मध्य प्रदेश

दबंगई से चलाई जा रही है पचायतें, कई पंचायतें चला रहे हैं और देख रहे हैं विधायकी के सपने जनता फेर सकती है उम्मीदों पर पानी

ब्यूरो चीफ : भगवत सिंह लोधी
दमोह । बटियागढ़ पंचायत की कई अखबारों में खबरें लगी लेकिन आज तक पंचायतों पर जाकर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया सूत्रों द्वारा सुनने में आ रहा है कि कुछ लोग अपनी दबंगई के दम पर कई पंचायतों के मालिक बने हैं, जिसमें पंचायतों में कराए जा रहे कामों में घोटाले किए जा रहे हैं और फाइलों पर कमीशन खोरी भी चल रही है सूत्रों के हवाले से खबर अपने पद का पूरा पूरा फायदा लिया जा रहा है और पहले भी कई आरोप लगे और कई केस भी चले कलेक्टर द्वारा निष्पक्ष रूप से बटियागढ़ पंचायत की सभी पंचायतें मैं जाकर निष्पक्ष निरीक्षण करना चाहिए और पहले के जितने भी कार्य हैं उनका बजट और कार्य की लागत सभी चेक करना चाहिए क्योंकि पहले भी कई कार्य किए गए । 5 साल का बटियागढ़ पंचायत का पूरा बजट और कार्यों की समीक्षा कर जांच करना चाहिए, रोजगार सहायक से ठेकेदार, जिला पंचायत सदस्य, फिर जिला पंचायत उपाध्यक्ष और अब विधायकी की तलाश में राजनीति के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है, राजनीतिक महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए दमोह जिले के बटियागड में एक रोजगार सहायक ने पहले अपनी पंचायत में और आसपास की एक दर्जन पंचायतों में दूसरों के नाम से ठेकेदारी की। मनरेगा में फर्जीवाड़ा किया जनता ने चुनाव जितवाया और फिर मजदूरों का पेट काट कर जमा किए गए पैसे की दम पर पत्नी को जिला पंचायत उपाध्यक्ष बना डाला। अब तैयारी है पथरिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की, ठेकेदारी से कमाए लाखों की बात हो रही है जिले की
बटियागढ़ जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत सिंगपुर में रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ रहे धर्मेंद्र कटारे की रोजगार सहायक रहते हुए धर्मेंद्र कटारे ने सिंगपुर सहित आसपास की अनेक ग्राम पंचायतों में जमकर मशीनों का खुलकर उपयोग किया गया, फर्जी तरीके से मजदूरों के मस्टर डालकर लाखों रुपए की राशि का सिंगपुर के आसपास की लगभग डेढ़ दर्जन पंचायतों में रोजगार सहायक धर्मेंद्र कटारे ने ठेकेदारी की। पैसा कमाने के लिए रोजगार सहायक ने उन सभी नियमों को ताक पर रखा जिनके अंतर्गत निर्माण कार्य किए जाने थे।पंचायतों में ठेकेदारी करते करते राजनीतिक लालसा जागी पंचायत चुनाव में धर्मेंद्र कटारे ने अपनी पत्नी मंजू कटारे को पहले जिला पंचायत सदस्य बनाया और उसके बाद जिला पंचायत उपाध्यक्ष भी बना लिया। जिला अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए पानी की तरह पैसा बहाया गया इस बात से दमोह की जनता वाकिफ है। पंचायत चुनाव के दौरान ही अपनी पत्नी का खुलकर चुनाव में प्रचार किया, पत्नी को बनवाया जिपं उपाध्यक्ष अब विधायक की दावेदारी के लिए ताल ठोक रहे हैं। फिलहाल धर्मेंद्र कटारे पथरिया विधानसभा से भाजपा की टिकिट की आस लगाए हुए हैं। लेकिन यदि टिकिट नहीं मिली तो क्या निर्दलीय चुनावी रण में उतर सकते हैं। यह कहना अभी मुश्किल है लेकिन यदि हौसले की बात की जाए तो अपनी पत्नी मंजू कटारे को बिना किसी राजनीतिक दल के सहयोग के जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत उपाध्यक्ष बना लेने के चलते धर्मेंद्र कटारे के हौसले जरूर बुलंद हैं। पथरिया विधानसभा से विधायकी का चुनाव लड़ने की आस लगाए बैठे धर्मेंद्र कटारे के लिए ये राह आसान नहीं होगी। रोजगार सहायक के पद पर रहे रोजगार सहायक ने पंचायतों में उपयंत्री से लेकर जिला तहसील और जिला अधिकारीयों की मिलीभगत से पंचायतों में ठेकेदारी कराकर खूब पैसा कमाया और किए गए भ्रष्टाचार में जिला पंचायत उपाध्यक्ष पति धर्मेंद्र कटारे के साथ जिम्मेदार अधिकारी तक शामिल रहे। ग्राम पंचायत गोदनपुर में बनाए गए परकोलेशन टैंको को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है की किस तरह जगह जगह मशीनों से काम करवाए गए और ठेकेदारी की। ग्राम पंचायत में होने वाले इन कार्यों में लापरवाही किए जाने से सहायक के पद से हाथ धोना पड़ा। वहीं पथरिया विधानसभा में जहां भाजपा से बढ़े जिला से लेकर जनपद पंचायत तक वाले प्रत्येक छोटे बड़े काम रोजगार किस तरह सहायक यंत्री ने इसका अब नौकरी जाने के बाद पूर्व रोजगार बड़े दावेदारों की लाइन लगी है, जिनमें सभी जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण में सहायक धर्मेंद्र कटारे के इशारे पर सत्यापन किया और एपीओ ने आखिर सहायक और जिला पंचायत उपाध्यक्ष पति रोजगार सहायक जम कर पैसा कमा रहे है, ग्राम पंचायतों में मनरेगा स्कीम के एपीओ ने इन्हें कैसे जियो टैग किया ? रोजगार सहायक द्वारा कुछ दूरी पर खोदे गए ये परकोलेशन टैंक, पथरिया विधानसभा जहां पर भाजपा और कांग्रेस वहां किसी नए उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है। यह दोनों पार्टियों के सम्पर्क में है।

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