फिर पकड़ी गई बिना परमिट की बस अवैध बसों पर आरटीओ नहीं लगा पा रही अंकुश
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान । कटनी जिले में बस संचालक किस तरह से शासन पर हावी है और बिना परमिट के बस संचालित हो रही है लेकिन इस पर कटनी आरटीओ अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है।
उल्लेखनीय है कि कटनी से बहोरीबंद चलने वाली बस क्रमांक- एमपी 21 पी-0343 कई दिनों से बिना परमिट के चल रही थी। इसी बीस कुछ बस संचालकों द्वारा आपत्ति की गई और उनके द्वारा इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को शिकायत भी कई गई कि उक्त बस का परमिट नहीं है लेकिन भ्रष्टाचार में अधिकारी ऐसे सोये हुये है कि उन्हें वैध या अवैध से मतलब ही नहीं है। उनको अपना कमीशन चाहिये।
यहां पर यह उल्लेख करना आवश्यक है उक्त तथाकथित बस संचालक की बस पहले भी बिना परमिट के पकड़ी जा चुकी है और इसके द्वारा जिले के अन्य मार्गों में भी बिना परमिट के बसों का संचालन किया जाता है। इसी तारतम्य बस क्रमांक- एमपी 21 पी-0343 के संचालक कमल कुमार दुआ के द्वारा उक्त बस का संचालन कटनी से बहोरीबंद के बीच संचालित की जा रही और उक्त बस काफी लंबे समय से चल रही थी जबकि उक्त बस बिना परमिट के थी ऐसे में जहां एक ओर शासन को राजस्व की क्षति हो रही है वहीं दूसरी ओर यात्री की यात्रा भी किसी जोखिम से कम नहीं है। चूंकि बिना परमिट के बस चलाना एक अपराध की श्रेणी में आता है और ऐसी स्थिति में यदि कभी उक्त बस से कोई घटना कारित होती तो घटना में प्रभावित लोगों को मुआवजा भी नहीं मिलेगा। मंगलवार को उक्त बस की जांच की गई जिसमें यह पाया गया कि बस का परमिट नहीं तथा काफी खामियां पाई गई। लिहाजा बस को स्लीमनाबाद थाने में खड़े करवाया गया है।
पन्ना हादसे के बाद जागी थी सरकार
यहां पर यह उल्लेखनीय है कि लगभग 4 से 5 वर्ष पूर्व पन्ना में बड़ा बस अग्रिकांड हुआ था और उसमें कई लोगों जिंदा जल गये थे जिसमें जांच के दौरान यह पाया गया कि उक्त बस बिना परमिट के चल रही थी। लिहाजा उक्त अग्रिकांड में मृतकों को किसी तरह की आर्थिक सहायता नहीं मिली थी क्योंकि बस संचालक बिना परमिट के बस संचालित कर रहा था। ठीक इसी प्रकार कटनी में स्थिति निर्मित हो रही है और कई मार्गों में बिना परमिट के बसों का संचालन किया जा रहा है जो एक अपराध है।