पोड़ी, खिरवा में साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ, बड़ी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु

रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान | उमरियापान ढीमरखेड़ा मार्ग स्थित बड़ी पौड़ी खिरवा सूरदास आश्रम क्षेत्र में बहुचर्चित मंदिर हैं जिसमें लम्बे समय से सीताराम नाम का कीर्तन अनवरण चालू है । प्राकृतिक वातावरण यहां की सुंदरता को दुगनी कर देता हैं। श्रीमद भागवत कथा का वाचक चल रहीं हैं। दूर – दराज से लोग दुकान लेकर के आए और यज्ञ में दुकानों को लगाकर अपने जीवन यापन का साधन का कार्य कर रहे हैं । सूरदास आश्रम में साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ काफी लम्बे अरसे से लगता चला आ रहा हैं। सूरदास आश्रम में सीताराम नाम का कीर्तन लगातार चालू था। यज्ञ 2 मार्च से प्रारंभ हो गया हैं जो कि 9 मार्च तक रहेगा। हिंदू धर्म में यज्ञ का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। यज्ञ एक विशेष धार्मिक प्रक्रिया है जिसके जरिए मनुष्य न सिर्फ भौतिक सुख बल्कि आध्यात्मिक संपदा भी प्राप्त कर सकता है। हिंदू धर्म ग्रंथों, संस्कृत महाकाव्यों में यज्ञ का विवरण बार-बार आता है। यज्ञ मानव जीवन को सफल बनाने के लिए एक आधारशिला है। इसके कुछ भाग विशुद्ध आध्यात्मिक हैं। अग्नि पवित्र है और जहां यज्ञ होता है, वहां संपूर्ण वातावरण, पवित्र और देवमय बन जाता है। यज्ञवेदी में ‘स्वाहा’ कहकर देवताओं को भोजन परोसने से मनुष्य को दुख-दारिद्रय और कष्टों से छुटकारा मिलता है। वहीं हवन में हवन कुंड में अग्नि के माध्यम से देवता के निकट हवी पहुंचाने की प्रक्रिया होती है। हवि, हव्य अथवा हविष्य वह पदार्थ होता है, जिनकी अग्नि में आहुति दी जाती हैं। हवन हिंदू धर्म में शुद्धीकरण का एक कर्मकांड है। शुभ कर्म, श्रेष्ठ कर्म, सतकर्म, वेदसम्मत कर्म सकारात्मक भाव से ईश्वर-प्रकृति तत्वों से किए गए आह्वान से जीवन की प्रत्येक इच्छा पूरी होती है। यज्ञ को शास्त्रों में सर्वश्रेष्ठ कर्म कहा गया है। यज्ञों के माध्यम से अनेक ऋद्धियां-सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं।