दो बार कुआं मंजूर, दोनों बार सरपंच- सचिव ने निकाल ली राशि पर नहीं किया निर्माण, अब पंचायत सचिव निलंबित

मनरेगा की कपिलधारा योजना में भ्रष्टाचार
सिंगपुरी पंचायत में बाबू शर्मा और रामप्रसाद अहिरवार के नाम पर मंजूर हुए थे कुएं
पीड़ित किसानों ने कूप निर्माण में हुई अनियमितता को लेकर सीएम हेल्प लाइन में भी दर्ज कराई शिकायत
सिलवानी। जनपद पंचायत सिलवानी की ग्राम पंचायत सिंगपुरी उचेरा में एक ही रकबे पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कपिल धारा योजना के तहत दो बार कुआं मंजूर करवाकर राशि निकालने का मामला सामने आया है। यह कुआं एक बार 2013-14 और दूसरी बार 2018-19 में मंजूर हुआ। एक बार 2 लाख 50 हजार और दूसरी बार दो लाख चार हजार रुपए की र की राशि मंजूर हुई, लेकिन यह राशि न तो किसान को मिली और न ही उसका कुआं पूरा बन पाया। इसी गांव के एक अन्य किसान के नाम से भी कुआं मंजूर करवाकर उसकी राशि भी निकाल ली गई और कुएं का निर्माण आधा अधूरा छोड़ दिया गया।
इस अधूरे कुएं में गिरने से किसान की 11 साल की बेटी की मौत भी पिछले साल हो गई थी। दोनों ही किसान लंबे समय से उनके खेतों में कुओं का निर्माण नहीं होने को लेकर शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। सीएम हेल्प लाइन में भी शिकायत की थी। इसके बाद जिला पंचायत सीईओ अंजू भदौरिया ने मामले की जांच कराई है, जिसमें ग्राम पंचायत की सचिव मेघा अहिरवार को दोषी माना गया है और 14 मार्च को उसे निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं।
सिंगपुरी गांव में रहने वाले किसान बाबू शर्मा के पुत्र प्रसन्न शर्मा ने बताया कि उसके पिता के नाम पर 2013-14 में कुआं मंजूर हुआ, लेकिन उसे जेसीसी से 8 फीट खोदकर ही अधूरा छोड़ दिया गया। सरपंच-सचिव ने राशि भी पूरी निकाल ली। इसके बाद 2018-19 में फिर से उनके इस कुएं वाले रकबे पर दो लाख रुपए की राशि मंजूर करवा कर उसे भी निकाला गया है, लेकिन उनका कुआं फिर भी नहीं बना। इस फर्जीवाड़ा की शिकायत कलेक्टर से लेकर सीएम हेल्पलाइन में की गई थी। खेत में जो अधूरा कुआं था, उस पर 35 हजार रुपए स्वयं खर्च कर उसको बंधवा लिया है, ताकि वह सिंचाई के काम आ सके। सिंगपुरी गांव के किसान मुकेश अहिरवार ने बताया कि उनके पिता रामप्रसाद अहिरवार के नाम से 2016-17 में कुआं निर्माण के लिए दो लाख 4 हजार रुपए की राशि मंजूर हुई थी। पंचायत सचिव ने सिर्फ आधा अधूरा कुआं खुदवाकर वैसा ही छोड़ दिया। इससे पिछले साल उसकी 11 साल की बेटी माया खेलते समय कुएं में गिर गई थी।
जांच में खुलासा: दूसरी बार मंजूर करवा ली कुएं के लिए राशि
