कर्म करने से होता है विकास : ब्रह्मचारी जी महाराज
सिलवानी । मंगलवार को बम्होरी बर्धा में शिवपुराण कथा के चौथे दिन पूज्य ब्रह्मचारी जी महाराज माँगरौल आश्रम वालों ने यह अपने प्रवचन में कही। उन्होंने श्रोताओं को कर्म की महत्ता बताते हुए कहा कि व्यक्ति को निष्काम रूप से अपने कर्म को करते हुए अपने इष्ट को प्रसन्न कर वह भौतिक सुख भी प्राप्त कर लेता है, उसका सर्वांगीण विकास संभव है अतः व्यक्ति को सत्कर्म करने में मन लगाना चाहिए।
शिव पार्वती संवाद को बताते हुए व्यास पीठ से कथा में बताया गया कि शिव के द्वारा पार्वती जी को उनके आश्रम में आने की अनुमति न मिलने पर पार्वती जी ने शिव से कहा कि हे शिव मैं प्रकृति हूँ, मेरे कारण ही शरीर की समस्त इंद्रियों को कार्य करने की शक्ति प्राप्त होती है।मेरे कारण ही आप तप कर पा रहे हैं, मेरी अनुपस्थिति में किसी भी तरह का कर्म संभव ही नहीं है।
कथा में बड़ी संख्या में महिला व पुरूष उपस्थित हो अपने को धन्य कर रहे हैं।