मजदूरी के भुगतान की मांग को लेकर आदिवासी परिवार के 12 लोग बैठे वन मंडल गेट पर,

4 महिलाएं, 2 पुरुष व 5 बच्चे शामिल
रिपोर्टर : नीलेश पटेल
देवास । झाबुआ निवासी आदिवासी परिवार के 12 लोग बैठे वन मंडल गेट पर, 4 महिलाएं, 2 पुरुष व 5 बच्चे है वन मंडल में, आदिवासी युवक दिनेश कटारा ने बताया 7 लाख रुपये वन मंडल से बकाया, देवासिया गांव कमलापुर, उदयनगर, खातेगांव रेंज में 45 बाय 45 के गड्ढे खोदने का 3 महीने तक किया था काम, 8 दिनों से वन मंडल में धरना देकर बैठा है परिवार, आदिवासी युवक ने बताया डीएफओ के बंगले से लेके पूरा देवास नाप दिया, तब भी नवंबर से मार्च तक की मजदूरी नहीं मिली, शिकायत के बाद भी नहीं मिल रहा भुगतान, अब वन मडंल के बाहर बैठे आदिवासी भूखे प्यासे, भोपाल में देवास डीएफओ से बात कर यहां पहुंचे थे लेकिन यहां भी नहीं कि जा रही सुनवाई,
बाद में जब मीडिया ने जब डीएफओ से बात की तो उनका कहना था कि हमने मजदूरों का पेमेंट अधिकतर दे दिया है और कुल पेमेंट अब ₹27 हजार बचा है, जब भी मजदूर यहां पर काम करते हैं तो उनका पेमेंट केश में किया जाता है, लेकिन यह मजदूर देवास जिले से बाहर के हैं। इसके चलते रोजाना वन मंडल व अन्य जगह आकर अपनी मजबूरी का फायदा बताकर पैसे देने का दबाव बनाते हैं। उसके बावजूद हम पैसे दे रहे हैं और कुछ जो पेमेंट बचा है वह भी दे दिया जाएगा……
दरअसल देवास जिले में कमलापुर उदयनगर खातेगांव रेंज के वन क्षेत्र में काम करने वाले आदिवासी मजदूरों का पूर्व व वर्तमान बकाया भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। जिसके चलते आदिवासी परिवार 8 दिनों से वनमंडल परिसर में बैठकर भुगतान का इंतजार कर रहे है। परिवार के 12 सदस्य वन मंडल के बाहर बैठकर अपने भुगतान की मांग करते है। कोई भी अधिकारी उनकी सुनने को तैयार नहीं था। जिसके चलते वह भूखे प्यासे घंटों बैठे रहे। इधर सूचना मिलने पर जयस नेता भी मौके पर पहुंचे और वन अधिकारी से बात करने का प्रयास किया। लेकिन अधिकारी ने किसी भी तरह से बातें टालने की कोशिश की गई। वन मंडल अधिकारी शुक्ला ने बोला काफी पेमेंट हमने कर दिया है। जिसका भुगतान भी हमारे पास है। लेकिन कुछ भुगतान अभी किया जाना बाकी है।
आदिवासी मजदूरों का कहना है कि पेमेंट देने के बाद बैंक अकाउंट में की गई थी और हमने बैंक अकाउंट भी दिया था लेकिन उसके बावजूद बैंक में कोई पैसा नहीं आया कुछ पैसा केस में उन्होंने दिया था। लेकिन पूरा पैसा हमें नहीं दिया गया। अभी तक हमारा 7 लाख रुपए के करीबन बचा हुआ है। और पैसे हमें नहीं दिया जा रहा है। इसलिए हम रोजाना 8 दिन से यहां पर आकर बैठे हुए हैं हमें हमारा पेमेंट चाहिए।
बता दें कि डीएफओ अधिकारी ने पेमेंट देने की बात कही है लेकिन पेमेंट 7 लाख रुपये नहीं 27 हजार बकाया देना में बताया है। केशव पेमेंट करने के बावजूद भी मजदूर पैसे देने का दबाव बना रहे हैं जिसके चलते हम देवास कलेक्टर से चर्चा कर के इस विषय पर आगे सिंधिया लेने वह बाहर से मजदूर नहीं बुलाने के विषय पर अपनी बात रखेंगे।