जनपद पंचायत की जांच में यह बात सामने आई कि सिंगपुरी गांव में 2013-14 में बाबू शर्मा पुत्र सुखनंदन शर्मा के नाम से और रामसिंह पुत्र सूरत सिंह के जॉबकार्ड का प्रयोग कर 2.50 लाख की राशि कुआं निर्माण के लिए स्वीकृत कराई गई थी। इसमें मस्टर के माध्यम से 29,341 रुपए की राशि मजदूरों के खाते में डाली गई, लेकिन देखने दिखाने के लिए जेसीबी से उस समय 8 फीट गहरा गड्डा खोदकर पटक दिया गया। 6 अप्रैल 2018 को ग्राम पंचायत ने इस कपिलधारा कूप को मनरेगा पोर्टल से बंद कर दिया। जब किसान ने कुआं नहीं बनने की शिकायत की तो पंचायत सचिव ने 2018-19 में बाबू/सुखनंदन शर्मा के नाम से उनके ही जॉबकार्ड का प्रयोग कर 2.04 लाख की स्वीकृति प्राप्त की, जिसमें मस्टर के माध्यम से 1,03,008 रुपए की राशि मजदूरों के खाते में डाली गई तथा सामग्री मद से 66 हजार रुपए का व्यय होना बताया गया। इस तरह 1,69,008 रुपए की राशि व्यय होना दर्शाया गया। इतना ही नहीं 34 हजार रुपए सामग्री मद का बिल ग्राम पंचायत से भुगतान के लिए मनरेगा पोर्टल पर दर्ज किया गया, लेकिन किसान को कोई भी राशि नहीं दी गई।
यहां भी फर्जीवाड़ाः एक सड़क के नाम पर तीन बार निकली राशि
सिलवानी तहसील की पंचायत सिंगपुरी में एक सड़क को बनाने के नाम पर तीन बार 21 लाख की राशि निकाल ली गई। यह गोलमाल गांव के पूर्व सरपंच और तत्कालीन सचिव मेधा अहिरवार ने मिलकर किया। फर्जी बिल लगाकर इसका भुगतान भी पंचायत से करवा लिया। दरअसल, बाघराजा से कमल सिंह आदिवासी के मकान तक करीब 110 मीटर रोड का निर्माण कराने के लिए पहली बार 15 अगस्त 2017 को 8 लाख 27 हजार रुपए की राशि की सीसी जारी की गई। फिर इसी रोड के नाम पर 26 जनवरी 2018 को दो बार 2 लाख 82 हजार 500 रुपए और 10 लाख 23 हजार 450 रुपए की राशि जारी की गई। इसी सड़क को दुर्गा के मकान से मेन रोड तक बनाना दर्शाया गया है। इस तरह एक ही सड़क बनाने के लिए करीब 21 लाख 33 हजार 550 रुपए की राशि के बिल लगा कर उसका भुगतान भी पंचायत के खाते से किया गया। इस गड़बड़ी की जानकारी ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने तथ्यों के साथ एसडीएम से पूरे मामले की शिकायत की थी।
निलंबित सचिव को मिलेगा जीवन निर्वाह भत्ता
जिला पंचायत से जारी आदेश में उल्लेख किया है कि म.प्र. पंचायत सेवा (ग्राम पंचायत सचिव भर्ती और सेवा शर्तें) नियम 2011 के नियम 7 एवं सहपठित म.प्र. साधारण खण्ड अधिनियम 1957 के नियम 16 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुये मेघा अहिरवार, पंचायत सचिव, तत्कालीन ग्राम पंचायत सिंगपुरी उचेरा, वर्तमान ग्राम पंचायत चिगवाडा कलां, जनपद पंचायत सिलवानी, जिला-रायसेन को उक्त कदाचरण के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। निलंबन अवधि में मेघा अहिरवार, पंचायत सचिव, ग्राम पंचायत सिंगपुरी उचेरा, जनपद पंचायत सिलवानी जिला रायसेन का मुख्यालय कार्यालय जनपद पंचायत सिलवानी नियत किया जाता है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।
इस संबंध में जनपद पंचायत सिलवानी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीलम रायकवार ने बताया कि ग्राम पंचायत सिंगपुरी में कुआं निर्माण नहीं होने की शिकायत आई थी, जिसकी जांच भी कराई गई है। जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ को भेजा गया था। जिपं सीईओ ने मेघा अहिरवार, पंचायत सचिव, तत्कालीन ग्राम पंचायत सिंगपुरी उचेरा को निलंबित करने की कार्रवाई की है। यदि पंचायत में अन्य गड़बड़ी हुई है तो जांच करा ली जाएगी।