
रिपोर्टर : तारकेश्वर शर्मा
नई दिल्ली । वैसे, मौका तो था राजस्थान को मिलने जा रही पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने का लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ही अंदाज में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कटाक्ष करने से नहीं चूके। एक दिन पहले ही राजस्थान के पूर्व डेप्युटी सीएम और कांग्रेस के बड़े नेता सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के विरोध में अनशन किया था। कुछ घंटे बाद आज मोदी को इस कार्यक्रम के जरिए राजस्थान की जनता से रूबरू होने का मौका मिला था। 17 मिनट की स्पीच में पीएम ने पहले तो वंदे भारत ट्रेन की खूबियां गिनाईं। कई प्रोजेक्ट के नाम लिए और ‘भाजपा सरकार’ के काम बताए। कांग्रेस की पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए आखिर के दो मिनटों में सीएम गहलोत का नाम लेकर बड़ा इशारा भी दे दिया।
गहलोत पर चुटकी, आपके दो-दो हाथ में लड्डू: दरअसल, राजस्थान में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। इधर पायलट की नाराजगी से राज्य में कांग्रेस पार्टी के सामने राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। एक दिन के अनशन से यही संदेश गया है कि चुनाव से पहले गहलोत बनाम पायलट की सियासी जंग तेज हो सकती है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि सीएम पद को लेकर एक बार फिर से राजस्थान कांग्रेस में खींचतान दिखे। एक चर्चा यह है कि पायलट भी सिंधिया की राह पकड़ सकते हैं। ऐसे माहौल में पीएम ने चुटकी लेते हुए जो कहा, उसके मायने निकाले जा रहे हैं।
पीएम ने कहा, ‘मैं गहलोत जी का विशेष तौर पर आभार व्यक्त करता हूं कि इन दिनों वह राजनीतिक आपाधापी में… अनेक संकटों से वह गुजर रहे हैं। इसके बावजूद विकास के काम के लिए समय निकाल कर आए। रेलवे कार्यक्रम में हिस्सा लिया। मैं उनका स्वागत भी करता हूं, अभिनंदन भी करता हूं। गहलोत जी को कहना चाहता हूं कि आपके दोनों हाथ में लड्डू है। आपके रेल मंत्री राजस्थान के हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन राजस्थान के हैं। आपके तो दो-दो हाथ में लड्डू हैं।’
पीएम ने कहा कि हमारे देश का दुर्भाग्य रहा कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था को भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया था। आजादी के बाद भारत को बड़ा रेलवे नेटवर्क मिला था लेकिन आधुनिकीकरण पर हमेशा राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा। सियासी स्वार्थ को देखकर तय किया जाता था कि कौन रेल मंत्री बनेगा। इसी स्वार्थ से तय होता था कि कौन सी ट्रेन किस स्टेशन के लिए चलेगी।
मोदी ने कांग्रेस की पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि हालत यह थी कि रेलवे की भर्तियों में भी राजनीति होती थी और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता था। हालत यह थी कि गरीब लोगों की जमीन छीनकर उन्हें रेलवे में नौकरी का झांसा दिया गया। रेलवे की सुरक्षा, स्वच्छता, प्लेटफॉर्म की स्वच्छता को भी नजरअंदाज कर दिया गया था। इन सारी परिस्थितियों में बदलाव 2014 के बाद से आना शुरू हुआ है। जब सरकार पर राजनीतिक सौदेबाजी का दबाव हटा तो रेलवे ने भी चैन की सांस ली और नई ऊंचाई पाने के लिए दौड़ पड़ी।
पीएम ने वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा कि दिल्ली कैंट- अजमेर वंदे भारत एक्सप्रेस चलने से जयपुर से दिल्ली आना जाना और आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि तीर्थराज पुष्कर हो या अजमेर शरीफ, आस्था के महत्वपूर्ण स्थलों तक पहुंचने में श्रद्धालुओं को आसानी होगी।