किसी कार्य को करते हैं तो दिमांग में यह बात स्वीकार होती है कि यहा कार्य में क्यों कर रहा हूं और इसका परिणाम क्या होगा। एकबार मन किसी बात को स्वीकार कर लेता है तो कितनी बार भी निराशा हाथ लगे व्यक्ति की हिम्मत नहीं टूटती है। कहते भी हैं मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।
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⚜️ चतुर्थी तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों भी त्याज्य है। आज गणपति, गजानन, विघ्नहर्ता श्री गणेशजी की पूजा का विशेष महत्त्व है। आज गणपति की पूजा के उपरान्त मोदक, बेशन के लड्डू एवं विशेष रूप से दूर्वादल का भोग लगाना चाहिये इससे मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है।
शास्त्रानुसार जिस व्यक्ति का जन्म चतुर्थी तिथि को होता है वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। चतुर्थी तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान एवं अच्छे संस्कारों वाला होता है। ऐसे लोग अपने मित्रों के प्रति प्रेम भाव रखते हैं तथा इनकी सन्तानें अच्छी होती है। इन्हें धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है और ये सांसारिक सुखों का पूर्ण उपभोग करते हैं।